रॉबिन का रोबोट
December 4, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम Archive

रॉबिन का रोबोट

by
Nov 25, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मध्य पृष्ठ

दिंनाक: 25 Nov 2011 18:35:38

मध्य पृष्ठ

बाल कहानी

आशीष शुक्ला

जयपुर से लौटते समय रॉबिन की खुशी देखने लायक थी। ऐसा लग रहा था कि उसके पैर जमीन पर पड़ ही न रहे हों। उसकी यह खुशी जयपुर घूमने के कारण नहीं थी और न ही जयपुर में नाना जी के घर की गई मौज-मस्ती के कारण थी। उसके चेहरे पर बिखरे आनंद का कारण कुछ और ही था और वह था रोबोट। जो कि उसके पिताजी ने कुछ देर पहले ही खरीद कर दिया था। वैसे तो उसके पास तीन रोबोट थे लेकिन इस रोबोट की तो बात ही कुछ और थी। उसकी जलती-बुझती लाल आंखें, हाथों में शानदार बन्दूकें और उसका फायर-फायर कहते हुए दौड़ना रॉबिन को इतना भाया कि वह उसे पाने के लिए मचल उठा। उसके पिताजी ने उसके लिए रोबोट खरीद दिया, हालांकि इसके लिए रॉबिन को थोड़ी जिद भी करनी पड़ी। उसकी आंखों में आंसू भी भर आए थे मगर उनके छलकने से पहले उसे अपना प्यारा रोबोट मिल गया।

अपने घर दिल्ली वापस जाने को रॉबिन रेलगाड़ी में बैठा, अपने प्यारे रोबोट से ढेरों बातें करने में खोया था, उसे अपने आस-पास की कोई खबर न थी। वह तो बस रोबोट के साथ खेलने में मस्त था। रोबोट की अठखेलियां उसे रोमांचित कर रही थीं, वह खुश था, इतना खुश कि कहना मुश्किल था। उसे देखकर उसके माता-पिता भी फूले नहीं समा रहे थे। इसी बीच गाड़ी ने सीटी दी। रॉबिन का ध्यान रोबोट से हटकर खिड़की की तरफ गया। उसने देखा लगभग उसकी ही उम्र का एक लड़का उसकी ओर गौर से देख रहा था। रॉबिन भी उस लड़के को बड़े ही ध्यान से देखने लगा लेकिन उसने पाया कि वह लड़का उसकी ओर न देख कर उसके रोबोट को देख रहा था। गाड़ी धीरे-धीरे चलने लगी थी। रॉबिन उस लड़के को देखता रहा। उसके चेहरे पर अजीब उदासी थी। गाड़ी ने प्लेटफार्म छोड़ दिया। वह लड़का रॉबिन की आंखों से ओझल हो गया। रॉबिन चकित सा कुछ देर खिड़की से बाहर देखता रहा। इसके बाद वह सब कुछ भूलकर फिर रोबोट से खेलने लगा। खेलते-खेलते वह सो गया।

रात बीत चुकी थी। सुबह हो रही थी। मां ने रॉबिन को जगाया और बताया कि हम दिल्ली पहुंचने वाले हैं। रॉबिन ने उठते ही उत्सुकता से इधर-उधर अपने रोबोट को देखा। जब वह उसे नहीं दिखा तो उसने मां से पूछा, “मां मेरा रोबोट कहां है?”

“वह मैंने बैग में रख दिया है”

मां ने इतना ही कहा था कि रॉबिन के चेहरे पर गुस्सा उभर आया। वह खीजते हुए बोला, “मुझे मेरा रोबोट दो, उसे मैं अपने पास ही रखूंगा।”

“बेटा रॉबिन, दिल्ली स्टेशन आने ही वाला है। घर चल कर तुम अपने रोबोट से खूब खेलना।”

पिता ने भी प्यार से समझाया। लेकिन रॉबिन तो जोर-जोर से रोने लगा। हारकर मां बैग से रोबोट निकालने लगी। तब तक दिल्ली स्टेशन आ गया। गोड़ी रुक चुकी थी। मां ने रोबोट उसके हाथ में दे दिया। रोबोट हाथ में आते ही रॉबिन का चेहरा खिल उठा। गाड़ी से उतरकर माता-पिता के साथ चलते हुए वह उनके चेहरे की तरफ देख रहा था और यह समझने की कोशिश कर रहा था कि माता-पिता कहीं उससे नाराज तो नहीं हैं। स्टेशन से बाहर आने पर रॉबिन के पिता ने घर तक के लिए टैक्सी किराए पर तय कर ली।

मौसम बड़ा ही सुहावना था। टैक्सी अपनी मंजिन की ओर बढ़ी चली जा रही थी। रॉबिन अपने रोबोट से खेल रहा था और मां उसे खेलते देख प्रसन्न हो रही थी। पिता टैक्सी की खिड़की से बाहर देख रहे थे और मौसम का मजा ले रहे थे। अचानक ही उन्होंने चालक से गाड़ी रोकने को कहा। चालक ने गाड़ी रोक दी। रॉबिन के पिता सड़क के किनारे लगे एक बोर्ड पर लिखे विज्ञापन को पढ़ने लगे। उस विज्ञापन में एक स्थानीय संस्था द्वारा अनाथ तथा असहाय बच्चों के लिए कपड़े, खिलौनों आदि का सहयोग मांगा गया था। रॉबिन के पिता ने उस संस्था का नाम व पता नोट कर लिया और चालक से आगे चलने को कहा और फिर वह रॉबिन की मां से बोले, “मेरा विचार है कि हमें कुछ कपड़े और खिलौने खरीद कर इस संस्था को देने चाहिए।”

रॉबिन की मां ने सहमति में सिर हिलाया। रॉबिन माता-पिता की बातें सुन रहा था। वह पिता से पूछ बैठा, “पिताजी हमें सहयोग क्यों करना चाहिए?”

“बेटा रॉबिन, क्योंकि वे बच्चे असहाय होते हैं।”

पिता ने बताया तो रॉबिन ने फिर प्रश्न किया, “असहाय बच्चे कैसे होते हैं?”

रॉबिन का प्रश्न सुनकर उसके पिता कुछ गंभीर हो गए और बोले, “बेटा रॉबिन, जिनका इस दुनिया में कोई नहीं होता वे अनाथ होते हैं। असहाय होते हैं। ऐसे बच्चे दर-दर की ठोकर खाते हैं। पेट भरने के लिए नौकर बनते हैं। मेहनत-मजदूरी करते हैं। भीख मांगते हैं। उनका अपना घर नहीं होता। फुटपाथ, रेलवे स्टेशन आदि में ही इनका बसेरा होता है। पहनने के लिए कपड़े नहीं होते। इनके नसीब में खेल-खिलौने भी नहीं होते। दूसरे बच्चों के हाथों में ही खिलौने देख कर अपने मन को खुश कर लेते हैं। ऐसे बच्चों की सहायता के लिए कुछ संस्थाएं काम करती हैं। वह आवास, भोजन, पढ़ाई, खेल-खिलौनों आदि की सुविधा देती हैं। ऐसी संस्थाओं को हमें भी सहयोग देना चाहिए।”

रॉबिन पिता की बात ध्यान से सुनता रहा। थोड़ी देर में उसका घर आ गया। घर पहुंचने पर पिता ऑफिस की तैयारी करने लगे और मां घर के काम में व्यस्त हो गयी। रॉबिन कुछ थकान महसूस कर रहा था। वह आराम से लेटकर सोने की कोशिश करने लगा लेकिन उसे नींद नहीं आई। पिता की बताई हुईं बातें उसके मन में गूंजने लगीं। उसे जयपुर में दिखे उसी लड़के की याद आने लगी जो उसके रोबोट को  बहुत ध्यान से देख रहा था। उसे लगा शायद वह असहाय था। उसके मैले-कुचैले फटे कपड़े, रूखे बाल, पैरों में चप्पल न होना और रोबोट को ललचाई नजरों से देखना रॉबिन के लिए अजीब अनुभव था। उस लड़के के विषय में सोचते हुए उसे न जाने कब नींद आ गई। शाम को पिताजी ऑफिस से घर आए। वह कुछ खिलौने, कपड़े और पुस्तकें खरीद कर लाए थे। रॉबिन कपड़ों, खिलौनों आदि को देखता रहा। अगले दिन पिता की छुट्टी थी। पिताजी सामान लेकर संस्थान जाने लगे तो रॉबिन ने भी साथ चलने की इच्छा प्रकट की। पिताजी उसे साथ ले जाने को तैयार हो गए। रॉबिन खुशी-खुशी उनके साथ चल पड़ा। उसका प्रिय रोबोट उसके पास था, रास्ते भर वह उससे खेलता रहा।

संस्थान पहुंचने पर रॉबिन ने देखा कि वहां पर कई लोग असहाय बच्चों को देने के लिए कुछ न कुछ सहयोग करने आए थे। रॉबिन के पिता भी साथ लाया हुआ सामान कार्यालय में देने चले गए। रॉबिन बाहर ही खड़ा था। संस्थान के सामने एक छोटा सा पार्क था जहां पर संस्थान के ही बच्चे खेल रहे थे। रॉबिन उनका खेल देखने लगा। अचानक उसकी नजर एक बच्चे पर पड़ी। जिसे देखकर वह चौंक उठा। उसे याद आ गया कि यह वही लड़का है जो जयपुर स्टेशन पर दिखा था। रॉबिन दौड़ कर उसके पास पहुंचा। रॉबिन को देख कर वह सहम उठा, शायद वह उसे पहचान गया था। थोड़ी देर तक दोनों एक-दूसरे को देखते रहे फिर रॉबिन बोल पड़ा, “तुम यहां कब आए?”

“आज…।”

“तुम्हारा नाम क्या है?”

“राजू”।

“क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे?”

यह कहते हुए रॉबिन ने उससे हाथ मिलाया लेकिन राजू सिर झुकाए खड़ा रहा। इसके बाद रॉबिन ने अपना प्यारा रोबोट उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा, “राजू, यह रोबोट तुम्हारे लिए है।”

कांपते हाथों से राजू ने रोबोट रॉबिन के हाथों से अपने हाथों में ले लिया।

कुछ देर तक वह फटी आंखों से उस रोबोट को देखता रहा। फिर कुछ झिझकते हुए उसने रॉबिन से कहा, “भैया यह चलता कैसे है?”

रॉबिन ने उसे रोबोट में लगा बटन दिखा कर बताया, “राजू जब ऊपर वाले हरे बटन को दबाओगे तो यह चलने लगेगा और नीचे लगे लाल बटन को दबाने पर यह रुक जाएगा।”

इसके बाद राजू ने उसे चलाने की कोशिश की पर वह नहीं चला तो उसने रॉबिन से कहा, “भैया मुझसे यह नहीं चलता आप चलाकर दिखाओ।”

रॉबिन ने उसे रोबोट चलाकर दिखाया। रोबोट जमीन पर दौड़ने लगा। दौड़ते हुए रोबोट को देखकर राजू के चेहरे पर खिलखिलाती हुई हंसी आ गई। राजू ने दौड़ते हुए रोबोट को अपने हाथों में उठा लिया।

उस दिन रॉबिन इतना खुश था जितना रोबोट पाने पर भी नहीं था। लेकिन उससे भी ज्यादा खुशी रॉबिन के पिता को थी जो कि चुपचाप पीछे से सारा नजारा देख रहे थे।

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

मणिपुर : फिर दो गुटों में भड़की हिंसा, गोलीबारी से 13 लोगों की मौत

मणिपुर : फिर दो गुटों में भड़की हिंसा, गोलीबारी से 13 लोगों की मौत

ज्ञानवापी मामला : एएसआई ने दाखिल किया शपथ पत्र

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद : दोनों पक्षों को सुनने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में निर्णय सुरक्षित

उमेश पाल हत्याकांड: पूर्व विधायक अशरफ की पत्नी और आरोपी जैनब के घर पर चलेगा बुलडोजर 

उमेश पाल हत्याकांड: पूर्व विधायक अशरफ की पत्नी और आरोपी जैनब के घर पर चलेगा बुलडोजर 

जुनैद, इमरान, चांद ने नाम पूछकर हिन्दू युवती का किया गैंगरेप, पुलिस की घेराबंदी में लगी गोलियां

जुनैद, इमरान, चांद ने नाम पूछकर हिन्दू युवती का किया गैंगरेप, पुलिस की घेराबंदी में लगी गोलियां

अमेरिकी संसदीय कमेटी की China को चेतावनी, Tibet से जुड़ी बात में दलाई लामा के प्रतिनिधियों से जरूर हो बात

अमेरिकी संसदीय कमेटी की China को चेतावनी, Tibet से जुड़ी बात में दलाई लामा के प्रतिनिधियों से जरूर हो बात

जनादेश : 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का फाइनल परिणाम, जानें कहां-कहां खिला कमल

जनादेश : 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का फाइनल परिणाम, जानें कहां-कहां खिला कमल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मणिपुर : फिर दो गुटों में भड़की हिंसा, गोलीबारी से 13 लोगों की मौत

मणिपुर : फिर दो गुटों में भड़की हिंसा, गोलीबारी से 13 लोगों की मौत

ज्ञानवापी मामला : एएसआई ने दाखिल किया शपथ पत्र

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद : दोनों पक्षों को सुनने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय में निर्णय सुरक्षित

उमेश पाल हत्याकांड: पूर्व विधायक अशरफ की पत्नी और आरोपी जैनब के घर पर चलेगा बुलडोजर 

उमेश पाल हत्याकांड: पूर्व विधायक अशरफ की पत्नी और आरोपी जैनब के घर पर चलेगा बुलडोजर 

जुनैद, इमरान, चांद ने नाम पूछकर हिन्दू युवती का किया गैंगरेप, पुलिस की घेराबंदी में लगी गोलियां

जुनैद, इमरान, चांद ने नाम पूछकर हिन्दू युवती का किया गैंगरेप, पुलिस की घेराबंदी में लगी गोलियां

अमेरिकी संसदीय कमेटी की China को चेतावनी, Tibet से जुड़ी बात में दलाई लामा के प्रतिनिधियों से जरूर हो बात

अमेरिकी संसदीय कमेटी की China को चेतावनी, Tibet से जुड़ी बात में दलाई लामा के प्रतिनिधियों से जरूर हो बात

जनादेश : 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का फाइनल परिणाम, जानें कहां-कहां खिला कमल

जनादेश : 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का फाइनल परिणाम, जानें कहां-कहां खिला कमल

एक दिन में 18 GI प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखण्ड

एक दिन में 18 GI प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखण्ड

विदेशी विद्वानों की नजर में क्या है “गीता”, श्लोकों में मैनेजमेंट के सूत्र, श्रीकृष्ण के उपदेश दिलाएंगे सफलता

विदेशी विद्वानों की नजर में क्या है “गीता”, श्लोकों में मैनेजमेंट के सूत्र, श्रीकृष्ण के उपदेश दिलाएंगे सफलता

उत्तराखंड: कॉर्बेट प्रशासन ने दो बाघों को बेहोश कर पकड़ा, आबादी क्षेत्र में इंसानों पर हमलावर होने का था अंदेशा

उत्तराखंड: कॉर्बेट प्रशासन ने दो बाघों को बेहोश कर पकड़ा, आबादी क्षेत्र में इंसानों पर हमलावर होने का था अंदेशा

अमृतसर : बीजेपी नेता गुरमुख सिंह पर कार सवार हमलावरों ने की फायरिंग

अमृतसर : बीजेपी नेता गुरमुख सिंह पर कार सवार हमलावरों ने की फायरिंग

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies