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चीन में करीब दो करोड़ बच्चे ऐसे हैं,जिन्हें मूलभूत सुविधाओं से इसलिए बाहर रखा गया है कि उनके माता-पिता ने उन्हें जनसंख्या नियंत्रण कानून को तोड़कर पैदा किया है। उल्लेखनीय है कि 1970 के दशक में चीन ने जनसंख्या पर नियंत्रण करने के लिए एक बच्चा नीति की घोषणा की थी। इसके अनुसार चीनी दम्पति एक ही बच्चा पैदा कर सकते हैं। हाल ही में इस नीति में कुछ छूट दी गई है। यह छूट नगरों में रहने वाले दम्पतियों को नहीं दी गई है। गांवों में रहने वाले दम्पति की पहली सन्तान यदि लड़की है तो वे दूसरी सन्तान पैदा कर सकते हैं। वे दम्पति भी दो बच्चे पैदा कर सकते हैं,जो दोनों में से एक स्वयं इकलौती संतान हो। जिन बच्चों को जन्म देने में माता-पिता द्वारा नियम तोड़ा गया है,उन्हें सरकारी सुविधाओं के लिए कोई छूट नहीं दी गई है। इन बच्चों को सरकारी पहचान पत्र नहीं दिया जा रहा है। इस कारण ये बच्चे सरकार की नि:शुल्क शिक्षा और नि:शुल्क सेहत योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कहीं की यात्रा भी नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों को सुविधाएं दिलाने के लिए इनके माता-पिता को भारी जुर्माना भरना पड़ रहा है। इसके बावजूद चीनी अधिकारी इन बच्चों के लिए पहचान पत्र जारी नहीं कर रहे हैं। ऐसे लाखों दम्पति हैं,जो कर्ज लेकर सरकारी जुर्माना भर रहे हैं। चीनी सरकार की इस हठनीति से उन परिवारों में बड़ा गुस्सा बढ़ रहा है,जो जुर्माना नहीं भर पा रहे हैं।
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