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विश्व हिन्दू परिषद की राष्ट्रपति से अपील
विश्व हिन्दू परिषद ने भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए पहल करने की अपील की है। गत 30 मई को विहिप के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्री मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में भेंट के दौरान यह आग्रह किया। प्रतिनिधिमंडल में विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक श्री अशोक सिंहल, महामंत्री श्री चम्पत राय के साथ हिन्दू धर्माचार्य सभा के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती, भारतमाता मंदिर (हरिद्वार) के संस्थापक महामण्डलेश्वर सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज, जगद्गुरु मध्वाचार्य विश्वेशतीर्थ महाराज, श्रीराम जन्मभूमि न्या के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, महामण्डलेश्वर विश्वेश्वरानन्द महाराज, भारत के पूर्व गृह राज्यमंत्री एवं परमार्थ आश्रम हरिद्वार के परमाध्यक्ष चिन्मयानन्द महाराज एवं हिन्दू धर्माचार्य सभा के अध्यक्ष परमात्मानन्द महाराज सम्मिलित थे।
भेंट के दौरान प्रतिनिधिमण्डल ने महामहिम राष्ट्रपति से कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के 2010 के निर्णय के प्रकाश में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए पहल करें और मंदिर निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के प्रयास करें। भारत के मुस्लिम समाज को समझाएं कि वह अपने उस वादे को पूरा करे जिसे दोहराते हुये उन्होंने अनेक बार यह कहा गया था कि 'यदि यह सिद्ध हो जाता है कि उक्त स्थान पर पहले कोई मंदिर था तो मुस्लिम समाज अपना दावा छोड़कर शान्तिपूर्ण मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा'।
महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार से उसके वादे को भी पूर्ण करने को कहें जिसमें सरकार के महाधिवक्ता द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर हलफनामे में कहा गया था कि 'यदि प्रश्न का जवाब मंदिर के पक्ष में सकारात्मक आता है तो सरकार हिन्दू भावनाओं का सम्मान करेगी'। महामहिम राष्ट्रपति से यह मांग भी की गई कि वे संसद के द्वारा कानून बनाकर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण विषय का समाधान करवाने का प्रयत्न करें। प्रतिनिधिमण्डल ने महामहिम राष्ट्रपति से श्रीराम जन्मभूमि के अतिरिक्त गोवंश रक्षा, गंगा की अविरलता और निर्मलता, समान नागरिक कानून, मठ-मंदिरों की जमीन के अधिग्रहण आदि विषयों पर भी चर्चा की। विभिन्न विषयों पर चर्चा के बाद महामहिम राष्ट्रपति ने प्रतिनिधिमण्डल को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने एवं श्रीराम जन्मभूमि सहित सभी विषयों पर प्रधानमंत्री से वार्ता करने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि
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