चीन ने पाकिस्तान को दिया था परमाणु खाका
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चीन ने पाकिस्तान को दिया था परमाणु खाका
अमरीका की गुप्तचर एजेंसी सीआईए से हाल ही में हासिल किए गए एक दस्तावेज से इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन ने शायद अपने सहयोगी देश पाकिस्तान को 1970 के दशक के अंत में परमाणु हथियारों का खाका सौंपा था, जिसकी जानकारी सीआईए को भी थी।
अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा अभिलेखागार द्वारा सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त किए गए सीआईए के डाटा के अनुसार, सीआईए के पास ऐसे सबूत थे जो बताते थे कि चीन और पाकिस्तान के बीच परमाणु सहयोग इस कदर घनिष्ठ था कि चीन ने पाकिस्तान को परमाणु हथियार जरूर दिए होंगे। इन दोनों देशों के बीच 1963 से ही गठजोड़ रहा है।
सीआईए का यह डाटा बताता है कि यह मामला अमरीका के विदेश विभाग के दस्तावेज में भी दर्ज हुआ था, लेकिन यह पहली बार है कि जब सीआईए ने अपने से जुड़ी कोई गोपनीय जानकारी 'वर्गीकृत' खांचे से बाहर की है। दस्तावेज में बताया गया है कि चीन ने पाकिस्तान को परमाणु हथियारों के अच्छी खासी तादाद में खाके दिए थे। इसमें शक नहीं कि चीन की मदद के बिना भी पाकिस्तान परमाणु हथियार बना सकता था, लेकिन यह भी सच है कि चीनी खाकों की मदद से इस्लामाबाद के हौंसले बढ़े थे।
जिहादी को दफनाने से मुकरे अमरीकी मुल्ला
स्टन (अमरीका) में मैराथन दौड़ में बम धमाके करने के दोषी मूलत: चेचन्या के तामेरलान त्सारनायेव 19 अप्रैल की सुबह पुलिस की गोली का शिकार हो गया था जबकि उसके छोटे भाई और साथी जिहादी 19 साल के द्जोखर त्यारनायेव को 19 की ही रात को व्हार्टन से पकड़ा गया। मारे गए बड़े भाई तामेरलान की मौत के बाद पुलिस के सामने उस समय अजीब सी स्थिति पैदा हो गई जब अमरीका के दर्जनों मुस्लिम संगठनों, मस्जिदों के मुल्लाओं ने उसे सुपुर्दे खाक कराने से मना कर दिया। उन्हें डर था कि एक जिहादी के जनाजे में शामिल होने का कहीं उन्हें खामियाजा न भुगतना पड़े। बोस्टन के इस्लामिक इंस्टीट्यूट के इमाम तलाल ईद ने तो यहां तक कहा कि 'ये वह शख्स था जिसने जानबूझकर लोगों की जान ली है। एक मुस्लिम के नाते उसके लिए (हमारे यहां) कोई जगह नहीं है।' जबकि, बताते हैं तामेरलान जिहादी गतिविधियों से खासा प्रभावित था। 2012 में वह रूस के मुस्लिम बहुल इलाकों, चेचन्या और दागेस्तान भी होकर आया था। बोस्टन की सबसे बड़ी मस्जिद के इमाम सुहेब ने तामेरलान की याद में नमाज पढ़ाने से मना कर दिया। इलाके की मस्जिद अल-करीम के अब्दुल्ला हमीद और मस्जिद अल-हुदा भी उस जिहादी को दफनाने की बात पर कन्नी काटते दिखे।
सऊदी अरब में बाहरी कामगारों पर गाज
दुकानों और स्कूलों पर छापे विदेशियों की बजाय अरबियों को काम देने का फरमान
दूसरे देशों से सऊदी अरब में जाकर काम करने वाले लोगों पर वहां इन दिनों सरकारी गाज गिर रही है। सऊदी सरकार ने कंपनियों से कह दिया है कि काम करने के अवैध वीसा लेकर आए बाहरी लोगों को निकाल बाहर करें। सरकार के इस फरमान के बाद ज्यादातर दूसरे देशों के लोगों को काम पर रखने वाले करीब 250 स्कूलों और बड़ी दुकानों पर ताले लटक गए हैं।
सऊदी अरब में दूसरे देशों से आकर काम करने वाले तकरीबन 80 लाख लोग हैं, जिसमें से एक चौथाई कानूनी तौर पर सही वीसा लिए बिना ही काम पर जुटे हैं। लेकिन यहां के श्रम मंत्रालय ने 2011 में 'सऊदीकरण' की मुहिम के तहत स्थानीय लोगों को रोजगार पर लगाने की तैयारी की थी। आंकड़े बताते हैं कि 12 फीसदी सऊदी नागरिक बेरोजगार हैं।
सरकार के इस फरमान से वहां के कारोबारियों में हड़कम्प है और उनके यहां काम करने वालों की तादाद बेहद कम रह गई है, क्योंकि ज्यादातर बाहरी कामगार हैं जो लंबी छुट्टियों पर चले गए हैं।
हालांकि वहां के राजा अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज ने विदेशी कामगारों को एकदम से निकालने की बजाय श्रम मंत्रालय को उन्हें ज्यादा से ज्यादा तीन महीने का नोटिस देने को कहा है।
ईरान में तेज हुआ 'आबादी बढ़ाओ' अभियान
20 साल से चली आ रही अपनी परिवार नियोजन नीति को पलटते हुए ईरान की सरकार ने अब जनता को आबादी बढ़ाने का पैगाम दिया है। इसके तहत वहां का स्वास्थ्य मंत्रालय 150,000 अफसरों को तैनात कर रहा है जो निकाह के फायदों को प्रचारित करेंगे और एक बच्चे वाले जोड़ों से परिवार बढ़ाने की अपील करेंगे। इतना ही नहीं, विश्वविद्यालयों को आबादी बढ़ाने संबंधी पाठ्यक्रम शुरू करने को कहा गया है।
ईरान के सबसे बड़े वाले मजहबी नेता अयातुल्लाह अली खामीनी ने हुक्म जारी किया है कि परिवार नियोजन का पिछले साल का 10 अरब पोंड का बजट निरस्त कर दिया जाए। उन्होंने इस नीति को एक भूल बताते हुए मुल्क की मौजूदा 7.5 करोड़ की आबादी को 15 करोड़ करने के लिए आबादी बढ़ाने का पैगाम दिया। एक बड़े वाले सरकारी अफसर का कहना है कि परिवारों को एक बच्चे पर ही बस करने को मना किया जा रहा है क्योंकि इससे 'सामाजिक और भावानात्मक' मुश्किलें पेश आ रही थीं। राष्ट्रपति अहमदेनिजाद ने तो एक मौके पर कहा भी था कि परिवार नियोजन की नीति ने मुल्क की पश्चिम से बराबरी करने की काबिलियत को कमजोर किया है। आलोक गोस्वामी
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