|
जड़ से जुड़े रहें और आगे बढ़ें-जगदीश खट्टर, अध्यक्ष, मारुति उद्योग लिमिटेड”हर व्यक्ति को समय-समय पर यह मूल्यांकन करना चाहिए कि वह अपनी जड़ से टूट तो नहीं रहा है। क्योंकि अपनी जड़ से जुड़ा व्यक्ति ही देश और समाज के विकास के बारे में सोच सकता है और अपने अस्तित्व की रक्षा कर सकता है।” ये विचार हैं मारुति उद्योग लिमिटेड के अध्यक्ष श्री जगदीश खट्टर का। श्री खट्टर गत 25 अगस्त को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेन्टर में “दी लाइव्स एण्ड हिस्ट्री आफ दी डेरा बगाईज” पुस्तक का लोकार्पण करने के बाद लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं इंडिया इन्टरनेशनल सेन्टर के अध्यक्ष प्रो. एम.जी.के. मेनन ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि संयुक्त परिवार व्यवस्था में ही पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा मिलता है। अत: यथासंभव परिवार को संयुक्त रखने का प्रयास होना चाहिए।”दी लाइव्स एण्ड हिस्ट्री आफ दी डेरा बगाईज” पुस्तक के लेखक हैं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एस.एम. बगाई। इस पुस्तक में बगाई समाज का 700ई. लेकर अब तक का इतिहास, उद्योग-व्यापार, उन्नति-अवनति एवं उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया है। बगाई समाज के लोग अभी दुनिया के किन-किन देशों में हैं, उनकी जनसंख्या कितनी है, वे किन ऊंचे पदों पर रहकर भारत की सेवा कर रहे हैं, इन सबकी जानकारी पुस्तक में दी गई है। पुस्तक की कीमत 650 रु. है। पुस्तक डी-1/49, वसंत विहार, नई दिल्ली से प्राप्त हो सकती है।उल्लेखनीय है कि बगाई समाज के पूर्वज 700 ई. में मध्य एशिया से आकर पहले ईरान, फिर अफगानिस्तान और 1748 में डेरा गाजी खान (पाकिस्तान) में बसे थे। डेरा गाजी खान में बगाई समाज बड़ा प्रभावशाली था। उद्योग और व्यापार में इस समाज का दबदबा था। बगाई समाज का झुकाव आर्य समाज की ओर रहा है। विभाजन के समय बगाई समाज के लगभग 700 लोग भारत आए थे। इन्हीं में से कुछ इन दिनों दिल्ली और पंजाब में रहे रहे हैं तथा शेष कनाडा, अमरीका, जापान आदि देशों में बसे हुए हैं। प्रतिनिधि28
टिप्पणियाँ