मुद्दों से भटकाने की कांग्रेसी रीत
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

मुद्दों से भटकाने की कांग्रेसी रीत

by
Feb 16, 2013, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मुद्दों से भटकाने की कांग्रेसी रीत

दिंनाक: 16 Feb 2013 11:39:07

राजनाथ सिंह 'सूर्य'

अफजल को फांसी देने के बाद जो चर्चा शुरू हुई है उसे देश के लिए शुभ नहीं माना जा सकता है। टीवी चैनलों पर पहली प्रतिक्रिया यह सुनने को मिली कि केन्द्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने जयपुर के कांग्रेस चिंतन शिविर में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों पर जो सेकुलर टिप्पणी की उस पर देश में जैसी तीखी प्रतिक्रिया हुई, उससे घबराकर सरकार ने अफजल की लंबित फांसी को त्वरित गति से अंजाम दिया है, ताकि संसद की कार्यवाही ठीक से चल सके। इस प्रकार की प्रतिक्रियाओं ने संसद पर हमले की गंभीरता को कम किया। क्या देश की सुरक्षा और स्वाभिमान को राजनीतिक दृष्टि से देखना या दिखाने का प्रयास करना उचित है? यह एक गंभीर विषय है जिस पर हमें सही परिप्रेक्ष्य में विचार करना चाहिए।

संसद के शीतकालीन सत्र के पूर्व कसाब को फांसी दी गई थी और अब बजट सत्र के पूर्व अफजल को। क्या कसाब को दी गई फांसी से देश के सामने जो समस्याएं हैं उनका समाधान हो गया था और संसद में हंगामा नहीं हुआ था? और क्या अफजल को फांसी पर लटकाए जाने से बजट सत्र में हंगामा नहीं होगा? भ्रष्टाचार, महंगाई आदि की समस्याएं पहले भी हंगामे का कारण बनती रही हैं। उसमें शिंदे की बेसिरपैर की टिप्पणियों ने उनके लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गृहमंत्री के स्थान पर वित्तमंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री को दिल्ली में सामूहिक बलात्कार काण्ड से उत्पन्न ऐतिहासिक आंदोलन में आगे कर सरकार ने स्वयं भी गृहमंत्री की क्षमता पर जो प्रश्न लगा दिया है उससे तो यही स्पष्ट होता है कि आंतरिक सुरक्षा के दायित्व का निर्वाह करने में शिंदे पूरी तरह विफल हैं। इसलिए अन्य मामलों के साथ गृहमंत्री की नाकामी और बड़बोलेपन का विरोध संसद में झेल पाना सरकार के लिए कठिन होगा।

कांग्रेस अपने विरोध में उभरने वाले किसी भी दल, नेता यहां तक कि संवैधानिक संस्थाओं के बारे में अनर्गल प्रलाप करने की 'अर्जुन सिंह परम्परा' पर कायम है। उनके सबसे बड़े अनुयायी उन्हीं के संबंधी दिग्विजय सिंह हैं। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के इस कथन पर कि, 'मैं केवल एकाउंटेंट नहीं हूं', 'तो क्या उन्हें पीएम समझना चाहिए' कहकर दिग्विजय सिंह ने सीएजी के प्रति सभी दुर्भावनापूर्ण अभिव्यक्तियों को पीछे छोड़ दिया। आगामी वर्ष के लिए विकास दर में गिरावट का अनुमान लगाने वाली संवैधानिक संस्था सांख्यिकी विभाग के खिलाफ तो वित्तमंत्री चिदंबरम भी बोल बैठे। हमें आश्चर्य है कि राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अभिव्यक्ति पर कांग्रेस कैसे मौन रह गई कि केंद्र में न नेता है, न नीति। कांग्रेस में लोग विरुदावलि से महिमा-गान बनाने में मगन हैं। ऐसे ही हैं उसके नेता शकील अहमद।

एक टीवी चैनल पर मोदी बनाम राहुल गांधी की चर्चा में भाग लेते हुए मणिशंकर अय्यर ने राहुल की 'सर्वव्यापकता' और मोदी की 'क्षेत्रीयता' की चर्चा करते हुए कहा कि वे (राहुल) जिस परिवार से हैं उसमें प्रधानमंत्री बनने वालों को दायित्व संभालने से पूर्व कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था, लेकिन सभी ने देश को आगे बढ़ाया। ये वही मणिशंकर अय्यर हैं जिन्होंने मंत्री रहते हुए अंदमान की सेलुलर जेल के मुख्य द्वार के पास वीर सावरकर द्वारा अंग्रेज जेलर को दिए गए जवाब की देशभक्तिपूर्ण व रोमांचित करने वाली अभिव्यक्ति के शिलापट्ट को हटवा दिया था।

अब तो कांग्रेस सरकार को थामे रहने वाले मुलायम सिंह और मायावती भी कहने लगे हैं कि कांग्रेस 'सीबीआई' का उनके खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। हालांकि यह बात करुणानिधि मुखरित होकर नहीं कह रहे हैं, लेकिन घटनाक्रम तो इसी बात का संकेत देता है। कांग्रेस का साथ ममता बनर्जी छोड़ गईं और साथ रहते हुए भी शरद पवार खुलेआम केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने में संकोच नहीं करते। अपने आचरण से कांग्रेस यह सिद्ध कर रही है कि उसकी सहायक केवल एक संस्था है- सीबीआई, जिसे 'कांग्रेस ब्यूरो आफ इंवेस्टिगेशन' का खिताब मिल चुका है। कांग्रेस इस समय उस डूबते हुए व्यक्ति की तरह आचरण कर रही है जिसे तैरना नहीं आता। देश के सामने मौजूद चुनौतियों को वह 'सेक्युलरिज्म' बनाम 'सांप्रदायिकता' में उलझाने का जितना प्रयास कर रही है उतना ही उसमें और उलझती जा रही है तथा देश की जनता उसकी साम्प्रदायिक और जातीयतावादी नीति व आचरण से सजग होती जा रही है। चाहे फांसी कसाब की हो या अफजल की, दोनों अवसरों पर इस अति महत्वपूर्ण मुद्दे को कांग्रेसी आचरण ने जिस प्रकार राजनीतिक दाव-पेंच में उलझाने का काम किया है उससे देश का भला तो होगा नहीं, कांग्रेस का भी भला नहीं होगा, क्योंकि वह नेता और नीति दोनों से विहीन है। भारतीय समाज, जिसमें 65 प्रतिशत युवा पीढ़ी है, उसे महज एक परिवार के वंदन और 'सेक्युलरिज्म बनाम सांप्रदायिकता' के जाल में अब और उलझाकर रखना संभव नहीं है। जिन समस्याओं से देश जूझ रहा है उसके समाधान के लिए ठोस कार्यक्रम चाहिए।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies