ईसाई मिशनरी कपट को हिमाचल का इनकार
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

ईसाई मिशनरी कपट को हिमाचल का इनकार

by
Nov 3, 2007, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 03 Nov 2007 00:00:00

151 मतान्तरित ईसाइयों की घर वापसी-अजय श्रीवास्तवहिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रहने वाली लज्जा देवी की दर्द भरी दास्तान किसी पत्थर दिल को भी पिघला सकती है। इस वृद्धा की आंखें रोते-रोते रीत चुकी हैं। वह घन्टों शून्य में ताकती रहती हैं। ब्रोन टूमर के कारण मौत से जूझ रहे उनके लाडले युवा पोते को प्रार्थना से “चंगा” करने का झांसा देकर लज्जा देवी और उनके परिवार के करीब 15 सदस्यों को मिशनरियों ने ईसाई बना दिया था। इतना ही नहीं, बीमार पोते राकेश के दम तोड़ने के बाद इस गरीब दलित महिला से कफन-दफन के नाम पर सात हजार रुपए भी ईसाई मिशनरी ऐंठ ले गए।अब लज्जा देवी ही नहीं, धोखा खाए ऐसे सैकड़ों दलित-ईसाई परिवारों का भ्रम टूट चुका है। ये लोग हिन्दू धर्म में वापसी के लिए छटपटा रहे हैं। इसी भावना के कारण लोभ-लालच या गुमराह करके ईसाई बनाए गए 151 लोग गत 28 फरवरी को धार्मिक विधि-विधान से “घर-वापस” लौटे। इनमें लज्जा देवी और उनका पूरा परिवार भी शामिल है। स्वधर्म में वापस लौटने वालों में पास्टर टुलकू राम थे तो शिमला में 40 साल पहले ईसाइयत का प्रचार करने वाले स्व. शकूर मसीह के पुत्र शम्मी डेविड और 50 वर्ष पूर्व ईसाई बन चुके परिवार के अमित कुमार पुत्र स्व. मुरीद जैसे लोग भी थे।अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री तरसेम भारती ने इन लोगों की घर वापसी का रास्ता तैयार किया और उक्त कार्यक्रम भी इसी संस्था ने आयोजित किया था। स्थानीय विश्व हिन्दू परिषद्, सनातन धर्मसभा, श्री गुरुसिंह सभा, वाल्मीकि सभा, रविदास सभा और जैन सभा ने घर वापसी कार्यक्रम को पूरा सहयोग दिया। दलित समुदाय में सम्मानित श्री भारती का मानना है कि “ये तो प्रदेश में एक शुरुआत है। मतान्तरित लोग अब ईसाई मिशनरियों की ठगी को समझ चुके हैं।”धोखे से मतान्तरित हुए दलित परिवारों की प्रतिनिधि कहानी है लज्जा देवी की। शिमला के कसुम्पटी क्षेत्र में अपने छोटे से घर में उन्होंने पाञ्चजन्य को अपनी दुखद कथा आंसू भरी आंखें लिए सुनाई। लज्जा देवी के अनुसार उनकी पुत्रवधु का देहान्त बहुत पहले हो गया था, तब पोता राकेश बहुत छोटा था। उन्होंने ही अपने पोते को मां का प्यार देकर पाला था। 2003 में राकेश के मस्तिष्क में फैल रहे ब्रोन टूमर का पता चला और वह इलाज के बावजूद कोमा में चला गया। उसी दौरान ईसाई मिशनरियों ने श्रीमती लज्जा देवी से संपर्क किया और ईसा मसीह से प्रार्थना कर राकेश को “चंगा” करने का भरोसा दिलाया। वे लोग पूरे परिवार को चर्च ले गए और कहा कि सभी के ईसाई बन जाने से प्रार्थना जल्दी असर करेगी। लज्जा देवी ने बताया, “ईसाई मिशनरियों ने हमें बहला-फुसला कर अपने वश में कर लिया। हम गरीब लोग हैं। मेरे पति और बेटा गुजर चुके थे। केवल पोता कमाने वाला था। हमने उसकी जान बचाने के लिए दिल पर पत्थर रख कर ईसाई बनना मंजूर कर लिया। पूरा परिवार ईसाई बन गया।”मतान्तरण के कुछ दिन बाद ही राकेश की मृत्यु हो गई। ईसाई मिशनरियों ने उसे दफन करने के लिए गरीब विधवा से 2000 रुपए लिए। उसके बाद कब्रा पक्की करने और उस पर छत बनाने के नाम पर पांच हजार रुपए और ऐंठे। लज्जा देवी ने कहा, “झूठे मिशनरियों ने मुझ दुखियारी को ठग लिया। मेरा पोता भी चला गया। उसकी कब्रा आज तक न तो पक्की हुई और न ही उस पर छत पड़ी। मैं ईसाई बनकर पछता रही हूं। मेरे देवी-देवताओं की मूर्तियां यह कह कर घर से हठार्इं कि ये “मुर्दा देवता” हैं और राकेश को ये ठीक नहीं कर सकते। उन्होंने वे मूर्तियां नाले में फेंक दीं और घर में शीशी में रखे गंगा जल को शौचालय में डाल दिया….।” यह कहते-कहते लज्जा देवी फूट-फूट कर रो पड़ीं। उसके अनुसार ईसाई मिशनरियों ने कहा कि “प्रभु यीशू ही जिन्दा भगवान हैं और वही राकेश को बचाएंगे।” आज लज्जा देवी मानती हैं कि देवी-देवताओं के अपमान की वजह से उसके पोते की मृत्यु हुई और घर के बाकी सदस्य भी बीमार रहने लगे।मतान्तरण का एक उदाहरण पास्टर टुलकू राम भी हैं। आठ वर्ष पूर्व वह ईसाई बने थे। बी.ए. करने के बाद बेरोजगारी और गरीबी के दौर में उन्हें ईसाई मिशनरियों ने झांसा दिया। वह ईसाई मत प्रचारक बन गए। 6,500 रुपए प्रतिमास मिलते थे। लेकिन वह भी घर-वापसी के लिए आतुर थे क्योंकि मन से उन्होंने कभी भी ईसाई मत स्वीकार नहीं किया था।अखिल भारतीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति महासंघ ने श्री तरसेम भारती के नेतृत्व में नाहन, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊ‚ना और किन्नौर आदि जिलों में भी घर वापसी के लिए काम शुरू कर दिया है।32

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies