राजाभोज उत्सव मेंसरस्वती जन्मोत्सव केसाथ विशाल शोभायात्राएं
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राजाभोज उत्सव में
साथ विशाल शोभायात्राएं
थ् अगले वर्ष सरस्वती प्रतिमा का पूजन करेंगे थ् डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दिलाया विश्वास आगामी वसंत पंचमी तक लंदन से सरस्वती प्रतिमा भोजशाला लेकर आएंगे
बसंत पंचमी के उपलक्ष्य मेंे मध्यप्रदेश के धार में राजाभोज उत्सव के अंतर्गत मां सरस्वती जन्मोत्सव का शुभारंभ भोजशाला में हवन, पूजन के साथ हुआ। यह समारोह जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी के मुख्य आतिथ्य में किया गया। डॉ. स्वामी ने इस अवसर पर भोजशाला पहुंचकर पूजा-अर्चना कर हवन कुण्ड में आहुतियां डालीं एवं आरती में भाग लिया। डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने विश्वास दिलाया कि अगली वसंत पंचमी पर भोजशाला में हम लोग वाग्देवी सरस्वती की प्रतिमा की पूजा करेंगे और प्रतिमा को हम लंदन से लाने में सफल होंगे।
डा. स्वामी ने कहा कि हिन्दू को हर मोर्चे पर संघर्ष करना पड़ता है, चाहे वह मानसरोवर कैलाश यात्रा का मामला हो या रामसेतु की रक्षा का। सभी जगह हिन्दुओं को संघर्ष करना पड़ रहा है। हमारे देश में 83 प्रतिशत हिन्दू हैं फिर भी हमारी बात रखने के लिए हमें संघर्ष करना पड़ता है। जिस दिन हम एकत्रित हो जाएंगे और जात-पांत से हटकर देशहित की सोचेंगे तो हमारी ओर कोई शक्ति आंख नहीं उठा सकती। डा. स्वामी ने इस अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को आश्वस्त किया कि अगले साल लंदन में कैद मां सरस्वती की मूर्ति भोजशाला (धार) में होगी। इसके लिए आगामी माह लंदन जाकर कानूनी कर्रवाई की जाएगी। इसके लिए भोज उत्सव समिति के अनुसार ही कार्य किया जाएगा। इसमें जो भी शर्तें व बाधाएं होंगी उससे भी हम निपटेंगे। सरस्वती प्रतिमा आने तक ही हम संतुष्ट न हों, हमें देश में पुनरुत्थान को लाना है। हिन्दुओं के आत्मसम्मान की रक्षा भी करनी है।
इस अवसर पर साध्वी साक्षी चेतना जी ने कहा कि आज हम गुलामी के प्रतीकों के साये में जी रहे हैं। हिन्दुओं की आस्था को केन्द्र मन्दिरों को उसकी संस्कृति का आधार होने के कारण मन्दिरों में बार-बार हमले किए जा रहे हैं। देश में जो कुछ हो रहा है वह हिन्दुओं को दबाने और उनकी आवाज बंद करने का कुप्रयास है, किन्तु चाहे जितनी भी बाधाएं आएं, देश, राष्ट्र, समाज व संस्कृति को बचाने के लिए हमें आगे आना होगा। यदि हमारी आवाज बंद हो जाएगी तो हमारी संस्कृति का विनाश भी हो जाएगा और आने वाली पीढ़ी भी अवरुद्ध हो जाएगी। जब तक हम रहेंगे धर्म व संस्कृति रहेगी। शोभायात्रा में राजाभोज की जय, सरस्वती माता की जय, भोजशाला हमारी है, के उद्घोष के साथ युवाओं की टोलियां चल रही थीं। शोभायात्रा के दौरान युवाओं में काफी उत्साह देखा गया। शोभायात्रा में भोज उत्सव समिति के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में जनसमुदाय साथ चल रहा था। शोभायात्रा के आगे चार युवक घोड़े पर भगवा पताका के साथ अगुआई कर रहे थे। सभी ने भोजशाला पहुंचकर वहां हवन-पूजन कर मां सरस्वती की आराधना की। द
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