|
सेकुलर प्रहारों का डटकर मुकाबला करें
प्रतिनिधि
सेकुलरिज्म की आड़ में आज हिन्दू समाज पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है, लेकिन हिन्दू समाज इससे टूटने के बजाए इस चुनौती का सामना कर रहा है। तलवार के बल पर इस्लाम की जो आंधी मोरक्को से लेकर इंडोनेशिया तक चलाई गई, उसमें हिन्दूबहुल भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसे इस्लाम झुका नहीं सका। वह आज भी अडिग है। यह कहना था विश्व हिन्दू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अशोक सिंहल का।
श्री सिंहल गत 11 मार्च, 2006 को सांस्कृतिक गौरव संस्थान की ओर से नई दिल्ली में आयोजित एक संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। संगोष्ठी का विषय था “भारत में सेकुलर राजनीति”। श्री सिंहल ने कहा कि इस देश पर करीब 1,000 साल तक मुसलमानों और लगभग 150 साल तक ईसाइयों का शासन रहा। लेकिन फिर भी हिन्दू संस्कृति अपनी मूल चेतना के साथ चिरंतन रही। लालच अथवा शक्ति के बल पर जिन हिन्दुओं को मतांतरित कर दिया गया, उनमें पराया पंथ अब भी गहराई तक नहीं पहुंचा पाया है। अगर हम प्रयास करें तो ये लोग पुन: अपने हिन्दू धर्म में लौट आएंगे। श्री सिंहल ने कहा कि हमारे सेवा कार्यों की वजह से मेवाड़ के 70,000 मुसलमान अपने पुराने चौहान वंश में और बांसवाड़े के 45,000 ईसाइयों में से 35,000 घर वापस लौट आए हैं।
संगोष्ठी में हाल ही में प्रकाशित तीन पुस्तकों- “छद्म सेकुलरवादियों और इस्लाम का असली चेहरा”, “हमारे मूल कत्र्तव्य” तथा “हिपोक्रेसी आफ सेकुलरिज्म” का लोकार्पण भी किया गया।
प्रसिद्ध समाजसेवी डा. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि भारत में सर्वधर्म समभाव है तो इसकी एकमात्र वजह इस देश का हिन्दूबहुल होना है। सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए श्री जैन ने सवाल उठाया कि अव्यवस्था के नाम पर सिर्फ हिन्दू मंदिरों का अधिग्रहण क्यों? क्या किसी चर्च या मस्जिद का अब तक किसी भी सरकार ने अधिग्रहण किया है? क्या वहां अव्यवस्थाएं नहीं होतीं?
नवभारत टाइम्स के पूर्व संपादक श्री सूर्यकान्त बाली ने कहा कि 1925 में स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज सेकुलर बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। यदि 85 फीसदी आबादी वाला हिन्दू समाज संगठित हो तो कोई हम पर प्रहार नहीं कर सकता।
सांस्कृतिक गौरव संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री भारतेन्दु प्रकाश सिंहल ने कहा कि हमारे देश के संविधान निर्माण के साथ ही उसमें विभाजन के बीज बो दिए गए। देश का नाम, कानून, भाषा, राष्ट्रगान, संस्कृति सब कुछ दो-दो रखे गए और यह सब सिर्फ कुछ मुसलमानों को खुश करने के लिए किया गया।
जनता पार्टी के अध्यक्ष डा. सुब्राह्मण्यम स्वामी ने कहा कि सेकुलर राजनीति के तहत अल्पसंख्यकों को तुष्ट नहीं, बल्कि भड़काया जा रहा है। उन्होंने धारा 370 के बारे में कहा कि जब आतंकवादी घटनाओं के कारण हिन्दूबहुल जम्मू-कश्मीर मुस्लिमबहुल बन चुका है, तो वहां अल्पसंख्यक मुसलमानों के लिए लागू की गई धारा 370 अब क्यों बनी रहनी चाहिए?
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता श्री वसंत साठे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सम्प्रदाय विशेष के आधार पर जैसे ही किसी समुदाय को विशेष अधिकार दिया जाता है, सेकुलरिज्म वहीं खत्म हो जाता है। आज विश्व के सभी मुस्लिम बहुल देशों में शरीयत ही कानून है और अन्य मत-पंथों के लोग दूसरे दर्जे के नागरिक हैं। उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद् से हिन्दू समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को दूर करने का आह्वान किया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पूर्व कुलपति प्रो. रामगोपाल गुप्ता ने की। संचालन सांस्कृतिक गौरव संस्थान के महामंत्री डा. महेश चन्द्र ने किया।
जबलपुर में
अखिल भारतीय सिन्धी साधु सम्मेलन
प्रतिनिधि
गत 5 मार्च से 9 मार्च तक जबलपुर में अखिल भारतीय सिंधी साधु सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर वनवासी विकास परिषद्, जबलपुर द्वारा देशभर से आये 300 साधु-संतों का सम्मान किया गया। सम्मेलन में विष्णुधाम के महन्त श्री स्वामी रामदास जी को सन्त शिरोमणि की उपाधि दी गई। इस अवसर पर वनवासी विकास परिषद् के नगर अध्यक्ष श्री नंदलाल कुंगानी ने महाराजश्री को चांदी का छत्र, सम्मान पत्र व बांसुरी भेंट की। सन्त शिरोमणि स्वामी रामदास जी व अन्य संतों ने वनवासी क्षेत्रों में हो रहे मतान्तरण पर चिन्ता व्यक्त की तथा इसे रोकने व वनवासी विकास परिषद् के सभी कार्यों में हमेशा की तरह सहयोग करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद् के वरिष्ठ नेता श्री गिरिराज किशोर विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने हिन्दुओं की घटती जनसंख्या से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया। कार्यक्रम में वनवासी विकास परिषद् के अतुल मदान, परमानंद झा, आर.पी. खरे, मोहन गुप्ता, सुधीर सोनी, सभी सदस्य एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।
रत्नागिरी में स्व. माधवराव मुल्ये की स्मृति में स्थापित विद्यालय का रजत जयंती समारोह
यूं बढ़ता गया उजास
प्रतिनिधि
गत 5 मार्च को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह स्वर्गीय माधवराव मुल्ये की स्मृति में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के ओझरखोल गांव में बनाए गए प्राथमिक विद्यालय की रजत जयंती मनाई गई। 1980 में सात बच्चों से शुरू किए गए इस विद्यालय में आज 35 गांवों के 125 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसका संचालन कोंकण विकास प्रतिष्ठान द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर नासिक से आईं भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं पूर्व विधान पार्षद डा. श्रीमती निशिगंधा मोगल ने स्व. मुल्ये की माता जी श्रीमती लक्ष्मीबाई कोन्डोजी मुल्ये की स्मृति में नर्सरी कक्षा के भवन का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम में कोंकण विकास प्रतिष्ठान के महासचिव एवं रा.स्व.संघ के पूर्व प्रचारक श्री सुरेश राव साठे ने विद्यालय के बेहतर विकास के लिए सबके सहयोग की अपील भी की। इस अवसर पर रा.स्व. संघ की अ.भा. कार्यकारिणी के सदस्य श्री श्रीकांत जोशी, अधिवक्ता श्री अरुण साठे और डा. नवलगुंधकर (पुरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति) भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विद्यालय की अध्यक्षा श्रीमती विनीता शिंदे को श्री श्रीकांत जोशी ने सम्मानित भी किया।
26
टिप्पणियाँ