सरोकार
November 30, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम Archive

सरोकार

by
Oct 10, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 10 Oct 2004 00:00:00

मेनका गांधी, सांसद,लोकसभानलकूप लगाना समझदारी नहीं है, इसके बजाय…किसान गाय पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, बल्कि वे बकरी पालने लगे हैं। किसानों का कहनाहै कि गाय की अपेक्षा बकरी अधिक लाभकारी है। यह कहां तक सही है?-नीना चौधरीदीनदयाल उपाध्याय स्वालम्बन योजनागांव तथा पोस्ट-लोंगाजिला-गुमला (झारखण्ड)गाय के बजाय बकरी पालने को प्रोत्साहित करके ग्रामवासी अपने विनाश का मार्ग तैयार कर रहे हैं। बकरी गाय जितना ही खाती है। गाय घास का ऊपरी भाग खाती है जबकि बकरी नई घास की जड़ों को खाती है और इससे भूमि बंजर हो जाती है। एक बकरी के पोषण के लिए 2.5 हेक्टेयर घास की आवश्यकता होती है। बकरियों को पालने वाले ग्रामवासी उनका पोषण अपनी जमीन पर नहीं करते। उनका पोषण वे सार्वजनिक भूमि पर करते हैं। जब भूमि बंजर हो जाती है, धूल उड़ने लगती है तो गांव के लोगों को फेफड़े की तकलीफें होने लगती हैं। साथ ही, भूमिगत जल सूख जाता है और किसान को गहरे कुएं खोदने पड़ते हैं। पानी लेने के लिए बिजली पर निर्भर रहना पड़ता है जिससे उसकी लागत दुगुनी हो जाती है। गांव की महिलाओं को पानी तथा लकड़ी की खोज में और दूर जाना पड़ता है। समृद्ध होने के बजाय समूचे गांव को कष्ट सहना पड़ता है।इसके साथ ही, दूध के लिए गाय को रखे जाने में भी खतरा है। एक लीटर दूध का उत्पादन करने के लिए लगभग 400 लीटर पानी लगता है। दूध के बजाय मवेशियों का उनके मल-मूत्र के लिए अधिक ध्यान रखा जाना चाहिए, जो फसलों को उगाने और छोटे किसानों की कम लागत वाली निर्वाह कृषि दोनों के लिए आवश्यक है। फूस जैसे कृषि, के अवशिष्ट का पशु भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है और पशु के अवशिष्ट का मिट्टी की उर्वरता को क्षति पहुंचाए बिना जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जाता है। यह रासायनिक उर्वरक के आयात को रोकता है, जिससे विदेशी मुद्रा बचती है। इस प्रकार इसके माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होता है। गाय आधारित कृषि से हमारी लाखों की ग्रामीण जनसंख्या को रोजगार मिलता है।एक महिला पर्यावरण की रक्षा के लिए क्या कर सकती है?लक्ष्मी गुयाल अपोलाधूमाकोट, पौड़ी गढ़वाल, (उत्तरांचल)पहले तो उसे शाकाहारी बनना चाहिए तथा अपने परिवार को भी शाकाहारी रखना चाहिए। यह पर्यावरणीय आवश्यकता है, क्योंकि मांस खाने से जंगल समाप्त होते हैं। साथ ही जल, भूमि तथा स्वास्थ्य को भी हानि होती है। यदि महिला चूल्हे में जलाने की ओर से लकड़ी का उपयोग करती है तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य की ओर से प्रतिवर्ष कम से कम 7 पेड़ लगाए-यदि उसके परिवार में 6 सदस्य हैं तो उसे 42 पेड़ लगाने चाहिए। यह उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली लकड़ी की भरपाई होगा। यह जल के स्तर को भी ऊपर उठाएगा। उसे अपने घर में प्लास्टिक की चीज नहीं आने देनी चाहिए। उसे अपने गांव में रासायनिक कीटनाशकों के बजाय गांव के गोबर का उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए। महिलाएं पर्यावरणीय प्रबंधन का आधार हैं। यदि वे निर्णय लें तो सम्पूर्ण परिवार को बदल सकती हैं। उसके लिए परिवार के आकार का निर्णय लेना भी महत्वपूर्ण है। लड़की अथवा लड़के में कोई अंतर नहीं है, क्योंकि दोनों ही मूल्यवान हैं। उन्हें अधिक बच्चे नहीं पैदा करने चाहिए और उन्हें बहुत ध्यान तथा देखभाल के साथ पालना चाहिए।क्या निजी नलकूपों पर प्रतिबंध लगना चाहिए?संजय आचार्यचन्द्रशेखर आजाद मार्गकुकशी-454331 (मध्य प्रदेश)बिल्कुल, इन पर प्रतिबंध लगना चाहिए, परन्तु यह किया नहीं जा सकता। सरकार की नहर तथा जल आपूर्ति प्रणाली बेकार हो चुकी है, क्योंकि उनके लिए दिया गया अधिकांश पैसा भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा हड़प लिया गया है। बांधों में गाद जम गई है। नहरों को वर्षों से साफ नहीं किया गया है। इसके परिणामस्वरूप किसान के पास नलकूप लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। पिछले 10 वर्षों में किसानों द्वारा 2 करोड़ 10 लाख नलकूप लगाए गए और प्रत्येक वर्ष 10 लाख और लगाए जा रहे हैं। अन्तरराष्ट्रीय जल संस्थान द्वारा हाल में किया गया एक सर्वेक्षण दर्शाता है कि भले ही यह अल्पकाल में समृद्धि लाए, भारत के अधिकांश नलकूप 10 वर्षों में सूख जाएंगे। अत: अपने स्थानीय सांसद या सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि नहर तथा नलकूपों को साफ किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक गांव द्वारा वर्षा के जल का संचयन हो ताकि सभी के लिए जल के समान स्रोत हों। नलकूप लगाने के लिए केन्द्रीय भू-जल बोर्ड का पंजीकरण अपेक्षित होता है, परन्तु अधिकांश लोग यह अनुमति लेते ही नहीं हैं।श्रीमती मेनका गांधी”सरोकार” स्तम्भद्वारा, सम्पादक, पाञ्चजन्यसंस्कृति भवन, देशबन्धु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला, नई दिल्ली-110055इस स्तम्भ में हर पखवाड़े प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और शाकाहार कीे समर्पित प्रसारक श्रीमती मेनका गांधी शाकाहार, पशु-पक्षी प्रेम तथा प्रकृति से सम्बंधित पाठकों के प्रश्नों का उत्तर देती हैं। अपना प्रश्न भेजते समय कृपया निम्नलिखित चौखाने का प्रयोग करें।9

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

उत्तराखंड: आपदा में होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने पर हुआ मंथन

उत्तराखंड: आपदा में होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने पर हुआ मंथन

नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया अरमान अली, इस्लाम कुबूल करवाया और फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया अरमान अली, इस्लाम कुबूल करवाया और फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

Sardar Chiranjeev Singh RSS Chief Mohan Bhagwat

रत्नदीप थे सरदार चिरंजीव सिंह जी, जहां भी होंगे जग को प्रकाशित करेंगे: RSS के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत

तेलंगाना विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 63.94 प्रतिशत मतदान

तेलंगाना विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 63.94 प्रतिशत मतदान

वायुसेना के लिए 97 एलसीए तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी, तीनों सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये मंजूर

वायुसेना के लिए 97 एलसीए तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी, तीनों सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये मंजूर

मातृ शक्ति के सहयोग से होगा राष्ट्र का संपूर्ण विकास : धामी

मातृ शक्ति के सहयोग से होगा राष्ट्र का संपूर्ण विकास : धामी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

उत्तराखंड: आपदा में होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने पर हुआ मंथन

उत्तराखंड: आपदा में होने वाले जानमाल के नुकसान को कम करने पर हुआ मंथन

नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया अरमान अली, इस्लाम कुबूल करवाया और फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

नाबालिग हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर मुंबई ले गया अरमान अली, इस्लाम कुबूल करवाया और फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

Sardar Chiranjeev Singh RSS Chief Mohan Bhagwat

रत्नदीप थे सरदार चिरंजीव सिंह जी, जहां भी होंगे जग को प्रकाशित करेंगे: RSS के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत

तेलंगाना विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 63.94 प्रतिशत मतदान

तेलंगाना विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 63.94 प्रतिशत मतदान

वायुसेना के लिए 97 एलसीए तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी, तीनों सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये मंजूर

वायुसेना के लिए 97 एलसीए तेजस और 156 प्रचंड हेलीकॉप्टर खरीदने को मंजूरी, तीनों सेनाओं के लिए 2.23 लाख करोड़ रुपये मंजूर

मातृ शक्ति के सहयोग से होगा राष्ट्र का संपूर्ण विकास : धामी

मातृ शक्ति के सहयोग से होगा राष्ट्र का संपूर्ण विकास : धामी

उत्तराखंड: जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ की योजना मंजूर, आपदा प्रबंधन की मद में गृहमंत्री ने दी स्वीकृति

उत्तराखंड: जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ की योजना मंजूर, आपदा प्रबंधन की मद में गृहमंत्री ने दी स्वीकृति

तेलंगाना विधानसभा चुनाव: जी किशन रेड्डी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से बीआरएस उम्मीदवारों की शिकायत की

तेलंगाना विधानसभा चुनाव: जी किशन रेड्डी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से बीआरएस उम्मीदवारों की शिकायत की

ज्ञानवापी सर्वे का दूसरा दिन : मस्जिद के ऊपरी छत, गुंबद पर हुई वीडियोग्राफी, जानें, क्या-क्या मिलने की कही जा रही बात

ज्ञानवापी परिसर: एएसआई बार-बार ले रही है तारीख, न्यायालय ने चेतावनी के साथ दिया 10 दिन का समय

Uttarakhand News, Uttarakhand China Pneumonia Case, Uttarakhand Influenza Flu, china pneumonia cases, China Pneumonia, Uttarakhand Pneumonia, Uttarakhand, China Pneumonia Outbreak, China Pneumonia Case India

China Pneumonia Case: चीन में फैल रही रहस्यमयी बीमारी, उत्तराखंड में भी मिले 2 संदिग्ध

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies