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23 जूनकोस्वतंत्रभारतमेंराष्ट्रवादकेपुरोधा, भारतीयजनसंघकेसंस्थापकऔरराष्ट्रीयएकताऔरअखण्डताकेलियेप्रथमबलिदान देनेवालेहुतात्माडा. श्यामाप्रसादमुखर्जीकेबलिदानके 60 वर्षपूरेहुए।डा. मुखर्जीसेप्रेरणापाकरशैक्षिक–सामाजिक–राजनीतिकक्षेत्रमेंराष्ट्रवादीप्रयासोंमेंअपनाजीवनलगादेनेवालेकार्यकर्ताओंकीएकलंबीश्रृंखलाहै।
डा.मुखर्जीकेबलिदानकास्मरणप्रजापरिषदकेऐतिहासिकएवंयशस्वीआंदोलनकाउल्लेखकियेबिनानहींहोसकता।पं. नेहरूऔरशेखअब्दुल्लाकेबीचहुएकथितसमझौते, जिसकेकारणजम्मू–कश्मीरमेंदोविधान, दोनिशानऔरदोप्रधानकीस्थितिउत्पन्नहुई, परभीचर्चाहोगीही।इसीप्रकारइसअसंवैधानिकव्यवस्थाकोसंवैधानिकजामापहनानेकेलियेसंविधानसभाकेअधिकांशलोगोंकेविरोधकेबावजूदसंविधानमेंजोड़ेगयेअनुच्छेद 370 औरउसकेदुष्परिणामकोरेखांकितकियेबिनाबातपूरीनहींहोसकती।
ब्लॉगपरराजनीति
श्रीलालकृष्णआडवाणीनेजबअपनेब्लॉगपरडा. मुखर्जीकोस्मरणकरतेहुएअनुच्छेद 370 काउल्लेखकियाऔरलिखा, 'डा. मुखर्जीकेबलिदाननेइसस्थितिमेंबदलावलाया।राज्यमेंप्रधानमंत्रीमुख्यमंत्रीबनगये, सदरे–रियासतराज्यपालबनगयेऔरराष्ट्रपतिएवंप्रधानमंत्रीकेऔपचारिकअधिकारजम्मूएवंकश्मीरराज्यपरभीलागूहुए।एकप्रकारसे, इसप्रेरकनारेकीतीनमांगोंमेंसेएक, दोप्रधानएकहोगए, औरयद्यपिदोनिशानअभीभीहैंमगरराष्ट्रीयतिरंगाराज्यमेंऊपरलहराताहै।इसकेअलावा, दोप्रधानमंत्रीएकबने, दोसर्वोच्चन्यायालयएकहुए, दोनिर्वाचनप्राधिकरणएकहुए – यहसबडा. श्यामाप्रसादकेबलिदानकेकारणहुआ।देशव्यग्रतासेउसदिनकीप्रतीक्षाकररहाहैजबधारा 370 समाप्तहोगीऔरदोविधानभीएकहोजाएंगे!'
यहएकसहजवक्तव्यथाऔरभारतीयजनतापार्टीकीघोषितनीतिकेअनुकूलथा।किन्तुजम्मू–कश्मीरकेमुख्यमंत्रीउमरअब्दुल्लानेपहलकरतेहुएकहा–जबराजगसत्तामेंथातबआडवाणीइसपरमौनक्योंधरेरहे? आडवाणीअपनेब्लॉगमेंयहस्पष्टकरेंकिवेइसेकैसेहटायेंगे? व्यंग्यपूर्वकउन्होंनेकहाकिशायदवेभीआडवाणीकेपांडित्यसेकुछसीखसकेंगे।नेकांसांसदमहबूबबेगऔरशरीफुद्दीनशरीकनेअनुच्छेद 370 कोजम्मू–कश्मीरऔरशेषभारतकोजोड़नेवालापुलबतातेहुएइसेहटानेकीमांगकोभाजपाकीकश्मीरविरोधीनीतिकाहिस्साबताया।एकअन्यबयानमेंशरीकनेजम्मू–कश्मीरमेंस्वायत्तता (ऑटोनॉमी) कीमांगकरतेहुएयहांतककहाकिउमरअब्दुल्लाकेपाकिस्तानदौरेकेसमयजबपूर्वराष्ट्रपतिजनरलमुशर्रफसहिततमामपाकिस्तानीनेताइसकासमर्थनकरचुकेहैंतोनयीदिल्लीद्वाराआटोनॉमीदेनेमेंदेरीकियेजानेकाकोईकारणनहींहोनाचाहिये।हुर्रियतनेताजिलानीनेइसेउमरकाचुनावीस्टंटबताया।
नेकांकेबादपीडीपीद्वाराइससेअधिककठोरबयानदेनाउसकीराजनीतिकमजबूरीथी।उसकेपूर्वउपमुख्यमंत्रीमुजफ्फरहुसैनबेगनेकहाकिअनुच्छेद 370 तथाराज्यकोदियागयाविशेषदर्जाकोईछूटनहींबल्किरियासतकीविशिष्टऐतिहासिक, सांस्कृतिकतथानृजातीयपहचानकोदीगयीमान्यताकेकारणहै।प्रकारान्तरसेयहअनुच्छेदअबस्थायीबनचुकाहैक्योंकिइसेसंविधानसभाकेप्रस्तावद्वाराहीसमाप्तकियाजासकताहैऔरसंविधानसभाअबअस्तित्वमेंनहींहै।बेगनेप्रकरणकीगंभीरताकोबढ़ातेहुएयहभीजोड़दियाकिकश्मीरकेसाथतोमुगलोंकेआक्रमणकेसमयसेहीकेवलभेद–भावपूर्ण, अन्यायीऔरअमानवीयव्यवहारहीकिया गयाहै।
प्रदेशकांग्रेसअध्यक्षसैफुद्दीनसोजकीराजनीतिकमजबूरीसमझीजासकतीहै।उन्होंनेसधेशब्दोंमेंकहा– यहअनुच्छेदहमेंभारतीयसंविधाननेदियाहैऔरकांग्रेसइसकासंरक्षणकररहीहै।लेकिनदिल्लीमेंबैठेकांग्रेसकार्यसमितिकेसदस्यसत्यव्रतचतुर्वेदीभीबोलपड़े– जबवेसत्तामेंथेतबउन्होंनेअनुच्छेद 370 कोक्योंनहींहटाया? एककदमआगेजाकरवेबोलेजबभाजपाइसअनुच्छेदकोहटानेकीबातकरतीहैतोअनुच्छेद 371 परक्योंचुपहोजातीहै? वहभीतोकुछसीमावर्तीराज्योंपरलागूहै।
अनुच्छेद 370
संविधानसभामेंअनुच्छेद 306ए (वर्तमानअनुच्छेद 370) प्रस्तुतकरतेहुएएन. गोपालास्वामीआयंगरनेकहाथा– 'राज्यकाएकबड़ाभागपाकिस्तानकेअवैधकब्जेमेंहै, यद्यपियुद्धविरामलागूहैफिरभीस्थितिअभीसामान्यनहींहुईहै, हमइसमामलेकोलेकरसंयुक्तराष्ट्रसुरक्षापरिषदमेंफंसेहुएहैं।राज्यमेंपूर्ववर्तीप्रजासभाभंगहोचुकीहैऔरसंविधानसभाअस्तित्वमेंनहींआयीहै।अन्यराज्योंमें, जहांस्थितिसामान्यहै, वहांलागूव्यवस्थाकोजम्मू–कश्मीरमेंएकाएकलागूनहींकियाजासकता।इसलिये, जबतककिराज्यकीसंविधानसभाकागठननहोजाय, एकअन्तरिमव्यवस्थाकोस्वीकारकरनाहोगा।इसअन्तरिमव्यवस्थाकेलियेहीअनुच्छेद 370 कोअस्थायीरूपसेसंविधानमेंजोड़ागया।यहीएकऐसाअनुच्छेदहैजिसेसमाप्तकरनेकीप्रक्रियाभीइसीअनुच्छेदमेंबतायीगयीहै।'
संविधाननिर्माताओंकीइच्छाइससेहीस्पष्टहैकिउन्होंनेइसअनुच्छेदकोसंविधानके 21वेंखंडमें 'अस्थायीएवंसंक्रमणकालीन' व्यवस्थाकेरूपमेंरखा।अनुच्छेद 370 केअंतर्गतजोप्रावधानडालेगयेउनमेंसबसेमहत्वपूर्णथाकिविदेश, संचारऔरसुरक्षाकोछोड़करकेन्द्रीयएवंसमवर्तीसूचीकेकिसीभीविषयपरसंसदद्वारापारितविधेयकजम्मू–कश्मीरमेंराज्यसरकारकीसिफारिशअथवासहमतिसेहीलागूहोसकेगा।यद्यपिइससहमतिकोप्राप्तकरनेकीप्रक्रियाक्याहोगीअथवाकितनेसमयतकराज्यसरकारद्वाराकोईउत्तरनदियेजानेअथवाआपत्तिदर्जनकियेजानेकोसहमतिमानलियाजायेगाजैसेआवश्यकप्रावधानजोइसअनुच्छेदमेंजोड़ेजानेचाहियेथे, नहींजोड़ेगये।परिणामस्वरूप, जिसअनुच्छेदकाउद्देश्यभारतीयसंविधानकोराज्यमेंलागूकरनाथाउसेहीइसकीविकृतव्याख्याकरकेअलगाववादकाहथियारबनादियागया।
विडंबनायहहैकिइसकेबादकीसरकारोंनेभीकभीसहमतिप्राप्तकरनेकीप्रक्रियाकोपरिभाषितकरनेकासाहसनहींकिया।नतीजायहहैकिभारतीयसंविधानमेंउपस्थितअनेककल्याणकारीविधेयकराज्यमेंलागूनहींहोसकेहैं।सहमतिकेलियेराज्यसरकारकोभेजेगयेइनकेप्रारूपबरसोंसेधूलखारहेहैं।सरकारनइन्हेंलागूकरतीहैऔरनहीलागूकरनेसेइनकारकरतीहै।इसप्रावधानकीआड़मेंभारतीयसंविधानकी 134 धाराएंआजभीजम्मू–कश्मीरमेंलागूनहींहैं।
इसप्रावधानकेकारणअलगाववादीशक्तियांनागरिकोंकेबीचयहभ्रमफैलानेमेंसफलरहींकिजम्मू–कश्मीरकाभारतमेंविलयपूर्णनहींहैऔरउसेभारतीयसंघकेअंतर्गतविशेषदर्जाहासिलहै।जबकितथ्ययहहैकिसंवैधानिकतौरपरजम्मू–कश्मीरअन्यसभीराज्योंकेसमानहीएकराज्यहै।यदिकिसीअंतरकाउल्लेखकरनाहीहैतोकहनाहोगाकिअनुच्छेद 370 केकारणराज्यकेनागरिकउनअनेकसुविधाओंसेवंचितहैंजोपूरेदेशकेनागरिकोंकोसहजउपलब्धहैं।
उदाहरणकेलियेराष्ट्रीयमानवाधिकारआयोग, अनुसूचितजातिआयोग, अनुसूचितजनजातिआयोग, अल्पसंख्यकआयोग, तथाउच्चतमन्यायालयकाकार्यक्षेत्रराज्यमेंनहोनेकेकारणराज्यकेनागरिकनतोसीधेप्रतिवेदनदेसकतेहैंऔरनहीसमाधानप्राप्तकरसकतेहैं। 73वेंऔर 74वेंसंविधानसंशोधनकेप्रारूपराज्यसरकारकेसमक्षसहमतिकेलियेलंबितहैंकिन्तुआजतकउन्हेंस्वीकारनहींकियागयाजिसकेकारणराज्यमेंपंचायतीराजलागूनहींहोसकाहै।भारतकेराष्ट्रपतिमेंनिहितआपातकालीनअधिकारयहांलागूनहींहोते, लोकसभा–विधानसभाकीसीटोंकाजनसंख्यावक्षेत्रफलकेआधारपरपुनर्गठनयहांनहींहुआ, विधानसभापांचकेस्थानपरछ: वर्षकेलियेचुनीजातीहै।
दोविधानएकहों
श्रीआडवाणीकेदोविधानएकहोनेकीबातपरकश्मीरकेन्द्रितराजनीतिकदलोंनेबवालमचाया, कांग्रेसनेउसमेंसाथदिया।रेलमार्गकेउद्घाटनकेसमयप्रधानमंत्रीमनमोहनसिंहऔरसंप्रगप्रमुखसोनियागांधीकीउपस्थितिमेंउमरअब्दुल्लाने 'अनुच्छेद 370 हमारीलाशपरहीहटसकताहै' कहकरअकारणसनसनीपैदाकरनेकीकोशिशकी।साथहीउन्होंनेप्रधानमंत्रीकीमौजूदगीकाउपयोगदेशभरमेंयहचेतावनीदेनेकेलियेकियाकिअगरऐसीकोशिशभीकीगयीतोपरिणामगंभीरहोंगे।यहविडंबनाहीहैकिनतोवहांउपस्थितदोनोंदिग्गजोंनेइसकाजवाबदेनेकीजहमतउठायीऔरनहीउसमंचकेदुरुपयोगकेलियेउन्हेंचेतायागया।
प्रजापरिषदआन्दोलनसेलेकरआजतकदोनोंपक्षोंकावहीरवैयाबनाहुआहै।कांग्रेसआजभीउसीसमझौतावादीनीतिपरचलरहीहैऔरशेखकेवारिसआजभीकेन्द्रकोआंखेंदिखातेरहतेहैं।कांग्रेसकेशीर्षनेतृत्वकेसामनेझूठकोस्थापितकरनेकासोचासमझाप्रयासहोताहैऔरउसकेप्रवक्ताअपनेनेतृत्वकेइसदुरुपयोगपरचुप्पीसाधजातेहैं, यहचिंतितकरदेनेवालाहै।एकराष्ट्रीयदलकेरूपमेंयहअक्षम्यहै।
अनुच्छेद 370 कोभारतकेसाथसंबंधकोनिर्धारितकरनेवालाबतानानिराधारहै।भारतकेसाथयदिजम्मूकश्मीरकेसंबंधकीबातहैतोवहमहाराजाद्वाराहस्ताक्षरितविलय–पत्र, भारतीयसंविधानकेअनुच्छेद 1 तथाजम्मू–कश्मीरकेसंविधानकेअनुच्छेद 3, 5 और 147 द्वारानिर्धारितहोतेहैं।जम्मू–कश्मीरराज्यभारतकाअभिन्नअंगहैऔरइसेभारतसेअलगकरनेसम्बंधीकोईप्रस्तावपारिततोदूर, जम्मू–कश्मीरकीविधानसभामेंविचारार्थप्रस्तुतभीनहींकियाजासकता, यहभारतीयसंविधानकाअनुच्छेद 370 नहींबल्किजम्मू–कश्मीरकीसंविधानसभाद्वाराबनायागयाराज्यकासंविधानकहताहै।उल्लेखनीयहैकिइससंविधानसभाकेसभी 75 के 75 सदस्यनेशनलकांफ्रेंसकेथे।
इसकेबावजूदउमरअथवाकोईभीविलयपरउंगलीउठाताहै, अनुच्छेद 370 केआधारपरराज्यऔरसंघकेबीचकेसंबंधनिर्धारितकरनेकीबातकरताहै, किसीकाल्पनिकजनमतसंग्रहकोआधारबनाकरभारतीयसंघसेअलगहोनेकीसंभावनाबताताहै, समस्याकेहलकेलियेकिसीतीसरेपक्षकोशामिलकरनेकीबातकरताहैअथवापाकिस्तानीनेताओंकेबयानोंकोप्रमाणपत्रकातरहप्रस्तुतकरताहैतोवहभारतीयसंविधानऔरजम्मू–कश्मीरराज्यकेसंविधान, दोनोंकोहीनकारताहै।
इसलिए श्री आडवाणी के ब्लॉग को आधार बना कर चली बयानबाजी के पीछे के निहितार्थ को समझने की आवश्यकता है। आशुतोष
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