विविध
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कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टीकरण
-डा. प्रवीण भाई तोगड़िया
कार्यकारी अध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिष्द
विश्व हिन्दू परिष्ाद के कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि अब समय आ गया है कि पूरा हिन्दू समाज संगठित होकर एक मंच पर आए, ताकि हिन्दू समाज को कमजोर करने की कांग्रेस की साजिश को नाकाम किया जा सके। वे गत दिनों कुरुक्षेत्र में विश्व हिन्दू परिष्ाद के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
डा. तोगड़िया ने कहा कि हिन्दू समाज पर खतरा मंडरा रहा है। अगर समय रहते हम नहीं जागे तो कांग्रेस की यह मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति हिन्दू समाज के अस्तित्व को खतरे में डाल देगी। उन्होंने कहा कि हमें मजहबी आरक्षण की होली जलानी होगी और केन्द्र में कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार पर दबाव बनाना होगा, ताकि वह इस आरक्षण को वापस लेने पर मजबूर हो जाए और आगे कभी भी हिन्दू समाज की अनदेखी करने की हिम्मत न कर सके। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही कांग्रेस वोट की राजनीति कर रही है। जिसके मद्देनजर उसने हमेशा ही हिन्दुओं की अनदेखी करके मुस्लिमों को अल्पसंख्यक व गरीब होने का नारा दिया है।
डा. तोगड़िया ने कहा कि कांग्रेस रोग को नहीं पहचान रही है और अपने स्वार्थ के कारण केवल मुस्लिमों को ही हर प्रकार का सहयोग दे रही है और उनके संसाधनों को भी बढ़ाने का काम कर रही है। जिसके कारण हिन्दू तो गरीब हो रहा है, उसके बच्चे भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। उन्हें अपने रोजगार के लिए भी धक्के खाने पड़ते हैं। उच्च षिक्षा के लिए ऋण हेतु बैंकों के चक्कर लगाकर खाली हाथ लौटना पड़ता है। उन्होंने चेताया कि यदि कांग्रेस की यही नीति रही तो देश में एक और पाकिस्तान बनने की नौबत आ जाएगी। डा. तोगड़िया ने कहा कि देश में मजहब के आधार पर आरक्षण अनुचित है।
इस अवसर पर उपस्थित विहिप के केन्द्रीय मंत्री डा. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि राजेन्द्र सच्चर और रंगनाथ मिश्र की रपट के कारण ही मुस्लिम आरक्षण के कानून को अमल में लाया गया है। आज सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग का हक छीना है, कल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का भी हक छीनेगी। संगोष्ठी में विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष श्री कांति लाल सैनी, उपाध्यक्ष डा. जयसिंह गुर्जर सहित विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। द डा. गणेश दत्त वत्स
ग्राहक हितों के लिए मंत्रालय बने
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक गत दिनों अकोला (महाराष्ट्र) में सम्पन्न हुई। बैठक का शुभारम्भ रा.स्व.संघ के अ.भा.कार्यकारी मंडल के सदस्य एवं ग्राहक पंचायत के मार्गदर्शक श्री श्रीकांत जोशी एवं श्री अनिरुद्ध देशपांडे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
बैठक को संबोधित करते हुए ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजाभाऊ पोफली ने ग्राहकों के हित और कानून की गहन समीक्षा पर बल देते हुए कहा कि इसका विधिवत लेखा-जोखा होना चाहिए। सिर्फ कानून पारित करने मात्र से काम नहीं चलेगा। इसका मंत्रालय बनाया जाना चाहिए। शिकायतों के निवारण एवं उचित मार्गदर्शन हेतु “मार्गदर्शन केन्द्र” भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति और मंहगाई का अध्ययन करके ग्राहक पंचायत को कार्य करने की जरूरत है। इस अवसर पर ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय महामंत्री श्री सोमनाथ खेड़कर भी उपस्थित थे।द प्रतिनिधि
“संस्कृत वांग्मय में राष्ट्रीय चेतना” पर संगोष्ठी
हिन्दुत्व की चेतना ही राष्ट्रीय चेतना
–हरिनाथ तिलहरी, न्यायाधीश (से.नि.)
लखनऊ के भाऊराव देवरस सेवा न्यास के तत्वावधान में गत दिनों “संस्कृत वांग्मय में राष्ट्रीय चेतना” विष्ाय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति प्रो. महावीर अग्रवाल ने की, जबकि मुख्य अतिथि थे न्यायमूर्ति (से.नि.) हरिनाथ तिलहरी।
न्यायमूर्ति तिलहरी ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दुत्व की चेतना ही राष्ट्रीय चेतना है, क्योंकि हिन्दुत्व और राष्ट्रीयता एक ही है। भारत देवनिर्मित देश है, इसकी संस्कृति में सबके कल्याण के लिए स्थान है। हमारा संबंध “माता भूमि: पुत्रोहं पृथिव्या:” का है। यह भाव जगाने वाली मूल भाष्ाा संस्कृत है।
प्रो. महावीर अग्रवाल ने संस्कृत वांग्मय में राष्ट्रीय तत्वों की व्याख्या करते हुए वेद को विश्व का पहला ज्ञान बताते हुए संस्कृत को भारतीय संस्कृति की प्रवाहिका भाष्ाा बताया।
संगोष्ठी में महर्ष्ाि दयानंद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. बलवीर आचार्य ने ब्राह्मण ग्रंथों में वर्णित राष्ट्रीय चेतना, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. शंकर दयाल द्विवेदी ने दार्शनिक विवेचनों में राष्ट्रीय चेतना, डा. आनंद कुमार श्रीवास्तव ने कालीदास साहित्य में राष्ट्रीय चेतना, प्रो. श्रीप्रकाश पांडेय ने पाणिनीय व्याकरण में राष्ट्रीय चेतना, डा. सुरचना त्रिवेदी ने आधुनिक संस्कृत साहित्य में राष्ट्रीय चेतना, डा. मोहन चंद्र भट्ट ने आयुर्वेद ग्रन्थों में राष्ट्रीय चेतना, डा. आशा रानी राय ने वाल्मीकि रामायण में राष्ट्रीय चेतना विष्ाय पर व्याख्यान दिया। इस अवसर पर सेवा चेतना के पं. मदन मोहन मालवीय विशेष्ाांक का लोकार्पण भी हुआ। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्री ब्रह्मदेव शर्मा “भाईजी”, डा. देवेन्द्र प्रताप सिंह, प्रो. श्याम सुन्दर शुक्ल, श्री जयकृष्ण सिन्हा, डा. मीता सिंह आदि विशेष्ा रूप से उपस्थित थे।द प्रतिनिधि
चौपाल ने दिया आर्थिक संबल
जरूरतमंद महिलाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण अर्पण
गत दिनों स्वदेशी जागरण फाउन्डेशन द्वारा प्रेरित चौपाल एवं श्यामलाल महाविद्यालय (सांध्य) के छात्र संघ के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य कार्यक्रम दिल्ली के श्यामलाल महाविद्यायल में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में 520 जरूरतमंद महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रति महिला दस हजार रुपये का आसान लघु ऋण वितरित किया गया। लोकसभा में विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार की इस प्रकार की योजनाएं असफल हो रही हैं, जबकि चौपाल जैसी संस्थाएं इस समाजहित कार्य को सफलतापूर्वक चला रही हैं। समृद्ध लोग राशि अर्पित करके आर्थिक दृष्टि से जरूरतमंद महिलाओं की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहे हैं ताकि वे उस राशि से कोई रोजगार आदि आरम्भ करके स्वाभिमानपूर्वक जीवन बिता सकें।
गोवा एवं सिक्किम के पूर्व राज्यपाल श्री केदारनाथ साहनी ने कहा कि समाज के वंचित वर्ग की महिलाएं यह ऋण स्वीकार कर हमें कृतार्थ करती हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्रबंध समिति की अध्यक्ष श्रीमती निर्मला गुप्ता, श्री रमेश प्रकाश, डा. हर्षवर्धन, श्री मुरलीधर राव, श्री अभय महाजन सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. हरीश गुप्ता ने की एवं संचालन श्री जितेन्द्र महाजन ने किया।द प्रतिनिधि
सूर्य नमस्कार यज्ञ में शामिल हुए 21 हजार छात्र
विगत दिनों मथुरा में “विद्या भारती पूर्व छात्र परिषद” के तत्वावधान में “सूर्य नमस्कार यज्ञ” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मथुरा के 110 विद्यालयों के 21 हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा 5 लाख से अधिक सूर्य नमस्कार किए। जिन विद्यालयों में सूर्य नमस्कार हुए उनमें 60 विद्यालय विद्या भारती से संबंधित थे, जबकि 50 अन्य संस्थाओं द्वारा संचालित। सभी योगासनों में श्रेष्ठ तथा प्राचीन योग साधना में श्रेष्ठ सूर्य नमस्कार को समाज में स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने बहुत उत्सुकता के साथ सहभागिता की। मथुरा के सोंख स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित सूर्य नमस्कार प्रतियोगिता में 4 छात्रों ने लगातार 104 सूर्य नमस्कार करके प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं, मथुरा के श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर में 800 छात्रों ने 40-40 सूर्य नमस्कार किए। परिषद ने विद्यालयों में सूर्य नमस्कार से जुड़े अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए। इनमें प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम बहुत रोचक रहा। द मुरली मनोहर “कूड़ा”
भ्रष्टाचार के विरुद्ध “एक्शन कमेटी अगेंस्ट करप्शन इन इंडिया” का गठन
चारों तरफ से उठे भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज
-स्वामी रामदेव, योगगुरु
“जब देश को चारों तरफ से लूटा जा रहा है तो इसके विरुद्ध आवाज भी चारों तरफ से ही उठनी चाहिए। भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभी एक और बड़ी जंग होगी। वर्तमान सरकार ने शहीदों के बलिदान को ही बर्बाद करके रख दिया है।” उक्त उद्गार प्रसिद्ध योगगुरु स्वामी रामदेव ने गत 4 फरवरी को नई दिल्ली स्थित मावलंकर सभागार में “एक्शन कमेटी अगेंस्ट करप्शन इन इंडिया” के गठन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। समर्थकों से खचाखच भरे सभागार में भारतमाता की जय तथा वंदेमातरम् के उद्घोष लगातार लग रहे थे।
भ्रष्टाचार के एक के बाद एक बड़े खुलासे करके सरकार की नाक में दम कर देने वाले जनता पार्टी के अध्यक्ष डा. सुब्रह्मण्डयम स्वामी इसके अध्यक्ष हैं। डा. स्वामी के अलावा देश के जाने-माने लोग इससे जुड़े हैं। इनमें प्रमुख हैं- सर्वश्री के.एन. गोविंदाचार्य, एस. गुरुमूर्ति, अजीत डोबल, प्रो. माधव दास नलपत, डा. आर. वैद्यनाथन, ए. सूर्य प्रकाश, डा. एस. कल्याणरमण, वी. सुन्दरम्, एम. आर. वेंकटेश, जे. गोपीकृष्ण, सरजू राय तथा अभिषेक जोशी।
स्वामी रामदेव ने भ्रष्टाचार की लड़ाई में मीडिया की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस लड़ाई में मीडिया के योगदान को इतिहास कभी विस्मृत नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि 2जी घोटाला दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है, इसका संकेत सर्वोच्च न्यायालय ने दे दिया है। भ्रष्टाचार में सरकार की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का संकेत बता रहा है कि सबके सब भ्रष्ट हैं। यानी “पूरी दाल ही काली है”। उन्होंने कहा कि बस या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लिखा रहता है, “जेब कतरों से सावधान”। पर इस सरकार ने तो पूरे देश पर ही डाका डाल दिया है, हमें इनसे सावधान हो जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है, क्योंकि केवल एक मंत्री नहीं, बल्कि सरकार की पूरी नीति को गलत बताया गया है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे कई लोगों की विदेशी खुफिया एजेंसियों से साठगांठ है। उन्होंने कहा कि भारत कोई और चला रहा है और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।
कालेधन के संबंध में बोलते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि विदेशों से भारतीयों का कालाधन तो वापस आना ही चाहिए। इसके अलावा देश के भीतर के अवैध धन को भी सामने लाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस दिन कालाधन वापस आएगा, उस दिन भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा और भारत आर्थिक महाशक्ति बनेगा। लोकपाल के संबंध में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यह कानून भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए नहीं, बल्कि बढ़ाने के लिए बना रही है। देशवासियों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने मत का इस प्रकार उपयोग करें, जिससे एक भी भ्रष्ट व्यक्ति विधानसभा में न पहुंचने पाए।
डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने संस्था के बारे में बताते हुए कहा कि इसका गठन भ्रष्टाचार के विरुद्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि हमें इस लड़ाई के लिए स्वामी रामदेव सहित अनेक संतों का आशीर्वाद प्राप्त है। संत यदि इस लड़ाई में आगे आएंगे तो यह समस्या समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हम अंत तक जाएंगे। आज अगर चिदंबरम् पर मुकादमा चलाने की अनुमति नहीं मिली है, तो कल अवश्य मिलेगी। चिदंबरम् भी निश्चित रूप से जेल जाएंगे। क्योंकि अभी जिन 122 कम्पनियों के लाइसेंस सर्वोच्च न्यायालय ने रद्द किए हैं, निचली अदालत ने इनको रद्द करने से मना कर दिया था। कार्यक्रम को श्री के.एन. गोविन्दाचार्य ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर संस्था की वेबसाइट का लोकार्पण भी किया गया। द प्रतिनिधि
केन्द्र सरकार के पशुपालन व डेयरी विभाग द्वारा गोमांस निर्यात पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने की मांग का विहिप ने किया विरोध
…इससे न सिर्फ गोवंश, अपितु संविधान व धर्म दोनों की हत्या होगी
-दिनेश चंद्र, संगठन महामंत्री, विश्व हिन्दू परिषद्
विश्व हिन्दू परिषद के संगठन महामंत्री श्री दिनेश चंद्र ने भारत सरकार के पशुपालन व डेयरी विभाग द्वारा योजना आयोग को गोमांस निर्यात पर लगे प्रतिबन्ध को हटाने सम्बन्धी रपट पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न सिर्फ गोवंश, अपितु संविधान व धर्म दोनों की हत्या होगी। सरकार को चेताते हुए उन्होंने कहा कि इससे पहले कि देश का जनमानस सड़कों पर उतरे संप्रग सरकार इस रपट को अविलम्ब वापस लेकर देश की जनता से माफी मांगे। यह विचार उन्होंने गत 7 फरवरी को दिल्ली संत महामण्डल के अधिवेशन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
श्री दिनेश चंद्र ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 48 में निहित राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत गोवंश की हत्या को पूरी तरह प्रतिबन्धित करते हैं। इसके अतिरिक्त अनेक न्यायालयों व सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों में भी गोवंश की हत्या व गोमांस निर्यात पर रोक लगाई जा चुकी है। गांधी जी, देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद, पं. मदन मोहन मालवीय, स्वामी विवेकानन्द, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी दयानन्द सरस्वती जैसे अनेक महापुरुषों ने हमेशा गोहत्या बंदी व गो-संवर्धन पर बल दिया था। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने तो यहां तक कहा “चाहे मुझे मार डालो, पर गाय पर हाथ मत उठाओ”। उन्होंने कहा कि भगवान राम और कृष्ण के इस देश में केन्द्र सरकार का यह रवैया हिन्दू समाज के लिए असहनीय है। अधिवेशन में दिल्ली संत महामण्डल के अध्यक्ष स्वामी प्रज्ञानन्द, महामण्डलेश्र स्वामी राघवानन्द, महामंत्री महन्त नवल किशोर दास व इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष श्री ब्रज मोहन सेठी विशेष रूप से उपस्थित थे।द प्रतिनिधि
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