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गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे एक बार फिर से विवादों मंे घिर गए हैं। अब की बार उन पर अडंरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के एक करीबी का बचाव करने का गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप किसी आम व्यक्ति ने नहीं, बल्कि पूर्व गृह सचिव आर. के. सिंह ने लगाया है। इससे पहले शिंदे की अल्पसंख्यकों के नाम पर मुस्लिम अपराधियों पर मेहरबान होकर दिए विवादास्पद बयान पर भी खासी किरकिरी हुई थी।
कुछ टीवी चैनलों पर दिए गए साक्षात्कार के दौरान आर. के. सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए 14 जनवरी को कहा था कि शिंदे ने दिल्ली पुलिस को दाऊद इब्राहिम के करीबी माने जाने वाले मुंबई के एक उद्योगपति से पूछताछ करने से रोक दिया था। दिल्ली पुलिस उस समय आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में उद्योगपति से पूछताछ करना चाहती थी। यही नहीं, उन्होंने शिंदे के करीबियों पर पैसे लेकर दिल्ली पुलिस में नियुक्तियों (थानाध्यक्षों) की सिफारिश करने का भी आरोप लगाया है। सिंह ने यहां तक कह दिया कि शिंदे गृहमंत्री पद के लायक ही नहीं हैं, बल्कि उनसे 100 गुना बेहतर तो पी. चिदंबरम हैं। इस सनसनीखेज आरोप के बाद भाजपा ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के खिलाफ जांच की मांग की है। इस खुलासे पर कांग्रेस ने भी सिंह पर हमला बोल दिया। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह और सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी समेत कांग्रेस के बड़े नेताओं ने पूर्व गृह सचिव की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने उसी समय प्रधानमंत्री और कैबिनेट सचिव को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी थी? वहीं अपने बयान पर कायम सिंह ने कांग्रेसी नेताओं को उन पर हमले बोलने से पहले तथ्यों की पड़ताल करने की नसीहत दी।
दूसरी ओर पणजी मंे 12 जनवरी में कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा राज्य सरकारों से अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के खिलाफ आतंकवाद के मामलों की समीक्षा करने के लिए कहने पर उन्हें आड़े हाथ लिया। श्री मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, उनकी हिम्मत तो देखिए, वे सांप्रदायिक राजनीति कर रहे हैं। गृहमंत्री ने राज्य सरकारों को पत्र लिखा है कि अगर आप किसी कानून तोड़ने वाले को पकड़ते हैं, तो देखिए कि मुस्लिमों को गिरफ्तार नहीं किया जाए। ऐसा क्यों? क्या किसी कानून तोड़ने वाले का कोई मत होता है। उन्होंने कहा, क्या मजहब के आधार पर कानून तोड़ने वाले का फैसला किया जाएगा कि उसे गिरफ्तार किया जाए या छोड़ दिया जाए? पंथ के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। किसी को किसी धर्म विशेष का होने पर सजा नहीं दी जानी चाहिए, बल्कि यह सभी पर लागू होना चाहिए। वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री से इस तरह के पत्रों के बारे में पूछा जाता है तो वह उन पर हैरानी जताते हैं और कहते हैं कि वह मामले को देखकर बताएंगे। प्रतिनिधि
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