|
-उमा भारती, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश
गत 31 मार्च को नई दिल्ली में मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती ने एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित किया। इसमें उन्होंने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी। सुश्री भारती ने बताया कि सामान्य तौर पर किसी भी कुम्भ जैसे महापर्व की व्यवस्था में दो-ढाई वर्ष लगते हैं परन्तु उनकी नवनिर्वाचित सरकार को ये सारी व्यवस्थाएं करने के लिए केवल ढाई माह का ही समय मिला। उन्होंने बताया कि नवम्बर, 2003 तक गत सरकार ने सिंहस्थ की व्यवस्थाओं हेतु 217.48 करोड़ रुपए का बजट और 262 कार्य स्वीकृत किए थे। परंतु उनमें से केवल 139 कार्य ही प्रारंभ हुए, पूर्ण कोई नहीं हुआ। नई सरकार ने 98 नए कार्य और प्रारंभ किए और बजट बढ़ाकर 273.56 करोड़ रुपए तय किया। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं हेतु केन्द्र सरकार से भी सम्पर्क किया और वित्त मंत्रालय से 100 करोड़ रुपए और योजना आयोग से 40 करोड़ रुपए का अनुदान प्राप्त हुआ।
सिंहस्थ की व्यवस्था करने में आई कठिनाइयों की चर्चा करते हुए सुश्री उमा भारती ने कहा कि नवम्बर, 2003 तक जो कार्य पिछली सरकार ने किए थे, उनका मेले की व्यवस्थाओं से कोई सीधा सम्बंध नहीं था। बिजली, पीने का पानी, सड़कें, शौचालय जैसी समस्त महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं के बारे में कार्य प्रारंभ भी नहीं हुआ था। नई सरकार के नेतृत्व में, प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक संगठनों के साथ स्थानीय जनता भी इन व्यवस्थाओं को खड़ा करने में जुटी। परिणामस्वरूप 4000 बिजली के खंभे लगे, 1.13 करोड़ लीटर पानी उपलब्ध कराया गया, 90 कि.मी. लम्बी पाइप लाइन बिछाई गई, 1000 से अधिक प्याऊ लगे, 21 हजार से अधिक अस्थायी शौचालयों का निर्माण करवाया गया और उज्जैन की संकरी गलियों व सड़कों को बड़े पैमाने पर चौड़ा किया गया।
सिंहस्थ की सुरक्षा व्यवस्था में कुल 15,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। 1000 अतिरिक्त बल भी वहां तैनात रहेगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने महाराष्ट्र से 6000 पुलिसकर्मी तथा 5 कंपनी सशस्त्र पुलिस बल और गुजरात व छत्तीसगढ़ से 3-3 हजार अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गयी है, जिनके मिल जाने की आशा है। प्रदेश सरकार ने सभी ऐसे अति विशिष्ट व्यक्तियों, जिनकी व्यवस्था हेतु प्रशासन को विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है, को पत्र भेजकर यह निवेदन किया है कि वे मुख्य स्नान के पांच दिनों में वहां न आएं। सुश्री भारती ने कहा कि अति विशिष्ट व्यक्तियों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी।
पत्रकार वार्ता के बाद पाञ्चजन्य ने सुश्री उमा भारती से विशेष बातचीत की। यहां प्रस्तुत है उस वार्ता के मुख्य अंश-
सिंहस्थ के लिए आपकी सरकार के लिए क्या विशेष किया?
हमें तो सारे काम ही करने पड़े, क्योंकि हमें पहले का किया हुआ कोई काम मिला ही नहीं। पूर्ववर्ती सरकार ने सिंहस्थ के लिए जो कार्य प्रारंभ किए, वे भी 5-10 प्रतिशत ही हुए थे। एक प्रकार से सिंहस्थ की पूरी तैयारी हमने मात्र 3 माह में की है।
कहा जा रहा है कि साध्वी होने के कारण आपने कुम्भ की व्यवस्थाओं में अधिक रुचि दिखायी?
साध्वी तो मैं स्वयं के लिए हूं, व्यवस्था चलाने के लिए मुख्यमंत्री होना पर्याप्त है!!
क्या यह संयोग नहीं कि 12 वर्ष पूर्व जब सिंहस्थ हुआ था तब भी राज्य में भाजपा की सरकार थी और आज भी है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की हार्दिक इच्छा थी कि सिंहस्थ उनके राज में हो?
सिंहस्थ की व्यवस्थाओं को देखकर मुझे आभास हुआ कि संभवत: उन्हें मालूम था कि वे पुन: जीतकर आने वाले नहीं हैं। इसीलिए उन्होंने सिंहस्थ के लिए व्यवस्थाएं की ही नहीं।
सिंहस्थ की व्यवस्थाओं में पिछली सरकार की अनदेखी पर श्वेत पत्र लाने की चर्चा है?
हां, पर अभी नहीं, क्योंकि उसके कारण अभी बेवजह राजनीतिक चर्चा प्रारंभ हो जाएगी। सिंहस्थ सम्पन्न होने के बाद हम वह श्वेत पत्र लाएंगे।
सेकुलर मीडिया आरोप लगा रहा है कि सड़क, बिजली, पानी आदि जिन मुद्दों को लेकर आपकी सरकार बनी, उससे कहीं अधिक ध्यान धार्मिक आयोजनों पर दिया जा रहा है। पूरा सरकारी तंत्र पूजा-पाठ में जुटा है, पुलिस के प्रमुख अधिकारी भी मंदिरों में मत्था टेक रहे हैं।
अगर कोई पुलिस प्रमुख मुसलमान होने के कारण शुक्रवार को मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ सकता है, कोई पुलिस प्रमुख ईसाई होने के कारण रविवार को चर्च में प्रार्थना कर सकता है, तो पुलिस के हिन्दू अधिकारियों के मंदिर में मत्था टेकने पर आपत्ति क्या है? मुझे लगता है कि कुछ लोगों को पंथनिरपेक्षता की समझ ही नहीं है। उनकी दृष्टि में पंथनिरपेक्षता का अर्थ है हिन्दू न होना, स्वयं को हिन्दू न कहना, अपने हिन्दू रीति-रिवाजों तथा धार्मिक क्रियाकलापों को न करना।
पर सड़क, बिजली, पानी के लिए क्या कर रही है आपकी सरकार? अभी तक की उपलब्धि…।
उस दिशा में हम निरन्तर कार्य कर रहे हैं। हम अपने कार्यों का बखान स्वयं नहीं करेंगे, जनता हमारे कार्य को देखेगी। किन्तु उसका परिणाम इतनी शीघ्र दिखाई नहीं देगा।
गत विधानसभा चुनावों में राज्य की जनता ने विकास के लिए आपको वोट दिया, अब उसे लोकसभा चुनाव में भाजपा को ही वोट क्यों देना चाहिए?
हिन्दुस्थान जिस बात के लिए तरस रहा था, वह इच्छा भाजपा ने ही पूर्ण की। हिन्दुस्थान दुनियाभर के पिछड़े हुए देशों में गिना जाता था, लोग उसे दया की दृष्टि से देखते थे। आज वे सब हिन्दुस्थान की प्रगति से चमत्कृत हैं। हिन्दुस्थान उनके सामने एक चुनौती बनकर खड़ा है। कांग्रेस ने अपने 45 साल के शासन में ऐसा कुछ नहीं किया जिसके कारण आम हिन्दुस्थानी स्वाभिमान के साथ खड़ा हो सके। जब तक आप देश के आत्मविश्वास को मजबूत नहीं करेंगे, तब तक आप कितना भी विकास कर लें, उसका सुख प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
आप विकास की बात कर रही हैं, देश का स्वाभिमान जगाने की बात कर रही हैं, फिर भी कांग्रेस कह रही है कि भाजपा एक महिला से डर रही है, इसलिए उसकी अध्यक्षा को मुद्दा बनाया जा रहा है।
भाजपा ने ही पहली बार दो महिलाओं को चुनाव से पूर्व अपनी पार्टी का नेता घोषित किया था, उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। बात महिला की है ही नहीं। बात विदेशी मूल की है और यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है। प्रस्तुति: जितेन्द्र तिवारी
7
टिप्पणियाँ