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किसानों एवं मजदूरों की पीठ में छुरा घोंप रहे हैं वामपंथी-गिरीशचन्द्र अवस्थी, अखिल भारतीय अध्यक्ष, भारतीय मजदूर संघगत 17-18 जून को हल्द्वानी स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में भारतीय मजदूर संघ का दो दिवसीय प्रांतीय त्रिवार्षिक अधिवेशन आयोजित हुआ। इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारिणी का गठन भी किया गया।अधिवेशन के प्रथम दिन भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री गिरीश चन्द्र अवस्थी ने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश लाचारी और बेरोजगारी की दिशा में बढ़ रहा है। सरकार ने वामपंथियों के साथ मिलकर देश की हालत बदतर कर दी है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इंटक में “ब्रोड व बटर” की संस्कृति पनप गई है। सरकार की गलत बीज नीति के चलते 11,350 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मजदूरों का हितैषी होने का दावा करने वाले वामपंथी अब किसानों व मजदूरों की पीठ में छुरा घोंप रहे हैं।मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री डी.डी.शर्मा ने कहा कि राज्य में लग रहे उद्योगों एवं उनमें कार्यरत कर्मचारियों की समस्याएं निरंतर बढ़ रही हैं और श्रम मंत्री इंटक प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे हैं, जिसका विरोध किया जाना चाहिए।अधिवेशन के दूसरे दिन छह प्रस्ताव पारित किए गए। पहले प्रस्ताव में मजदूरों के मूल्य सूचकांक से जुड़ा राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन ढांचा बनाने, प्रखंड स्तर तक पंजीकरण करने और “कारपस फंड” की स्थापना करने की मांग की गई। दूसरे प्रस्ताव में पुराने श्रम कानूनों में संशोधन करने, छंटनी, बंदी से प्रभावित कर्मचारियों के लिए पुन: सेवा आयोग के गठन करने की बात कही गई है। तीसरे प्रस्ताव में निजीकरण व वैश्वीकरण को खत्म करने और उद्योग, विद्युत, भूतल, उड्डयन, परिवहन सहित दूरभाष सेवा को लोकसेवी संस्था के रूप में स्थापित करने की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। चौथे प्रस्ताव में दास आयोग की सिफारिशों को लागू करने, पांचवें प्रस्ताव में छठे वेतन आयोग का गठन करने और छठे प्रस्ताव में श्रमिक महिलाओं की समस्याओं के निपटारे हेतु भारतीय श्रम परिषद् बनाने की मांग की गई।अधिवेशन के आखिरी दिन प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया गया। इसमें श्री सुन्दर लाल उनियाल को अध्यक्ष एवं श्री डी.डी. शर्मा को कार्यकारी अध्यक्ष और श्री गोविन्द सिंह बिष्ट को महामंत्री नियुक्त किया गया। प्रतिनिधि35
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