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मतान्तरण के विरुद्ध केन्द्रीय कानून बनेगत 28 मई को विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से मिला। प्रतिनिधिमण्डल के अन्य सदस्य थे विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री डा. सुरेन्द्र कुमार जैन, सरदार हरप्रीत सिंह, सरदार सुखपाल सिंह, चौधरी राजेन्द्र सिंह फोगार एवं श्री राजेन्द्र चड्ढा। प्रतिनिधिमण्डल ने राष्ट्रपति को ईसाई मिशनरियों द्वारा शिक्षा एवं सेवा केन्द्रों की आड़ में चलाई जा रही मतान्तरण की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। प्रतिनिधिमण्डल ने राष्ट्रपति डा. कलाम को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें ईसाई मिशनरियों पर तथाकथित हमलों के आरोपों की सत्यता बताई गई है। श्री अशोक सिंहल एवं डा. सुरेन्द्र कुमार जैन के हस्ताक्षरों से युक्त इस ज्ञापन में पांच प्रमुख मांगें की गई हैं। ये मांगें हैं-1. धर्म के प्रचार का संविधान प्रदत्त अधिकार केवल भारत के नागरिकों को है, इसलिए सभी विदेशी मिशनरियों को भारत छोड़ने का आदेश देना चाहिए। 2. विदेशी मिशनरियों को विदेशों से मिलने वाले धन पर रोक लगानी चाहिए। 3. मिशनरियों और उनसे सम्बंधित गैरसरकारी संगठनों के कारनामों की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया जाए। 4. हिन्दू देवी-देवताओं और धर्म को अपमानित करने वाले समस्त साहित्य को जब्त एवं नष्ट करने का आदेश दिया जाए। 5. भारत में बल प्रयोग, लालच एवं धोखे से किए जा रहे मतान्तरण पर रोक लगाने के लिए एक केन्द्रीय कानून बनाया जाए। प्रतिनिधि21
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