नागपुर में तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का शुभारम्भ
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परिवर्तन को तैयार होते स्वयंसेवक
अपनी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व आध्यात्मिक क्षमता में बढ़ोत्तरी के लिए प्रशिक्षण शिविर का लाभ उठाएं। ताकि भविष्य में नए बदलाव लाने के रा.स्व.संघ के लक्ष्य में योगदान देने वाले दूत बन सकें।
–के.सी. कण्णन, सह सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
611 प्रशिक्षणार्थी 0 जागरण से दीप विसर्जन तक सतत अभ्यास 0 वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन0 स्वयंसेवकों में अनूठा उत्साह
'हम समाज में ही नहीं, पूरे विश्व में नया परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कोई भी नया परिवर्तन अकस्मात नहीं होता। इसके लिए काफी परिश्रम करना होता है। बच्चे का जन्म भी बगैर प्रसव पीड़ा के नहीं होता'। उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री के.सी. कण्णन ने गत 13 मई को नागपुर (महाराष्ट्र) में संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। श्री कण्णन वर्ग के पालक अधिकारी हैं। नागपुर के रेश्मिबाग में आयोजित 25 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में देशभर से 611 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं। एक प्रशिक्षणार्थी लंदन और एक नेपाल से भी है।
श्री कण्णन ने उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि अपनी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व आध्यात्मिक क्षमता में बढ़ोत्तरी के लिए प्रशिक्षण शिविर का लाभ उठाएं। ताकि भविष्य में नए बदलाव लाने के रा.स्व.संघ के लक्ष्य में योगदान देने वाले दूत बन सकें। उन्होंने कहा कि हम यहां अपने शरीर, मस्तिष्क और सोच को नया आयाम देने आए हैं। इससे हम नया परिवर्तन लाने के लिए अपने को तैयार कर पाएंगे जिसका पूरी दुनिया को इंतजार है। शिविर में बिताए हर क्षण का हम सदुपयोग करें ताकि पहले हम खुद में परिवर्तन ला सकें।
श्री कण्णन ने कहा कि नागपुर में बहुत गर्मी पड़ रही है और इस मौसम में संघ के कार्यों का प्रशिक्षण लेना एक कठिन साधना है। इसके अलावा भोजन का स्वाद भी अलग है। हिन्दी की पूरी जानकारी न रखने वालों को भी परेशानी आएगी। किन्तु इन परिस्थितियों में भी अपने को तैयार करें ताकि समाज एवं देश के लिए योगदान दे सकें। प्रशिक्षण शिविरों के इतिहास के बारे में बताते हुए उन्होंने कि वर्तमान में स्वयंसेवकों को पिछले दिनों की तुलना में कुछ सुविधाएं दी जा रही हैं ताकि वे बेहतर ढंग से रह सकें। हम शिविर के प्रत्येक क्रियाकलाप में यह सोच कर भाग लें कि यह ईश्वर की उपासना है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों से मिलना एवं अलग भाषा में बात करना एक अलग प्रकार का अनुभव है। भारत विविधता में एकता का उदाहरण प्रस्तुत करने वाला देश है। इस एकता को हम यहां महसूस कर सकेंगे। विभिन्न भाषाओं की बारीकियों को हम यहां अनुभव कर पाएंगे। शिविर में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका है जिसके जरिए देश की सेवा के लिए हम अपने जीवन को संवार सकेंगे।
श्री कण्णन के उद्बोधन से पूर्व रा.स्व.संघ के सह-सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल, वर्ग के सर्वाधिकारी श्री पवन जिंदल, वर्ग कार्यवाह श्री विट्ठल कांबले और श्री के.सी. कण्णन ने पारंपरिक रीति से दीप प्रज्ज्वलित कर वर्ग का उद्घाटन किया। इसके बाद डा. कृष्ण गोपाल ने वर्ग के अन्य अधिकारियों का परिचय कराया।
वर्ग के उद्घाटन समारोह में अ.भा. शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री अनिल ओक, सह-शारीरिक प्रमुख श्री जगदीश, अ.भा. बौद्धिक प्रमुख श्री भागय्या, सह-बौद्धिक प्रमुख श्री महावीर, सम्पर्क प्रमुख श्री हस्तीमल, सदस्य, अ.भा. कार्यकारी मंडल श्री शंकर लाल, अ.भा. सह व्यवस्था प्रमुख श्री बालकृष्ण त्रिपाठी, वरिष्ठ प्रचारक डा. शंकर तत्ववादी, श्री रामभाऊ बोंडाले, श्रीरामनारायण, विदर्भ प्रांत सह प्रांत संघचालक श्री राम हरकारे और पश्चिम क्षेत्र के सह क्षेत्र कार्यवाह डा. रविन्द्र जोशी विशेष रूप से उपस्थित थे। विसंके, नागपुर
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