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कर्नाटक राज्य विधानसभा में किसकी सरकार बनेगी, इसका निर्णय कर्नाटक के साढ़े चार करोड़ से भी अधिक मतदाता 5 मई को करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के लिए यह चुनाव जहां उनकी लोकप्रियता और राजनीतिक दांवपेंच की दृष्टि से महत्वपूर्ण है वहीं यह चुनाव कर्नाटक जनता पार्टी (कजपा) के मुखिया बी.एस.येदियुरप्पा का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा। गत साल नवम्बर में भाजपा से छिटक कर अलग पार्टी का गठन करने वाले येदियुरप्पा लिंगायत नेता बनकर चुनाव में उतरे हैं। वैसे उनका प्रयत्न यह भी है कि उनकी छवि सेकुलरवादी बने। इसी सन्दर्भ में अपने चुनाव घोषणा पत्र में उन्होंने मुसलमानों के हित में 2 हजार करोड़ रुपए की योजना जारी करने की घोषणा की है।
भाजपा को प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मानने वाले येदियुरप्पा चुनाव सभाओं में भाजपा सरकार की खामियों के बारे में नहीं बोलते हैं, बल्कि उनके साथ भाजपा नेताओं द्वारा किए गए 'विश्वासघात' को ही मुद्दा बनाते हैं। कांग्रेस एवं जनता दल(ध) भी भाजपा सरकार के विकास कार्यों के विरुद्ध कोई मुद्दा नहीं खोज पाए हैं। वे भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे प्रथम मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा तथा उनके तत्कालीय मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के विरुद्ध ही बयान देते हैं। यद्यपि भ्रष्टाचार के मामले को लेकर जनता दल (ध) अधिक मुखर है, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ कहने से बच रही है, जिसका सीधा सा कारण यह है कि केन्द्र में उसके नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार पर लाखों-करोड़ों रुपयों के भ्रष्टाचार के मामले जनता के सामने हैं। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से बचते रहे। यद्यपि स्थानीय कांग्रेस के नेता येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा रहे हैं, वे भाजपा को ही अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मान रहे हैं। उनकी रणनीति है कि सरकार के कामकाज को लेकर जनता में भाजपा के विरुद्ध एक हवा बनाई जाए, परन्तु वे इस मामले में कितने गंभीर हैं यह इसी से पता चल जाता है कि राहुल गांधी की चुनावी सभा के पहले तक चुनाव घोषणा पत्र जारी नहीं किया गया था।
साल 2008 के चुनाव में भाजपा जहां केवल दो ही पार्टियों की चुनौतियों का सामना कर रही थी वहीं 2013 के चुनाव में उसके सामने अब तीन प्रतिद्वंद्वी हैं। भाजपा के राज्य प्रचार प्रमुख एस. प्रकाश मानते हैं कि इस बार का चुनाव गत चुनाव से काफी अलग है, जहां दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस एवं जनता दल(ध) तो हैं ही, परन्तु पार्टी छोड़कर कजपा बनाने वाले पूर्व भाजपा नेता येदियुरप्पा के बारे में जनता को बताने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। वैसे भी भाजपा ने जनता के बीच येदियुरप्पा के मुख्यमंत्रित्वकाल की चर्चा न करके उनके बाद के मुख्यमंत्री सदानन्द गौडा और वर्तमान मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों का उल्लेख किया है। भाजपा राज्यस्तरीय विकास कार्यों के अलावा केन्द्र में संप्रग सरकार की अगुआई कर रही कांग्रेस के भ्रष्टाचार को भी मुद्दा बना रही है।
राज्य में इस बार प्रमुखत: चतुष्कोणीय प्रतिस्पर्धा के आसार बने हैं। यद्यपि यहां से जनता दल (संयुक्त), समाजवादी पार्टी तथा बसपा के उम्मीदवार भी मैदान में हैं, परन्तु इन पार्टियों की स्थिति राज्य की राजनीति में नगण्य है। अगर कुछ क्षेत्रों में बसपा के उम्मीदवार वंचित वर्ग के मतदाताओं को प्रभावित करते हैं तो वह कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। भाजपा, कांग्रेस और कजपा ने सभी 224 स्थानों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि जनता दल (ध) 222 स्थानों पर चुनाव लड़ रही है।
प्रमुख क्षेत्रों पर एक नजर
राजाजी नगर (बेंगलुरू)- एस.सुरेश कुमार (भाजपा) एवं शोभा करंदलाजे (कजपा)
हुबली–धारवाड़– मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर
सोरबा– दिवंगत नेता एस. बंगारप्पा के पुत्र, कांग्रेस से कुमार बंगारप्पा और जद(ध) से मधु बंगारप्पा तथा कजपा के उम्मीदवार उनके चाचा एच. हालप्पा।
शिकारीपुर– कजपा से बी.एस. येदियुरप्पा
शिवमोगा– के.एच.ईश्वरप्पा
रामनगर– एच.डी. कुमारस्वामी, जद (ध) के राज्याध्यक्ष
पद्मनाभ नगर (बेंगलुरू)- उपमुख्यमंत्री आर.अशोक
वरुणा– विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्दरामय्या
विधानसभा में वर्तमान दलीय स्थिति
दल कुल स्थान
1-भाजपा 110
2- कांग्रेस 80
3- जद(ध) 28
4- निर्दलीय 06
5-बसपा 00
6-सपा 00
दमदार उम्मीदवार
जगदीश शेट्टर– वर्तमान मुख्यमंत्री, भाजपा को बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
एस.सुरेश कुमार– वर्तमान कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री, जिन्हें पूर्व मंत्री एवं कजपा की उम्मीदवार सुश्री शोभा करंदलाजे से चुनौती मिल रही है।
बी.एस.येदियुरप्पा– पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर कर्नाटक जनता पार्टी का गठन किया।
एच.डी. कुमारस्वामी– जनता दल (ध) के राज्याध्यक्ष और भाजपा के साथ 20 माह तक मुख्यमंत्री रहे।
श्रीरामुलू– भाजपा सरकार में मंत्री रहे, बेल्लारी बंधु जनार्दन रेड्डी के नजदीकी, भाजपा छोड़कर अलग पार्टी श्रीरामुलू कांग्रेस का गठन किया।
सिद्दरामय्या– विधानसभा में विपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री बनने के आकांक्षी। छह साल पहले जनता दल (ध) से कांग्रेस में गए।
डा. जी. परमेश्वर– राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष, कांग्रेस के बहुमत प्राप्त करने पर मुख्यमंत्री पद के दावेदार।
समुदायों के आंकड़े
सात करोड़ से भी अधिक जनसंख्या वाले कर्नाटक राज्य में लिंगायत समुदाय 17 प्रतिशत है और वोक्कालिंगा लगभग 16 प्रतिशत। इसके अलावा राज्य की जनसंख्या में बड़ा तबका (11 प्रतिशत) मुसलमानों का है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों की आबादी लगभग 20 प्रतिशत है।
लिंगायत नेता के रूप में भाजपा के वर्तमान मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर और कजपा के मुखिया बी.एस.येदियुरप्पा ही हैं।
वर्तमान सरकार में उपमुख्यमंत्री आर. अशोक और कांग्रेस के डी.के. शिवकुमार तथा जनतादल (ध) के एच.डी.कुमारस्वामी वोक्कालिंगा समुदाय से हैं। राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष डा. जी. परमेश्वर अनुसूचित जाति के नेता हैं।
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