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सेवा भारती दिल्ली द्वारा संचालित सेवाधाम विद्या मन्दिर का वार्षिकोत्सव और रजत जयन्ती महोत्सव 26 जनवरी को मण्डोली स्थित विद्यालय परिसर में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन,दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वन्दना से हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं वात्सल्य ग्राम,वृन्दावन की संस्थापिका दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हर माता-पिता का सपना होेता है कि उनकी सन्तानें गुणी एवं संस्कारित बनें,किन्तु समाज का तेजी से बदलता माहौल इसके आड़े आ रहा है। लोगों में मानुषी भाव समाप्त हो रहा है,लोग अपनी परम्परा और गौरव को भूल रहे हैं। हमारे यहां चींटी और सांप का भोजन तथा गो ग्रास निकालने की परम्परा थी,उससे हम भटक गए हैं। हमें दुनिया को बदलना था,पर दुनिया ने हमें ही बदल दिया है। इसलिए हमें देश और दुनिया को बांध सकने वाली सकारात्मक सोच विकसित करनी होगी। सेवाधाम विद्या मन्दिर इसी सोच को नई पीढ़ी में रोपने का काम कर रहा है। समारोह को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेमचन्द गोयल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम त्रिवेणी के संगम जैसा है,क्योंकि आज सेवाधाम का वार्षिकोत्सव,रजत जयन्ती वर्ष और सेवा भारती के आधार स्तंभ श्री जयनारायण खण्डेलवाल का जन्म दिन है।
समारोह में विद्यालय के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया। इस अवसर पर विद्यालय की प्रबंधिका श्रीमती इन्दिरा मोहन,सेवा भारती के मंत्री डा. रामकुमार सहित अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन सेवा भारती के अध्यक्ष श्री तरुण गुप्ता ने किया। प्रतिनिधि
प्रयाग में रज्जू भैया जन्म दिन सप्ताह समारोह
26 जनवरी को प्रयाग में राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) स्मृति सेवा संस्थान की ओर से उनके जन्म दिन सप्ताह समारोह का आयोजन किया गया। इसके अन्तर्गत अनेक कार्यक्रम हुए। एक दिन ह्यभारतीय लोकतंत्र का बदलता परिदृश्यह्ण विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित हुई। इसको सम्बोधित करते हुए राज्यसभा सांसद श्री तरुण विजय ने कहा कि देश की करीब सभी राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। इस कारण भारत सिकुड़ता जा रहा है। केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जैन समाज को अल्पसंख्यक घोषित करना, देश के साथ छल है। जैन, बौद्घ, सिख समेत कई सम्प्रदाय हिन्दू समाज की ही भुजा हैं।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि षड्यंत्र के तहत भारत सरकार ने हमारे पचास लाख जैन बन्धुओं को अलग कर अल्पसंख्यक बना दिया। उन्हें अहिन्दू घोषित कर दिया, उन्हें भी ईसाई व मुस्लिमों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। इसके लिए जैन मुनियों ने आवाज तक नहीं उठाई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक प्रो़ राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वे समन्वय के साधक तथा बहुमुखी, अद्भुत एवं असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने संघ को केवल संभाला व संवारा ही नही,ं अपितु सभी के सुख-दु:ख में बराबर की भागीदारी निभाई। यह सब उनका पुण्य ही है जो आज उनके जन्मदिन सप्ताह समारोह में इतने लोग उपस्थित हैं। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए इविवि के पूर्व कुलपति प्रो़ आऱपी मिश्रा ने कहा कि भारत में जो विकृति आ रही है उसके लिए हमारी कमजोरियां जिम्मेदार हैं।
प्रो़ गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि आज का दिन सबके लिए विचारणीय है, लोकतंत्र की बदलती हुई परिस्थिति को समझने की आवश्यकता है। हिन्दुस्थान समाचार, प्रयाग
बिलासपुर में नव चैतन्य शिविर
गत दिनों छत्तीसगढ़ में कोनी (बिलासपुर) स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा महाविद्यालयीन छात्रों के लिए तीन दिवसीय नव चैतन्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में पूरे छत्तीसगढ़ से छात्र आए। शिविर का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ हुआ। छात्रों का उत्साह देखते बन रहा था। शिविर में दिन का प्रारम्भ मंत्रोच्चार के साथ होता था। इन तीनों दिन छात्रों को अलग-अलग विधाओं का प्रशिक्षण दिया गया। शिविर में प्रतिदिन सूर्य नमस्कार, योगासन व प्राणायाम के बाद छात्रों के बीच अलग-अलग खेलों की प्रतियोगिताएं होती थीं। कबड्डी, रिंग, दण्ड गोल, बाल पास, रस्साकशी, सहायता दौड़ एवं बाधा दौड़ की धूम रही। शिविर में विभिन्न विषयों पर बौद्धिक प्रतियोगिताएं भी हुईं।
शिविर का तृतीय दिवस खेल, मनोरंजन और शिक्षा से भरपूर रहा। इसी दिन समापन समारोह भी आयोजित हुआ। इसके मुख्य वक्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख श्री राममाधव। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज राष्ट्र को ऐसे युवाओं की जरूरत है, जो राष्ट्र और समाज के प्रति संवेदनशील हों। संघ व्यक्ति निर्माण और समाज संगठन का लक्ष्य लेकर काम कर रहा है। उन्होंने महान वैज्ञानिक न्यूटन और महात्मा गांधी जैसी विभूतियों के बारे में कहा कि ये लोग अनूठी और भिन्न सोच रखने वाले व्यक्ति थे, जिसके चलते अपने कार्यक्षेत्र में अनूठी और क्रांतिकारी उपलब्धि प्राप्त कर सके। पड़ोसी देश चीन के बारे में चर्चा करते हुए श्री राममाधव ने कहा कि चीन एक भिन्न प्रकार का राष्ट्र है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर है, उसके लिए देश को विशेष प्रकार की नीति बनानी होगी। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री आनंद कुमार (निदेशक, सुपर 30) ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि छात्र जीवन में सफलता के चार प्रमुख सूत्र हैं, प्रबल प्रयास, सकारात्मक सोच, अथक परिश्रम एवं असीम धैर्य। अगर ये चारों गुण आपके पास हैं तो आप अपने लक्ष्य को निश्चित रूप से प्राप्त कर सकते हैं, इसमें कोई संदेह ही नहीं है।
इस अवसर पर प्रांत संघचालक श्री बिसराराम यादव, डॉ़ विवेक केशरवानी, शिविराधिकारी श्री सच्चिदानंद जोशी,कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता महाविद्यालय,रायपुर के कुलपति सहित हजारों की संख्या में आम जन उपस्थित रहे। वि.सं.के.,रायपुर
उदयपुर में रोग निदान शिविर
गत 19 जनवरी को उदयपुर के सेवा भारती चिकित्सालय में नि:शुल्क हृदय एवं अस्थि रोग जांच हेतु एक स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुआ। शिविर का उद्घाटन संत सुरेश गिरि जी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर श्री सुरेश गोयल, केजी गट्टानी,रोटरी क्लब के अध्यक्ष बीएल मेहता और यशवंत पालीवाल उपस्थित थे। शिविर में 268 रोगियों ने उपचार कराया। शिविर का आयोजन सेवा भारती चिकित्सालय, उदयपुर, रोटरी क्लब और नारायण मल्टी स्पेशियलिटी हास्पिटल, अमदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में हुआ था। प्रतिनिधि
पी.परमेश्वरन को सुक्रुतम भागवत पुरस्कार
गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी के अध्यक्ष श्री पी़ परमेश्वरन को सुक्रुतम भागवत पुरस्कार से सम्मानित किया गया । यह पहला पुरस्कार उन्हें कोच्चि में भागवत यज्ञ के दौरान केन्द्रीय खाद्य उपभोक्ता एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रो. के. वी. थामस द्वारा दिया गया। भागवत यज्ञ केरल के प्रसिद्ध स्वामी उदित चैतन्य द्वारा किया गया।
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद श्री परमेश्वरन ने कहा कि मैं इस पुरस्कार का योग्य पात्र नहीं हूं,लेकिन यह आप सब की विनम्रता है कि आपने मुझे इस योग्य समझा,क्योंकि यह मेरा स्वभाव नहीं है कि मैं किसी को पराजित करूं। भागवत के अनुसार सभी जीवों की आत्मा में ईश्वर का वास है और स्वयं में सभी संपूर्ण हैं। उन्होंने इस पुरस्कार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समर्पित करते हुए कहा कि उनका यह जीवन संघ की ही देन है। प्रतिनिधि
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