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लगता रामू सबको प्यारा।
घर भर की आंखें का तारा।।
रोज सवेरे जल्दी जगता।
मात-पिता के पांवों लगता।।
विद्यालय में नित वह जाता।
कोई नहीं शिकायत लाता।।
नहीं किसी से वह लड़ता है।
नित अपनी पुस्तक पढ़ता है।।
कहना सदा बड़ों का माने।
कभी किसी का बुरा न माने।।
रामू कभी न रोगी होता।
जल्दी उठता जल्दी सोता।।
माया राम पतंग
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