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पाञ्चजन्य के पाठकों को याद होगा कि 25 नवम्बर, 2012 के अंक में एक रपट प्रकाशित हुई थी। इस रपट का शीर्षक था 'मेवात को पाकिस्तान बनने से बचाओ'। इस रपट पर पाठकों ने जबर्दस्त प्रतिक्रिया दी थी। नई दिल्ली के लाजपतनगर में रहने वाले एक ऐसे ही पाठक श्री नन्द किशोर कपूरिया ने 27 नवम्बर, 2012 को इस रपट की एक प्रति केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेज कर एक लोक शिकायत याचिका दर्ज कराई थी। उन्होंने गृहमंत्रालय से मांग की थी कि मेवात की हालत पर उचित कदम उठाएं। इसके बाद गृह मंत्रालय ने 1 जनवरी, 2013 को श्री कपूरिया का वह पत्र हरियाणा के मुख्य सचिव को भेज दिया। फिर हरियाणा के मुख्य सचिव ने नूंह (मेवात) के उपायुक्त को आवश्यक कार्रवाई हेतु पत्र लिखा। इसके बाद 28 मई, 2013 को उपायुक्त ने नूंह के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा, जिसमें लिखा गया है कि इस मामले की तुरंत जांच कर शिकायतकर्ता को सही स्थिति की जानकारी दी जाए और उसकी प्रति उपायुक्त कार्यालय के साथ-साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजी जाए।
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