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रूस के चेचन्या प्रान्त के मुसलमानों की कुछ अलगाववादी मांगे हैं। हाल ही में अमरीका के बोस्टन नगर में जो बम धमाके हुए, वह कराने वाले चेचन्या के ही मुसलमान थे। रूस के मुस्लिमों और उस माध्यम से सभी अल्पसंख्यकों को रूस के राष्ट्रपति श्री व्लादिमिर पुतिन ने जो इशारा किया है, वैसी दृढ़ भूमिका हमें भी अपनानी चाहिए। पुतिन ने 4 फरवरी, 2013 को रूस की संसद मतलब डयूमा में दिए भाषण में कहा कि-
”In Russia live Russians. Any minority, from anywhere, if it wants to live in Russia, to work and eat in Russia, should speak Russian, and should respect the Russian laws. If they prefer Sharia Law, then we advise them to go to those places where that’s the state law. Russia does not need minorities. Minorities need Russia, and we will not grant them special privileges, or try to change our laws to fit their desires, no matter how loud they yell ‘discrimination”.
अर्थात- 'रूस में रूसी रहते हैं, कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय, यदि रूस में रहना चाहता है, रूस में काम करने की उसकी इच्छा है और रूस का अन्न भक्षण करता है, तो उसे रूसियों के समान ही बोलना होगा और रूस के कानून का आदर करना होगा। उन्हें शरीयत का कानून पसंद है, तो हमारी उनसे विनती है कि वे जहाँ वह कानून लागू है, उस स्थान पर जाएं। रूस को अल्पसंख्यकों की आवश्यकता नहीं। अल्पसंख्यकों को रूस की आवश्यकता है। हम उन्हें कोई विशेषाधिकार नहीं देंगे, या उनकी इच्छा के अनुरूप कानून नहीं बनाएंगे, फिर वे भेदभाव के नाम से कितना ही शोर क्यों न मचाएं।'
पुतिन का भाषण समाप्त होने के बाद ड्यूमा में उपस्थित सब राजनीतिक दलों के नेताओं ने खड़े होकर करीब पाँच मिनट तक तालियाँ बजाई।
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