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? तिरप जिले के सरकारी कर्मचारियों के 24 प्रतिशत वेतन की मांग? अरुणाचल के नागरिकों ने सरकार से समाधान की अपील कीकुछ समय की चुप्पी के पश्चात् अरुणाचल में एक बार फिर से नागा विद्रोही गुट एन.एस.सी.एन. (आई.एम.) ने सरकारी अधिकारियों पर दबाव बना कर जबरन वसूली का दौर शुरू कर दिया है। अरुणाचल के तिरप जिले में पिछले दिनों ऐसी ही एक घटना हुई है। तिरप जिले के उपायुक्त तालम तापोक को इस विद्रोही गुट की ओर से एक पत्र भेजकर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में से चौबीस प्रतिशत हिस्से की मांग की गयी है। एन.एस.सी.एन. (आई.एम.) के “कमांडर” एल.रैक्स की ओर से भेजे गये उस पत्र में कहा गया है कि जिले के सभी सरकारी लोक कर्मचारी अपने वेतन में से 24 प्रतिशत वेतन इस गुट को भेजें। हाथ से लिखा गया यह पत्र “गवर्नमेंट आफ द पीपुल्स रिपब्लिक आफ नागालिम” के लेटर हैड पर है। इसमें 6 जुलाई 2007 तक यह पैसा विद्रोही गुट को सौंपने का निर्देश दिया गया है।सैन्य सूत्रों ने कहा है कि यह पत्र एन.एस.सी.एन. (आई.एम.) के असली षडंत्र को उजागर कर देता है। एन.एस.सी.एन. (आई.एम.) के विद्रोही पड़ोसी राज्य नागालैंड से अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करते हैं और सरकारी अधिकारियों तथा आम नागरिकों को डराया-धमकाया करते हैं। ये विद्रोही अपनी आर्थिक जरुरतों को पूरा करने के लिए इन पर दबाव बनाते हैं और अगर कोई इनके “आदेशों” को मानने से इनकार करता है तो उसको जान से मारने की धमकी दी जाती है।इसी वर्ष अप्रैल माह में इस विद्रोही गुट के एक अन्य “कमांडर” रिकी कावी को असम रायफल्स द्वारा एक स्थानीय युवती के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते समय गिरफ्तार किया गया था। इस पर एन.एस.सी.एन. (आई.एम.) के विद्रोहियों ने उस लोकसिम गांव, जहां की वह युवती थी, के लोगों को सताना शुरू किया था और असम रायफल्स ने उस गांव को घेर कर विद्रोहियों को वहां से भगाया था।तिरप जिले में पैसे की ताजा वसूली के आदेश के बाद से इस जिले के लोग भयभीत हैं और उन्होंने राज्य सरकार तथा अन्य नेताओं से उन्हें इस संकट से उबारने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि सरकार नागालैंड के इस विद्रोही गुट को अरुणाचल में आतंक फैलाने से रोकने हेतु तुरंत कार्रवाई करे। प्रतिनिधि10
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