|
-आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मक्का मस्जिद धमाकों में बरी हुए मुस्लिम युवकों को मुआवजा देने से मना किया
-वहां की सरकार ने आतंकी हमले के आरोप से बरी हुए 70 युवकों को मुआवजा देने का आदेश दिया था।
आंध्र प्रदेश की सेकुलर सरकार को वहां के उच्च न्यायालय ने तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने आतंकी घटना के बाद गिरफ्तार किए संदिग्धों के आरोपमुक्त होने के बाद सरकार द्वारा उन्हें मुआवजा देने के आदेश को रद्द कर दिया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने वर्ष 2007 के मक्का मस्जिद धमाकों में बरी हुए 70 मुस्लिम युवाओं को मुआवजा देने आदेश दिया था। जिसके लिए उच्च न्यायालय ने मना कर दिया। वहीं आंध्र प्रदेश की सेकुलर सरकार वोटों की राजनीति करने के लिए इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी में है।
उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने मक्का मस्जिद धमाकों के गिरफ्तार किए गए 20 मुस्लिम युवाओं को तीन-तीन लाख और 50 को 20-20 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया था। आंध्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कल्याण ज्योति सेनगुप्ता और न्यायमूर्ति केसी भानु की खंडपीठ ने एस़ वेंकटेश गौड की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार का फैसला अनधित होने के साथ ही न्यायोचित भी नहीं है। सरकार को इस तरह के फैसले लेते समय संयम बरतना चाहिए। सरकार गरीबों की मदद करने के बजाय गलत तरीके से मुआवजा बांट रही है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री मुहम्मद अली शाबिर ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दार की जाएगी और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई जाएगी। उच्च न्यायालय ने कहा कि महज आरोप मुक्त होने के आधार पर किसी को मुआवजा नहीं दिया जा सकता। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ