गुवाहाटी में हुई मानवता शर्मसार
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विपक्ष का विधानसभा से 'बहिष्कार'
असम की आम जनता जहां प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन उल्फा की सक्रियता से आतंकित है, वहीं महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी प्रश्न उठ खड़े हुए है। इसी के चलते गत 16 जुलाई को राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन गुवाहाटी में नाबालिग लड़की के साथ हुई सरेआम छेड़छाड़, विधायक डा. रूमी नाथ पर हुए हमले व नगांव में लोकलेखा समिति (पी.ए. सी.) के एक सदस्य पर हुए हमले पर चर्चा के लिये विपक्ष द्वारा लाये गये स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर किये जाने को लेकर बहुत हंगामा हुआ। भाजपा, अगप तथा व ए.आई.यू.डी.एफ. के सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने पीड़िता को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने के साथ ही जरूरत पड़ने पर सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा कर मामले को शांत करने की कोशिश की। वहीं गुंडों द्वारा सरेराह एक मासूम लड़की से अभ्रदता की खबर को 'कवर' करने वाले स्थानीय निजी चैनल (न्यूज लाइव) के पत्रकार गौरव ज्योति नेउग पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाने के साथ ही, मामले की पुलिस को सूचना न देने के कारण सामाजिक दायित्व का पालन न करने का अभियोग लगा, जिसके बाद उसे इस्तीफा देना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि गत 9 जुलाई को असम की राजधानी गुवाहाटी के भीड़-भाड़ वाले जी.एस. रोड पर लगभग 12 लोगों ने बीच सड़क पर एक किशोरी के साथ अश्लील छेड़छाड़ की, जिसके 'वीडियो फुटेज' स्थानीय निजी चैनल न्यूज लाइव के पत्रकार गौरव ज्योति नेउग ने 'रिकार्ड' किए। इसका प्रसारण न्यूज चैनल पर किये जाने के बाद असम सहित पूरे देश में खलबली मच गई। असम की राजधानी में सरेआम हुई इस शर्मनाक घटना के बाद आम जनता के आक्रोश को देखते हुए पुलिस महानिदेशक जयंत नारायण चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि 'वीडियो फुटेज' के आधार पर उक्त घटना में शामिल लोगों की शिनाख्त हो गई है, जिसमें से कुछ की गिरफ्तारी की जा चुकी। उन्होंने घटना का खुलासा करते हुए कहा कि जी. एस. रोड स्थित 'मिंट बार' में पीड़िता लड़की दो लड़कों और तीन लड़कियों के साथ जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने गई थी। वहां बार में शराब पीने के बाद जब पैसे देने की बारी आई तो लड़की ने कहा कि वह ए.टी.एम. कार्ड नहीं लाई है, जिसके बाद पैसे के लेन-देन को लेकर उनमें झगडा हुआ। बार में झगडा होते देख बार प्रबंधक ने उन्हें बाहर निकाल दिया। जिसके बाद वे सड़क पर झगड़ने लगे। वहां मौजूद कुछ लोग उनकी तस्बीरें 'मोबाइल' में कैद करने लगे। उक्त घटना की खबर बना रहे पत्रकार ने भी इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी। जिस समय वह घटना घटित हो रही थी उसी समय एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सादी वर्दी में उधर से गुजरा, जिसके कारण मामला काबू में आ पाया। पुलिस मुख्यालय के जन संपर्क अधिकारी ने बताया कि घटना के मुख्य आरोपी अमर ज्योति कलिता की जानकारी देने वाले को एक लाख रुपये व अन्य आरोपियों की जानकारी देने वालों को 25-25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है। इस घटना के राष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर प्रसारण के बाद राज्य सहित देश में चारों तरफ राज्य सरकार की निंदा हो रही है। राष्ट्रीय महिला आयोग का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी जांच के के लिए असम पहुंचा। इस प्रतिनिधि मंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिला उपायुक्त व पुलिस महानिदेशक से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए सामाजिक कार्यकर्त्ता अल्का लाम्बा ने पीड़िता का नाम लेकर कह दिया कि उसके साथ राष्ट्रीय महिला आयोग है, वह दोषियों का कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा। (हालांकि पीड़िता की पहचान उजागर कर देने के कारण लाम्बा को इस दल से हटा दिया गया है।) उन्होंने आगे कहा कि उक्त घटना के दौरान पीड़िता को सिगरेट से दागा गया है। इस तरह के अमानवीय अत्याचार को लेकर आयोग संवेदनशील है। इसलिये दोषियों के खिलाफ जरूरत पड़ी तो विशेष अदालत का गठन कर सजा दिलाने ले भी गुरेज नहीं किया जाएगा। उन्होंने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए और महिला पुलिस की गश्त की भी व्यवस्था किये जाने की वकालत की। साथ ही कहा कि पूरे मामले की विस्तृत रपट बनाकर प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रीय अध्यक्षा ममता शर्मा को सौंपेगा। इस घटना के बाद सरकार ने 'मिंट बार' का लाइसेंस रद्द कर दिया है। निष्क्रिय भूमिका को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अपूर्व जीवन बरुवा का भी तबादला कर दिया गया है।
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