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असम-चुनाव अंधेरे में आशा तलाशता असम – गुवाहाटी से तरुण विजय
“असम की समस्या का समाधान न कांग्रेस ने किया, न भाजपा ने” -बृन्दावन गोस्वामी, अध्यक्ष, असम गण परिषद
असम में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा- केन्द्र की शह पर घुसपैठ बढ़ी
दिल्ली में तृतीय चमनलाल स्मृति व्याख्यान हिन्दुत्व के मूल्य दिखाएंगे दुनिया को राह – प्रतिनिधि
तमिलनाडु इरोड में हिन्दू पुनर्जागरण सम्मेलन मिटे जातिभेद, जगे हिन्दू समाज -प्रतिनिधि
उत्तराञ्चल भाजपा अध्यक्ष कोश्यारी ने कहा- तुरन्त चुनाव हों, गंगा की तरह पवित्र सरकार देंगे प्रस्तुति: तरुण विजय
भारत-अमरीका परमाणु संधि शिकंजे में फंसे हम? -ब्राह्म चेलानी, वरिष्ठ रक्षा विश्लेषक, (आलोक गोस्वामी से बातचीत पर आधारित)
इस सप्ताह का कार्टून बिहार की कनबतिया
विचार-गंगा
मंथन रूबैया अपहरण माक्र्सवादी इतिहासकार हिन्दुत्व विरोधी ही क्यों? देवेन्द्र स्वरूप
गहरे पानी पैठ सीमा पर देश विरोधी गतिविधियां
चर्चा-सत्र राष्ट्रवाद बनाम इस्लाम का समीकरण
टी.वी.आर. शेनाय केरल चुनाव में वाम ही वाम, कांग्रेस के दाम
श्रद्धाञ्जलि पाञ्चजन्य परिवार की ओर से स्व.बंसीलाल एवं स्व. विश्वास को भावभीनी श्रद्धांजलि
भाजपा ही असम को बंगलादेशी घुसपैठ से बचाएगी -बिजोया चक्रवर्ती, प्रदेश भाजपा नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री
“असम में बंगलादेश से आए हिन्दू भी अवैध घुसपैठिए हैं” -दिग्विजय सिंह, असम चुनाव प्रभारी, कांग्रेस
असम प्रदेश कांग्रेस के सचिव रमेश जैन और कोषाध्यक्ष फणी शर्मा कहते हैं- “ए.यू.डी.एफ. को आई.एस.आई. का समर्थन मिल रहा है”
देश के वनस्पति उद्योग पर छाया, अस्तित्व का संकट -प्रतिनिधि
विवाह पंजीकरण कानून से सधेगा, मुस्लिम महिलाओं का हित -मुजफ्फर हुसैन
क्रांतितीर्थ काले पानी के 100 साल -विनीता गुप्ता
दलितों की भूमि पर जबरन कब्जे ने लिया सांप्रदायिक रंग -रामप्रताप मिश्र
कृष्ण उवाच -नरेश शांडिल्य
पुस्तक-चर्चा
नया वर्ष आया मलय पवन सनन्-सनन् कलियों के खुले नयन -डा. रमानाथ त्रिपाठी
लाभ का पद किसको लाभ-कितना लाभ? -राकेश उपाध्याय व अरुण कुमार सिंह
श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी-समाचार दर्शन
भोपाल में विज्ञान भारती की संगोष्ठी में 70 अनुसंधान पत्रों पर चर्चा प्राचीन और आधुनिक ज्ञान के मेल से होगा गांव का विकास -अनिल सौमित्र
उड़ीसा में नक्सली हिंसा ढाई घंटे चली गोलीबारी, तीन पुलिसकर्मी शहीद -पंचानन अग्रवाल
राज्यसभा चुनावों में पैसे का खेल भाजपा के वोटों से रालोद के मदनी को जीत, 8 भाजपा विधायक निलंबित -प्रतिनिधि
शांता कुमार और श्रीमती संतोष शैलजा की कृतियों का उपराष्ट्रपति ने किया लोकार्पण
संवेदनशील मन की सर्जना “वृन्दा” और “सुन मुटियारे” -प्रतिनिधि
उत्तराञ्चल विधानसभा का भाजपा द्वारा घेराव पहाड़ में बदलाव की गर्जना -भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा -प्रतिनिधि
शक्तिपीठ हिंगलाज की तीर्थयात्रा (बलूचिस्तान, पाकिस्तान)-(6) पाकिस्तान में हिन्दू और मन्दिर मां हिंगलाज के आराधकों का हाल -तरुण विजय
पाकिस्तान में हिन्दू और मन्दिर- मां हिंगलाज के आराधकों का हाल सभी छायाचित्र: तरुण विजय
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक प. पू. श्री गुरुजी ने समय-समय पर अनेक विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। वे विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने पहले थे। इन विचारों से हम अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं और सुपथ पर चलने की प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। इसी उद्देश्य से उनकी विचार-गंगा का यह अनुपम प्रवाह श्री गुरुजी जन्म शताब्दी के विशेष सन्दर्भ में नियमित स्तम्भ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। -सं
माता-पिता जरा सोचें!
(साभार: श्री गुरुजी समग्र : खंड 9, पृष्ठ 278)
यदि अपनी संस्कृति के अनुरूप घरों में वायुमंडल रहता, तो राष्ट्रीय चरित्र में इतना अध:पतन नहीं होता। घर में इस प्रकार वायुमंडल न रहने के लिए मैं तो माता-पिता को ही दोष दूंगा। हमारे बचपन में वेदघोष सुनाई देता था। सुबह हम माता-पिता से उत्तमोत्तम स्तोत्र सुनते थे। ये स्तोत्र अनायास कंठस्थ हो जाते थे। श्रेष्ठ महापुरुषों के प्राथमिक संस्कार घर में ही हुए। घर में दादी मां रहती थीं। बच्चों के लिए कौवे-चिड़ियों और पौराणिक कथाओं का भण्डार उनके पास रहता था। ऐसी अनेक कथाएं मुझे याद हैं। अपने पराक्रमी पूर्वजों के बारे में वे बताया करती थीं। आज हम बच्चों को कुछ नहीं दे पाते। माताओं को भी उसकी जानकारी नहीं है। ऐसी स्थिति में यह अपेक्षा आप कैसे कर सकेंगे कि युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से अनुप्राणित रहे?
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