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हमलों के बीच धर्मनिष्ठा-बंगलादेश से लौटकर तरुण विजयरमणाकाली मंदिर की जगह बदलीतो हिन्दू चुप नहीं बैठेंगे-मेजर जनरल चित्तरंजन दत्त (अ.प्रा.), अध्यक्ष, हिन्दू बौद्ध क्रिश्चियन ऐक्य परिषदरथ यात्रा उत्सव में भाषण देते हुए हिन्दू क्रिश्चियन बौद्ध ऐक्य परिषद के अध्यक्ष मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) चित्तरंजन दत्त ने कहा कि यह उत्सव हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक है। बंगलादेश के अल्पसंख्यक सभी के साथ दोस्ती और भाईचारे के साथ रहना चाहते हैं। लेकिन हमें यह देखकर चिंता होती है कि अल्पसंख्यकों की भावनाओं का सम्मान नहीं होता। ढाका में हमारी आराध्य देवी रमणाकाली के मंदिर को 1971 में पाकिस्तानी सेना ने ध्वस्त किया था, लेकिन अभी तक उसका पुनर्निर्माण नहीं हो सका। वहां हिन्दुओं ने एक अस्थाई पंडाल में मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना प्रारंभ की हुई है और अब वहां से भी मंदिर की जगह बदली जा रही है। एक ओर तो हिन्दुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं, दूसरी ओर उनके मंदिर तक की जगह बदली जा रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे और यदि ऐसा किया गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे। जनरल दत्त ने कहा कि हमने बंगलादेश की मुक्ति का संग्राम लड़ा है। हम बंगलादेश के मुक्ति योद्धा हैं और किसी की दया पर निर्भर नहीं हैं। अगर हम 1971 में पाकिस्तानियों से युद्ध कर सकते हैं तो रमणाकाली मंदिर की जगह बदलने वालों से भी युद्ध के लिए तैयार हैं। ऐक्य परिषद के महासचिव प्रो. निमाई चंद्र भौमिक हैं। इनसे विस्तृत बातचीत हम अगले अंक में देंगे।11
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