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उत्तराखण्ड में आई दैवीय आपदा में भारतीय सेना ने अपनी जान की परवाह किए बिना जिस प्रकार देश भर से हजारों तीर्थयात्रियों की जान बचाने का कार्य किया है, उसके लिए गत 2 जुलाई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली के इंडिया गेट पर 'सैनिकों को नमन' करने एवं उनके प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करने का कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें हजारों की संख्या में विद्यार्थी एवं विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग एकत्र हुए। यहां तीर्थयात्रियों के बचाव अभियान के दौरान शहीद हुए जवानों के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा गया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
उत्तराखण्ड में आपदाग्रस्त लोगों को बचाने में भारतीय सेना ने कर्तव्यपरायणता के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किये। इतिहास में अमर हो जाने वाले ऐसे उदाहरण प्रस्तुत कर, एक पखवाड़े की अग्नि-परीक्षा में सफल होकर सैन्य अधिकारियों का एक दल 2 जुलाई को मेरठ छावनी लौटा। अ.भा. विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता इस अवसर पर सेना का सम्मान करने से स्वयं को रोक नहीं सके। मेरठ के सब-एरिया कमांडर मेजर जनरल वी.के. यादव की उपस्थिति में छावनी मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में परिषद् के कार्यकर्ताओं ने पुष्प गुच्छ भेंटकर तथा शाल ओढ़ाकर सैनिकों व अधिकारियों का सम्मान किया। इस अवसर पर मेजर जनरल यादव ने कहा कि यह मेरे लिए एकदम नया और भावुकता भरा क्षण है। युवा शक्ति सेना की कर्तव्यनिष्ठा से आकृष्ट होकर हमारे पास आयी, यह देश के लिए अच्छा लक्षण है। राष्ट्र की रक्षा के लिए युवाओं के काफिले निरन्तर सजते रहें, तभी भारत सुरक्षित होगा। सेना को ऐसे युवकों की जरूरत है।
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