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मीडिया झरोखा
दिग्गी का निजी तो औरों का……?
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब नरेन्द्र मोदी ने वडोदरा में अपने नामांकन के हलफनामे में यशोदाबेन का नाम पत्नी के तौर पर लिखा था। नरेन्द्र मोदी ने एक तरफ अपने विवाहित जीवन का जिक्र क्या किया, कांग्रेस सहित देश के तमाम सेकुलर बयानवीरों ने मोदी पर हमला बोलना शुरू कर दिया।
मोदी की वैवाहिक स्थिति से जुड़े इस निजी मसले को लेकर न जाने कितने ट्वीट्स, कितने विमर्श और कितनी टीवी बहसें हुईं। यशोदाबेन का नाम भी बेवजह खूब घसीटा गया, जबकि उन्हें मोदी से कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन उन्हीं सेकुलर विमर्शकारों और नेताओं का दोहरा चरित्र तब खुलकर सामने आया जब कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की पत्रकार अमृता राय के साथ अवैध संबंधों की तस्वीरें सोशल मीडिया में सामने आईं। तस्वीरों के सामने आने के बाद दिग्विजय ने ट्वीट कर इस रिश्ते को स्वीकार किया एवं इसे अपना निजी मामला बताया। यहां तक कि मीडिया वालों के सवालों के जवाब में उन्होंने न्यूज चैनलों पर मानहानि के मुकदमे करने की धमकी तक दे डाली।
अब सवाल ये है कि जो बुद्धिजीवी कल तक मोदी-यशोदाबेन के मामले में हायतौबा करते नहीं थक रहे थे उनको भी दिग्विजय का यह मामला ह्यनिजीह्णनजर आने लगा। हालांकि यह सच है कि हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत दिग्विजय का यह संबंध अवैध एवं गैरकानूनी है। यदि अमृता के पति आनंद प्रधान शिकायत दर्ज करें तो दिग्विजय को जेल होनी
तय है।
उनका निशान, इनका…
हाल ही में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम में जब मतदान किया था तो वहां मतदान केन्द्र से बाहर निकलते ही उन्हांेने उंगली पर लगी स्याही लोगों को दिखाई और दायां हाथ (कांग्रेस का चुनाव चिन्ह) लहराया था। हैरानी की बात यह रही कि उस तस्वीर को किसी समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या समाज के ठेकेदारों ने मुद्दा नहीं बनाया। यही नहीं, आआपा प्रत्याशी (मीरा सान्याल) ने भी मतदान करने के बाद उंगली का निशान तो दिखाया ही, साथ ही आआपा वाली टोपी भी पहन रखी थी जिस पर झाडू का चिन्ह था। उस पर भी किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन जब भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी ने मतदान क र उंगुली पर स्याही लगा फोटो अपने मोबाइल से खींचा तो यह खबर मीडिया और विश्लेषकों के लिए बड़ी चर्चा का मुद्दा बन गया। हद तो तब हो गई कि जब चुनाव आयोग ने आनन-फानन में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज करवा दिया। यहां सवाल यह उठता है कि क्या किसी को मनमोहन सिंह की उंगुली पर निशान लगा फोटो खिंचवाने पर आपत्ति नहीं हुई या वह कानून के दायरे से बाहर आते हैं।
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