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केरल विधानसभा में आतंकवादियों के हमदर्द -तिरुअनंतपुरम से प्रदीप कुमार 59 निर्दोष लोगों की हत्या के आरोपी मदनी को रिहा कराने का प्रस्ताव भारतीय सेकुलरवाद तथा वोट बैंक राजनीति का सबसे जुगुप्साजनक और देश-द्रोहात्मक चेहरा दिखा गया
मुम्बई में यूं हुई तैमूर की तारीफ मुम्बई के हिल्टन होटल में तैमूर की तारीफ करने वाला यह पोस्टर लगाया गया था आतंकवाद, बिरयानी और “कापीराइटर” -मयंक जैन
इंडिया फस्र्ट फाउंडेशन और चैतन्य कश्यप फाउंडेशन की संगोष्ठी अल्पसंख्यक तुष्टीकरण से देश पर विभाजन का खतरा -प्रतिनिधि
इस सप्ताह का कार्टून
बिहार की कनबतिया
विचार-गंगा
ऐसी भाषा-कैसी भाषा बोरिंग कैमिस्ट्री अब इंटरेÏस्टग
गहरे पानी पैठ मीडिया पर बरसे विजयन
सरोकार बिल्ली अशुभ क्यों? मेनका गांधी, सांसद, लोकसभा
चर्चा-सत्र रूबैया अपहरण से वाराणसी विस्फोट तक सम्भलो, अब भी समय है
जगमोहन, पूर्व केंद्रीय मंत्री
मंथन सोनिया का इस्तीफा फिर ओढ़ा “त्याग” का बाना देवेन्द्र स्वरूप
तेजस्विनी सौंदर्य में शालीनता होनी चाहिए, अश्लीलता नहीं
स्त्री फैशन और संस्कृति में टकराव कहां?मेरी सास, मेरी मां, मेरी बहू, मेरी बेटी मंगलम, शुभ मंगलम
पुरस्कृत पत्र कम्युनिस्ट की पहचान – हनुमान प्रसाद दीक्षित
अच्युतानंदन नहीं, मोहम्मद कुट्टी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के बाद केरल माकपा में दरार – तिरुअनंतपुरम प्रतिनिधि
बढ़ता जिहादी संजाल
चुनाव आते ही सांप्रदायिक हिंसा पर उतरे माक्र्सवादी मुस्लिम लीग और कामरेडों में संघर्ष का दौर शुरू
ओसामा लेगा बनर्जी की सेवाएं!
…उधर बाल्को विनिवेश में 9 हजार करोड़ रु. के घोटाले की आशंका
अमरीका भारतीय बच्चों में हिन्दू संस्कृति का अलख जगाती “बालगोकुलम” – प्रतिनिधि
“कौन बनेगा रामायण एक्सपर्ट” प्रतियोगिता में जगा अमरीकी भारतीय बच्चों का उत्साह
रामायण का ज्ञान भी, पुरस्कार जीतने का मौका भी – प्रतिनिधि
दिल्ली में उमा भारती की रैली वाराणसी में नई पार्टी के गठन की घोषणा
प्रतिनिधि
सांस्कृतिक गौरव संस्थान द्वारा “भारत में सेकुलर राजनीति” विषय पर आयोजित संगोष्ठी का आह्वान सेकुलर प्रहारों का डटकर मुकाबला करें – प्रतिनिधि
संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री देश चलाते हैं लेकिन प्रधानमंत्री को कौन चला रहा है?
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक प. पू. श्री गुरुजी ने समय-समय पर अनेक विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। वे विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने पहले थे। इन विचारों से हम अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं और सुपथ पर चलने की प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। इसी उद्देश्य से उनकी विचार-गंगा का यह अनुपम प्रवाह श्री गुरुजी जन्म शताब्दी के विशेष सन्दर्भ में नियमित स्तम्भ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। -सं
सबको अपनाओ
(साभार: श्री गुरुजी समग्र : खंड 9, पृष्ठ 242)
मेरा विचार है कि जिनको आज निम्न श्रेणी का माना जाता है, उनका यज्ञोपवीत संस्कार कर उनमें सही अर्थ में ब्राह्मणत्व के सद्गुण निर्माण करने का प्रयास करना चाहिए। उनका उपनयन करना चाहिए। इस प्रकार विचार करने में कोई गलती नहीं है। आवश्यकता के अनुसार उनको समाज-जीवन के श्रेष्ठतम स्तर पर प्रतिष्ठित करना चाहिए। यदि उन्हें अपने गोत्र का पता न हो या विस्मरण हुआ हो तो यज्ञोपवीत-दीक्षा देने वाले पुरोहित का गोत्र अपनाएं। ऐसा पूर्वकाल में हुआ करता था और वह शास्त्रसम्मत भी है। पौरोहित्य करने वाले का गोत्र ही स्वयं अपना और अपने परिवार का है, ऐसा घोषित करना शास्त्र के अनुसार योग्य ही है। इस व्यवस्था में भी किसी को गोत्र प्रदान करना संभव न हो, तो वे कश्यप गोत्रीय माने जाएं, क्योंकि ऐसा कहा गया है कि मानव-सृष्टि कश्यप मुनि से हुई है।
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