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इस स्तम्भ में दम्पत्ति अपने विवाह की वर्षगांठ पर 50 शब्दों में परस्पर बधाई संदेश दे सकते हैं। इसके साथ 200 शब्दों में विवाह से सम्बंधित कोई गुदगुदाने वाला प्रसंग भी लिखकर भेज सकते हैं। प्रकाशनार्थ स्वीकृत प्रसंग पर 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।यूं ही चलती रहे जिन्दगीप्रिय स्वाती,जिन्दगी के हर क्षण, हर मोड़, हर स्थान पर और हर स्थिति में तुमने मेरा साथ दिया। गृहस्थी में आने वाली हर कठिनाइयों के बीच तुम समाधान बनकर चलती रहीं। जैसे रथ के दो पहिए साथ-साथ चलते हैं, हमारी गृहस्थी की गाड़ी भी कुछ इसी तरह आगे बढ़ी है। हमारे संयुक्त परिवार में एक वर्ष तक तुम मेरे बिना भी रहीं। उच्च शिक्षित होने के बावजूद अहंकार तुमसे कोसों दूर ही रहा है। तुमने कभी मेरे दूर रहने की या मेरे कठोर, सख्त स्वभाव के बारे में कोई शिकवा-शिकायत नहीं रखी। सेना की नौकरी में कभी असम, कभी अरुणाचल, कभी राजस्थान तो कभी कश्मीर, किन्तु हर स्थान पर मुझे हमेशा तुम्हारी याद आती रही। घर पर दोनों बच्चों की पढ़ाई का जिस प्रकार तुमने ध्यान रखा, उससे तुम्हारे प्रति मेरे मन में और भी आदर पैदा हो जाता है।अपनी नौकरी और व्यस्तता के कारण तुम्हारे प्रति मुझे जो दायित्व निभाना चाहिए था, मैं निभा न सका। परिवार में सेवाभाव से अपना स्थान बनाने वाली तुम्हारे जैसी सहनशील, कर्तव्यनिष्ठ धर्मपत्नी पाकर मैं धन्य हो गया हूं। तुम्हारे सहचर्य का ही परिणाम है कि मैं सैनिक जीवन की तमाम कठोरता तथा जिंदगी के थपेड़ों को सहजता से झेल लेता हूं। आने वाले जीवन में भी यूं ही तुम्हारा साथ बना रहे, अपने विवाह की पचासवीं वर्षगांठ भी हम एक दिन मनाएगें, इन्हीं शुभकामनाओं के साथतुम्हारासंजय कपलेद्वारा- श्रीमती प्रतिभा कपले91 अरावली, इन्द्रपुरी, इन्दौर (म.प्र.)27
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