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माकपा मंत्रियों के खेमों में भी संघर्षमाकपानीत सरकार के ऐशियन डेवेलपमेंट बैंक से विकास कार्यक्रमों के लिए ऋण लेने के फैसले की प्रारंभिक पड़ताल से प्रक्रियाजन्य दोषों का पता चला है। ये कार्यक्रम केरल में 5 शहरी कार्पोरेशनों के लिए निर्धारित किये गये थे। राज्य के मुख्य सचिव लिज्जी जैकब, जिन्होंने मुख्यमंत्री अच्युतानंदन के आदेश पर पड़ताल की, ने रपट दी है कि ए.डी.बी. से समझौते में कुछ प्रक्रियाजन्य खामियां हैं। शासन पर माकपा की गुटबाजी के असर के ताजा उदाहरणस्वरूप, स्थानीय स्वशासन मंत्री पालोली मोहम्मद कुट्टी ने कहा कि 3,405 करोड़ रुपए के ऋण के लिए ए.डी.बी. से समझौते में सभी प्रक्रियाओं का ध्यान रखा गया। गत 8 दिसम्बर को राज्य सरकार के प्रतिनिधि ने दिल्ली में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया है कि समझौते पर मंत्रिमंडल में चर्चा नहीं की गयी थी। कैबिनेट ने कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है और इस कार्यक्रम को स्वीकारने वाले सभी कार्पोरेशनों ने योजना को स्वीकृति दे दी है।जब समझौते पर हस्ताक्षर की खबर सामने आयी तब अच्युतानंदन ने स्पष्ट कर दिया था कि समझौते को उनकी हरी झंडी नहीं मिली थी। पिछली कांग्रेसनीत सरकार के दौरान विपक्ष के नेता के रूप में अच्युतानंदन ने ए.डी.बी. से ऋण लेने के सरकार के फैसले का विरोध किया था। बहरहाल माकपा के मुखपत्र देशाभिमानी में वित्त मंत्री थामस इस्साक ने मुख्यमंत्री के तर्क का प्रतिकार करते हुए कहा कि ऋण समझौते में चुभने वाली शर्तों को हटा दिया गया है। (हालांकि केवल कुछ शब्द ही बदले गये हैं, बाकी शर्तें जस की तस हैं।) इस मुद्दे पर माकपा की भीतरी कलह ने 7 माह पुरानी कम्युनिस्ट सरकार को संदेह के घेरे में ला दिया है। पहले ही दिन से मुख्यमंत्री अच्युतानंदन और अधिकांश माकपा मंत्रियों, जो राज्य माकपा सचिव पिनरई विजयन के निष्ठावान हैं, के बीच ठनी हुई है। आश्चर्यजनक रूप से पिनरई के निकटवर्ती वित्तमंत्री थामस इस्साक ने राज्य के बजट में 140 करोड़ रुपयों को ए.डी.बी. से आय के रूप में चिन्हित किया है। लेकिन मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्हें नहीं मालूम कि सरकार ए.डी.बी. से ऋण ले रही है। हालांकि उनका कहना है कि इस मुद्दे पर कैबिनेट में बातचीत नहीं हुयी जबकी इस्साक इसे झुठला देते हैं। आश्चर्यजनक रूप से पार्टी महासचिव प्रकाश कारत ने भी ए.डी.बी. से ऋण लेने को सही ठहराया।11
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