राष्ट्रीय गोधन महासंघ का नई दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन
|
गोवध के विरुद्ध सख्त कानून की मांग
सम्मेलन में पारित प्रस्ताव
गोवंश मंत्रालय बनाया जाए। राष्ट्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान तथा राष्ट्रीय गोवंश विकास बोर्ड स्थापित हो। भारत से बंगलादेश को हो रही गोवंश–तस्करी रोकी VÉÉB* ®äú±É द्वारा मवेशियों को ले जाने की अनुमति देने वाला शासन आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। गोवंश पालन हेतु प्रति गाय 60 रुपए दिन के हिसाब से गोशालाओं को दिए VÉÉBÆ* ®úÉVªÉÉå में लागू गोवंश रक्षा कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित किया VÉÉB* MÉÉä´ÉÆ¶É की देशी प्रजातियों का विदेशी प्रजातियों से संकरीकरण रोका जाए। जैविक कृषि को प्रोत्साहन दिया जाए। मांस निर्यात नीति पर पुनर्विचार किया जाए। बूचड़खाने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार चलाए जाएं, अनधिकृत बूचड़खाने बंद हों।
अपनी मां पर संकट आता देख पुत्र विचलित हो उठते हैं। आज हमारी गोमाता संकट में है। हमें उसके दुख को दूर करने का हरसंभव प्रयास करना होगा। हर संघर्ष के लिए हम तैयार रहें।
–स्वामी ज्ञानानंद
गीता मनीषी
गोरक्षा हेतु प्राणों की आहुति देने वालों के नाम पर राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए। उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों की तरह सम्मानित किया जाए। समाज गोसेवकों के सम्मान कार्यक्रम आयोजित करे।
–इन्द्रेश कुमार
सदस्य, अ.भा. कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ
गाय हमारे सामाजिक, आर्थिक चिंतन का केन्द्र रही है। लेकिन पश्चिमीकरण और विदेशी ताकतों की साजिश के चलते यह हमारे चिंतन से ओझल हो गई। गो संवर्धन को देश में बढ़ावा देना होगा।
–राजनाथ सिंह
राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा
गाय मनुष्य के लिए बहुत हितकारी है। इसके गोबर और मूत्र में औषधीय गुण हैं। गाय के माध्यम से श्वेत क्रांति लाई जाए तो कुपोषण जैसी बीमारी भी दूर हो जाएगी।
–सुषमा स्वराज
नेता, प्रतिपक्ष, लोकसभा
गोमाता हिन्दुओं के लिए पूजनीय है। लेकिन हिन्दुओं की पूज्या आज खतरे में है। इसकी रक्षा के लिए हिन्दू समाज को आगे आना होगा। हमें हर हाल में गोवंश की रक्षा करनी होगी।
– चंद्रकांत खैरे
नेता, शिवसेना
नई दिल्ली का सिरीफोर्ट सभागार गत 19 मई को 'गोमाता की जय', 'अब कोई भी कीमत देंगे हम, गोवंश की रक्षा करेंगे हम' के उद्घोषों से गूंज उठा। अवसर था राष्ट्रीय गोधन महासंघ के तत्वावधान में आयोजित 'गोवंश रक्षण एवं संवर्धन-एक दिशा' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का। इसमें गोवध की तीव्र भर्त्सना करते हुए गोरक्षा हेतु सख्त कानून बनाने की मांग की गई। साथ ही गोरक्षा से संबंधित कई प्रस्ताव भी पारित हुए। सम्मेलन में देश के कोने-कोने से आए गोभक्तों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
सम्मेलन का शुभारम्भ अतिथियों ने भगवान श्रीकृष्ण और गोमाता के चित्रों पर पुष्पार्चन और दीप प्रज्ज्वलन कर किया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज थीं, जबकि अध्यक्षता राष्ट्रीय गोधन महासंघ के अध्यक्ष गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में संसद सदस्य और शिव सेना के वरिष्ठ नेता श्री चंद्रकांत खैरे, रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार, दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार मल्होत्रा, विहिप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हुकुम चंद सांवला, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति शम्भू नाथ श्रीवास्तव, राष्ट्रीय सिख संगत के अध्यक्ष श्री गुरचरण सिंह गिल एवं बाल व्यास श्री श्रीकांत शर्मा थे। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री रामलाल भी मंचासीन थे।
गोमाता की रक्षा और उसके विकास पर चिंतन हेतु आयोजित सम्मेलन में वक्ताओं ने गोरक्षण और संवर्धन के विभिन्न उपाय सुझाते हुए गोरक्षा हेतु सख्त कानून बनाने की मांग की। साथ ही देशवासियों से जागरूक होने की अपील भी की गई। सम्मेलन में गो ज्ञान फाउण्डेशन के युवा कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया। फाउण्डेशन के कार्यकर्ता देशभर में गोरक्षा हेतु सक्रिय हैं। सभागार के बाहर पंचगव्य से निर्मित वस्तुओं के स्टाल भी लगाए गए थे, जिन पर सम्मेलन समाप्त होने तक गोभक्त खरीददारी करते दिखे। सम्मेलन में राष्ट्रीय सिख संगत की मासिक पत्रिका संगत संसार के 'शहीदियां' विशेषांक का लोकार्पण भी किया गया। सम्मेलन में रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री ओम प्रकाश, विहिप के श्री बालकृष्ण नाईक, राष्ट्रीय सिख संगत के संगठन मंत्री श्री अविनाश जायसवाल एवं गो ज्ञान फाउण्डेशन की जन सम्पर्क अधिकारी श्रीमती पूनम कपूर विशेष रूप से उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती आरती मेहरा ने किया। सम्मेलन में अतिथियों का स्वागत तुलसी का पौधा भेंट कर किया गया।
प्रस्तुति : तरुण सिसोदिया
टिप्पणियाँ