गुवाहाटी में संस्कार भारती का 'बाल कला संगम' सम्पन्न
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गुवाहाटी में संस्कार भारती का 'बाल कला संगम' सम्पन्न
पूर्वोत्तर के बाल कलाकारों का संदेश
गुवाहाटी प्रतिनिधि
एनाजरी स्मारिका लोकार्पित करते हुए (बाएं से) श्री योगेन्द्र, श्री गुरु मयूम गौर किशोर शर्मा एवं श्री अतुलानंद गोस्वामी
सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए बाल कलाकार
संस्कार भारती, पूर्वोत्तर के तत्वावधान में गत दिनों गुवाहाटी में तीन दिवसीय 'बाल कला संगम' धूमधाम से सम्पन्न हुआ। इसमें पूर्वोत्तर के 53 जिलों से कुल 1382 बच्चों ने भाग लिया। साथ ही 604 कलामित्र, विद्यालय समन्यवयक, अभिभावक तथा कार्यकर्ता भी उपस्थित हुए। संगम के उद्घाटन समारोह में संस्कार भारती के ध्येय गीत के बाद सर्वप्रथम सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस.एन. फूकन, असमियां फिल्म अभिनेता श्री प्रांजल सैकिया, श्री अरुप चक्रवर्ती, पद्मश्री गुरुमयूम गौर किशोर शर्मा, संस्कार भारती के संरक्षक श्री योगेन्द्र, रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री श्रीकृष्ण मोतलग, संस्कार भारती, पूर्वोत्तर के अध्यक्ष श्री विमल लाठ सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और पूर्वोत्तर के बाल कलाकारों ने सुधाकंठ स्व. भूपेन हजारिका को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उद्घाटन समारोह के बाद पूर्वोत्तर के चयनित बाल चित्रकरों ने 1100 मीटर लम्बी पेंटिग तैयार की, जिसका विषय 'हमारी संस्कृति: हमारी पहचान' था। संध्याकालीन संास्कृतिक कार्यक्रम में स्व. भूपेन हजारिका का प्रसिद्ध गीत 'मानुहे मानुहर बाबे…..' का गायन पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के बाल कलाकारों ने किया। साथ ही लोक नृत्य, शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय गायन, नाटक तथा कविता पाठ भी किया। मंच पर स्व. भूपेन हजारिका और स्व. मामोनी गोस्वामी के चित्र दोनों तरफ लगे हुए थे। कार्यक्रम के मध्य में ही भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा बाल कलाकारों के बीच पहुंचे। वे बच्चों से बातचीत करते हुए खुद को गाने से रोक नहीं पाए। यहां श्री अनूप जलोटा और बाल कलाकारों ने देशभक्ति गीत और भजनों का ऐसा समा बांधा कि बच्चे तो बच्चे, अरुणाचल से आए एक वरिष्ठ कलाकार भी मंच पर झूमने लगे। संगम के दूसरे दिन 'बाल कलाकारों से मिलने मेघालय के महामहिम राज्यपाल श्री रंजीत शेखर भी पहुंचे। उन्होंने बाल कलाकारों द्वारा बनाई पेंटिग का अवलोकन किया तथा नन्हीं प्रतिभाओं की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब देने के साथ-साथ भ्रष्टाचार मुक्त जीवन के लिए सबको संकल्प दिलाया। इस दिन की संध्याकालीन मंचीय प्रस्तुति में ध्रुपद के प्रख्यात गायक उस्ताद वसीफुद्दीन डागर ने भारतीय संगीत, राग और उसके गूढ़तम् महत्वों की जानकारी बाल कलाकारों को दी। साथ ही उन्होंने बच्चों को शिव स्तुति का अभ्यास भी कराया। एक बच्चे द्वारा कहे अभिनन्दन के वाक्य 'आप को पूरे असम की तरफ से नमस्कार करता हूं' को श्री डागर ने बदलते हुए कहा कि आप सभी हमेशा कहें कि मैं पूर्वोत्तर भारत से हूं और पूर्वोत्तर भारत की तरफ से नमस्कार है। इसके बाद प्रश्न पूछने वाले सभी बच्चों ने यही कहा 'मैं पूर्वोत्तर भारत से हूं……'। सांस्कृतिक कार्यक्रम में मेघालय के लोकनृत्य, मणिपुर का रास, सिक्किम की नाट्य प्रस्तुति तथा असम के बिहू ने सबका मन मोह लिया। संगम के अन्तिम दिन प्रात: कालीन सत्र में प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी ने भी बच्चों से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने मणिपुर व असम के नृत्य की हृदय से प्रशंसा की। कार्यक्रम में एनाजरी (समता मूलक असमिया शब्द) नाम से प्रकाशित स्मारिका का लोकार्पण भी हुआ। संगम के समापन कार्यक्रम में प्रख्यात अभिनेता श्री मुकेश खन्ना विशेष रूप से उपस्थित हुए। सभी बाल कलाकार उन्हें अपने बीच पाकर बहुत सुखद अनुभूति कर रहे थे। इस अवसर पर श्री मुकेश खन्ना ने बच्चों को संयमित और साहसी बनने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में गुवाहाटी के विभिन्न नृत्य संस्थानों के बच्चों ने वन्देमातरम् की धुन पर अनुपम समूह नृत्य की प्रस्तुति दी। साथ ही बच्चों के उत्साह में राष्ट्रभक्ति का भाव जाग्रत करने के लिए 'बाबा सत्यनारायण मौर्य' ने भी अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। 'बाल कला संगम' संस्कार भारती, पूर्वोत्तर के प्रकल्प 'दृष्टि 2020' के पहले चरण का समापन था। इसके जरिए संस्कार भारती ने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के 86 जिलों में 11 लाख बच्चों तक 'देश का भविष्य: बच्चों के हाथ बच्चों के साथ' संदेश पहुंचाने के लिए वर्ष भर की एक योजना बनाई lÉÒ*n
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