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हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भ”स्त्री” स्तम्भ के लिए सामग्री, टिप्पणियां इस पते पर भेजें-“स्त्री” स्तम्भद्वारा, सम्पादक, पाञ्चजन्य, संस्कृति भवन, देशबन्धु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला, नई दिल्ली-55राष्ट्रपति डा. कलाम ने बालिकाओं में फूंकाआत्मविश्वास का मंत्रराष्ट्रपति को प्रतीक चिह्न भेंट करती हुईं श्रीमती पूर्णिमा आडवाणीराष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम बालिकाओं के साथ बातचीत करते हुएराष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कल की महिलाओं का प्रतिनिधित्व करतीं बालिकाओं के साथ अपने निराले और अपनत्व भरे अंदाज में संवाद स्थापित करते हुए उनमें आत्मविश्वास का मंत्र फूंका। उन्होंने विश्वास दिलाया कि ईमानदारी, मेहनत और लगन से वे सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकती हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा आयोजित “कल की महिलाएं-एक विचार” कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि नारी ईश्वर की सबसे सुन्दर रचना है। लड़कियों को अपनी योग्यता को मन पर अंकित करने के लिए राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम ने उनसे दोहराने को कहा, “मैं जानती नहीं कि मैं कितनी महान हो सकती हूं।”राष्ट्रपति ने कहा कि मैं अपने जीवन में अपनी मां और महान गायिका सुब्बलक्ष्मी से प्रभावित रहा। उन्होंने बताया, मेरी मां ने अपना पेट काटकर न केवल संयुक्त परिवार को पाला-पोसा बल्कि उसे बांधे भी रखा। उन्होंने मुझे संकट से सामना करने की सीख दी तो सुब्बलक्ष्मी के भजनों ने मुझे बताया कि संगीत कैसे मनुष्य की सोच में बदलाव लाता है और जीवन को सहज बना देता है। उन्होंने कहा, “समस्या तो तभी आएगी जब आप कुछ काम करेंगे। काम करेंगे ही नहीं तो समस्या भी नहीं आएगी। समस्या के स्वामी बनकर आप सफलता पा सकते हैं।” अपने भाषण के आखिर में डा. कलाम ने बालिकाओं को शपथ दिलाई-“मैं हर काम बेहतर करने की कोशिश करूंगी, कम से कम पांच अनपढ़ लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाऊंगी, गांव और शहरों के कम से कम पांच नशे और जुए के शिकार लोगों में सुधार लाऊंगी, बीमार लोगों की सहायता करूंगी, भारत की मजबूती के लिए काम करूंगी, धर्म-समुदाय, भाषा में भेदभाव करने वालों का समर्थन नहीं करूंगी।”इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा तैयार की गईं कुछ रपटें राष्ट्रपति डा. कलाम ने जारी कीं। उनमें वर्ष 2004 की कृषि रपट के अलावा मुस्लिम महिलाओं की स्थिति, युद्ध- विधवाओं की स्थिति आदि विषयों पर रपटें शामिल हैं। आयोग की अध्यक्षा श्रीमती पूर्णिमा आडवाणी ने समाज में महिलाओं की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि आज युवतियां समाज में भय और आशंकाग्रस्त स्थितियों में रह रही हैं।-प्रतिनिधिNEWS
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