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माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केरल इकाई ने तमाम किन्तु-परंतुओं को ताक पर रखते हुए सार्वजनिक समारोह के मंच पर कुख्यात जिहादी कट्टरवादी अब्दुल नसीर मदनी के गले में बाहें डालकर दुनिया के सामने पूरे अक्खड़पन के साथ अपनी बेशर्म हरकत को अंजाम दिया। यह बात है गत 21 मार्च की, जब केरल के मलप्पुरम् जिले के पोन्नानी लोकसभा क्षेत्र, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, में वाममोर्चे की चुनावी सभा में अब्दुल नसीर मदनी की जिस तरह से मिजाजपुरसी की गई और सर आंखों पर बिठाया गया उससे माक्र्सवादी सिद्धांत की कसमें खाने वाले कुछ कामरेडों को अड़चन हुई हो तो हुई हो, माकपा (केरल) के सचिव पिनरई विजयन के मंसूबे जरूर सफल हुए। मुस्लिम वोटों की चाहत इतनी है कि एक बदनाम और सजा काट चुके (कोयम्बतूर बमकांड के लिए मदनी जेल में रह चुका है) अपराधी प्रवृत्ति के उन्मादी मुस्लिम गुट के साथ चुनाव लड़ने में शर्म तक महसूस नहीं की! अब केरल में माकपा माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नहीं रही बल्कि केरल की जनता इसे “मदनी कम्युनिस्ट पार्टी” या “कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (मदनी)” पुकारने लगी है। मदनी की पीडीपी से माकपा का चुनावी गठजोड़ हो गया है। दरअसल पोन्नानी में यह कार्यक्रम इसी गठजोड़ को खुलेआम दर्शाने के लिए आयोजित किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि इस प्रदर्शन से कुछ ही घंटे पहले दिल्ली में भाकपा के महासचिव बद्र्धन ने पीडीपी को साम्प्रदायिक गुट करार दिया था, जिसके जवाब में इस समारोह में पिनरई ने घोषणा की कि “हमें डराने के लिए ऐसे वक्तव्य न दें कि “ये आ रहे हैं साम्प्रदायिक, ये हैं आतंकवादी।” पिनरई ने कहा, “मदनी आतंकवादी नहीं हैं। हमें इसके लिए किसी का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।” बद्र्धन की बात का यह करारा जवाब था।सार्वजनिक समारोह में मदनी से निकटताएं बढ़ाने के लिए पिनरई ने पीडीपी के कार्याध्यक्ष पुनतूरा सिराज को आरएसपी के महासचिव चन्द्रचूड़न पर खुलकर लांछन लगाने की छूट दी थी। चन्द्रचूड़न ने तिरुअनंतपुरम् में पीडीपी को साम्प्रदायिक संगठन करार दिया था। कार्यक्रम के मंच पर पिनरई ने एक घंटे से ज्यादा समय तक मदनी के लिए इंतजार किया और जब वह आया तो पिनरई सहित सब खड़े होकर ताली बजाने लगे। मदनी को एक हीरो की तरह लिया जा रहा था। जब बोलने के लिए मदनी खड़ा हुआ तो वाममोर्चे का समारोह पीडीपी के समारोह में बदल गया। मदनी ने कांग्रेस और उसकी सहयोगी मुस्लिम लीग पर खुद को आतंक फैलाने वाला बताने पर जमकर लताड़ा। इतना ही नहीं तो मदनी ने वाममोर्चा समर्थकों की भीड़ और मंच पर मौजूद कई माक्र्सवादी दिग्गजों को “मेरे बच्चे” कहकर पुकारा। यह चुनावी सभा पोन्नानी में मोर्चा के निर्दलीय उम्मीदवार हुसैन रंदातनी के चुनाव प्रचार की शुरूआत के तौर पर आयोजित की गई थी। और तो और हुसैन का नाम भी मदनी ने ही सुझाया था जिसे माकपा ने बिना हील-हुज्जत के स्वीकार कर लिया। वह बात अलग है कि इसकी वजह से भाकपा और माकपा में कई दिन तक तनातनी रही क्योंकि वाममोर्चा ने वह स्थान भाकपा को सौंपा था। दरअसल केरल में माकपा मलप्पुरम्, कोझीकोड, पलक्काड़ और कासरगोड जैसे मुस्लिम बहुल जिलों में पैठ बनाने को उतावली है।21
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