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हिन्दू समाज का अपमान-महंत दीपेन्द्र गिरीश्रीनगर से हाजिक सलीम”अमरनाथ गुफा बोर्ड को मई के पहले सप्ताह में सूचना मिली थी कि गुफा में इस वर्ष बहुत छोटे आकार का प्राकृतिक शिवलिंग बना है। इस कारण इस वार्षिक यात्रा से आर्थिक लाभ कमाने वाले कुछ लोग कृत्रिम शिवलिंग बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद बोर्ड के विकास आयुक्त आई.सी. जांदियाल ने शिवलिंग के बारे में सच्चाई जानने के लिए 15 मई को गुफा का दौरा किया था। बोर्ड के अध्यक्ष राज्यपाल ले.जन. एस.के. सिन्हा को भी इस कृत्रिम शिवलिंग के बारे में जानकारी नहीं थी।” यह कहना था श्री अमरनाथ गुफा बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण कुमार का।कृत्रिम शिवलिंग विवाद के बारे में जांदियाल कहते हैं, “15 मई को शिवलिंग नहीं बना था, हालांकि पार्वती और गणेश के प्रतीक लिंग शिवलिंग के स्थान से 5 फुट दूर यथास्थान बन चुके थे।” उन्होंने कहा कि इसके बाद बोर्ड ने विशेषज्ञों का एक दल गुफा मार्ग और आस-पास के वातावरण का सर्वेक्षण करने हेतु भेजा था। इस दल ने शिवलिंग बनने की स्थिति का भी आकलन किया था। 18 मई को पुन: बर्फ और हिमपात अध्ययन संस्थान का एक दल गुफा का सर्वेक्षण करने गया था। इस दल ने बताया था कि वैश्विक ताप बढ़ने के कारण ग्लेशियरों का आकार घटता जा रहा है। इसके अनुसार 8 अक्तूबर, 2005 को आए भूकम्प के कारण भी कुछ भूगर्भीय बदलाव आए थे। संभवत: इससे शिवलिंग बनने के स्थान पर चट्टानों से जल का रिसाव प्रभावित हुआ था।जम्मू विश्वविद्यालय में ग्लेशियर विज्ञान के विशेषज्ञ प्रो. एम.एम. कौल ने भी कहा है कि “80 के दशक में ऐसा हो चुका है और उन्होंने खुद शिवलिंग के अलग आकार व स्वरूप देखे हैं। उनके अनुसार, “छोटे आकार का शिवलिंग बनना कोई नई बात नहीं है, ऐसा पहले भी हुआ था। तब भी पवित्र गुफा के प्रति श्रद्धालुओं में आस्था बनी हुई है और इस पवित्र स्थान के दर्शन के लिए वे लाखों की संख्या में पहुंचते हैं।”इस बीच गुफा बोर्ड के एक सदस्य महंत दीपेन्द्र गिरी ने बोर्ड को कृत्रिम शिवलिंग बनाने का जिम्मेदार ठहराया है और इसे धर्मविरोधी कृत्य करार दिया है। एक पत्रकार वार्ता में महंत जी ने कहा कि कृत्रिम शिवलिंग बनाए जाने की खबर सुनकर हिन्दू समाज स्तब्ध रह गया है। हजारों-लाखों श्रद्धालुओं की भावना को इससे ठेस पहुंची है। अगर यह बात सच निकली कि शिवलिंग कृत्रिम रूप से बनाया गया था तो यह निश्चित रूप से धर्मविरोधी कार्य है। महंत दीपेन्द्र गिरी ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। महंत दीपेन्द्र गिरी पवित्र छड़ी मुबारक के महंत हैं। 18 जून को एक वक्तव्य जारी करके महंत दीपेन्द्र गिरि ने श्रद्धालुओं की भावनाओं और इस विषय की गंभीरता को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले आयोग से इसकी जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि सचाई सामने आनी ही चाहिए और दोषियों को कड़ा दण्ड दिया जाना चाहिए। पिछले 14 वर्ष से अमरनाथ यात्रा का नेतृत्व करते आ रहे महंत दीपेन्द्र गिरी ने कहा कि शिवलिंग का बनना एक प्राकृतिक प्रकिया है, जिससे किसी तरह की छेड़छाड़ उचित नहीं है।11
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