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राष्ट्रीय सिख संगत ने मनाया शहीदी दिवस समारोहधर्म रक्षक गुरु गोविन्द सिंहकार्यक्रम में मंचस्थ हैं (बाएं से) श्री पंढरी राव कृदत्त, सरदार राजेन्द्र सिंह भसीन, सरदार गुरुचरण सिंह गिल, डा. रमन सिंह एवं डा. एस.एस. पंधेरगत दिनों रायपुर (छत्तीसगढ़) में गुरुग्रंथ साहब का 400वां प्रकाश उत्सव तथा गुरु गोविन्द सिंह जी के पुत्रों- जोरावर सिंह व फतेह सिंह का शहीदी दिवस समारोह सम्पन्न हुआ। राष्ट्रीय सिख संगत द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरु गोविन्द सिंह ने पहले अपने पिता नौवें गुरु तेगबहादुर जी को धर्म रक्षार्थ शहीद होने की प्रेरणा दी तथा बाद में अपने पुत्रों को धर्म पर अडिग रहना सिखाया। इसी कारण बर्बर मुगलों के आगे झुकना स्वीकार न करते हुए जोरावर सिंह और फतेह सिंह ने दीवार में चुनवा दिया जाना स्वीकार किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय सिख संगत के अध्यक्ष सरदार गुरुचरण सिंह गिल ने कहा कि गुरुग्रंथ साहब में देश के संत-महात्माओं की वाणी का संकलन है। अत: ग्रंथ साहब की वाणी एकता को दृढ़ता प्रदान करती है। इस वाणी में जीवन के संघर्षों में जूझते हुए आगे बढ़ने की आध्यात्मिक शक्ति का मंत्र है। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय गुरुद्वारे के पूर्व प्रधान सरदार राजेन्द्र सिंह भसीन ने की।कार्यक्रम में राष्ट्रीय सिख संगत के उपाध्यक्ष सरदार बलिहार सिंह, महामंत्री श्री अविनाश जायसवाल, मंत्री श्री बिहारीलाल, छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष डा. एस.एस. पंधेर, रायपुर नगर अध्यक्ष सरदार हरबंस सिंह चावला, महामंत्री सरदार अवतार सिंह एवं रा.स्व.संघ के छत्तीसगढ़ प्रांत संघचालक श्री पंढरी राव कृदत्त समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्यजन उपस्थिति थे।प्रतिनिधिNEWS
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