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गत 21 अप्रैल को केरल के अल्लपुझा जिले में मावेल्लिकारा के निकट चारमुडु नामक स्थान पर क्षेत्र के वरिष्ठ हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता एवं रा.स्व.संघ के तालुका कार्यवाह जी. चन्द्रन की माक्र्सवादी हत्यारों के एक दल ने हत्या कर दी। चंद्रन की हत्या के पीछे माकपाई गुण्डों और पुलिस की कथित सांठगांठ बताई जा रही है। चंद्रन की हत्या के विरोध में रा.स्व.संघ और भाजपा के नेतृत्व में स्थानीय हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने दिनभर की हड़ताल का आह्वान किया जो पूर्णतया सफल रही। इसके बाद घटना स्थल के निकट वेट्टियार क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। आक्रोशित संघ स्वयंसेवकों ने अल्लपुझा जिले के पुलिस अधीक्षक ई.जे. जयराज का घेराव किया और उनसे कहा कि संघ कार्यकर्ता की हत्या के पीछे पुलिस की ढिलाई ही प्रमुख कारण है। इस क्षेत्र में पहले भी संघ और माकपा कार्यकर्ताओं के बीच कई बार संघर्ष हुए हैं। संघ की बढ़ती स्वीकार्यता से बौखला कर माक्र्सवादी उन पर लगातार हमले करते रहे हैं।घटनाक्रम के अनुसार चंद्रन की हत्या से पूर्व माक्र्सवादी तत्वों ने उस क्षेत्र के कुछ संघ कार्यकर्ताओं और उनके घरों पर हमले किए थे। चंद्रन को जब यह खबर लगी तो वह वेट्टियार क्षेत्र में सम्बंधित लोगों से मिलने गए थे। जब वे कुछ कार्यकर्ताओं के साथ ध्वस्त घरों का दौरा कर रहे थे तो पुलिस ने वहां पहुंचकर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई और इसी में किसी ने चंद्रन का अपहरण कर लिया। बाद में 21 अप्रैल की सुबह उनका मृत शरीर चारमुडु स्थान पर मिला। उनके शरीर पर गहरे घाव किए गए थे। हत्यारों की निर्ममता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चंद्रन के विभिन्न अंग बुरी तरह क्षत-विक्षत कर दिए गए थे। उसी क्षेत्र में पास ही पुलिस की लाठियां और एक पुलिस टोपी प्राप्त होने के बाद लोगों का पुलिस के प्रति आक्रोश भड़क उठा। प्रारंभिक पड़ताल के बाद कुरितिकढ़ पुलिस थाने के उप निरीक्षक को बर्खास्त कर दिया गया और इस घटना की जांच चेंगानूर के पुलिस उपाधीक्षक को सौंपी गई है। रा.स्व.संघ के प्रांत प्रचारक श्री ए.गोपालकृष्णन ने कहा है कि पुलिस ने एक पक्षीय व्यवहार दर्शाया है और संघ कार्यकर्ताओं पर माकपा द्वारा हमले की अनेक शिकायतों के बाद भी उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। – प्रदीप कुमार19
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