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पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहलेवर्ष 9, अंक 21, मार्गशीर्ष कृष्ण 6, सं. 2012 वि., 5 दिसम्बर, 1955, मूल्य 3आनेसम्पादक : गिरीश चन्द्र मिश्रप्रकाशक – श्री राधेश्याम कपूर, राष्ट्रधर्म कार्यालय, सदर बाजार, लखनऊनेपाली क्षेत्र पर चीन की कुदृष्टि सीमा प्रदेश में चीनी सैनिकों की सरगर्मियां बढ़ींअपहरण व गोलीवर्षा की घटनाएं(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)काठमाण्डू: इधर कुछ समय से नेपाल में पुन: कम्युनिस्ट कार्रवाइयों का जोर बढ़ने लगा है। सप्तरी जिले में घटित कम्युनिस्ट उत्पातों के समाचार “पाञ्चजन्य” में प्रकाशित हो चुके हैं। जहां तक इन उत्पातों का प्रश्न है, वे आन्तरिक थे- फिर भले ही उनको प्रेरणा विदेशों से मिलती रही हो। किन्तु अब कुछ ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं जिनसे आभास मिलता है कि कम्युनिस्ट देश नेपाल में बाहर से भी हस्तक्षेप करना चाहते हैं। अभी हाल में चीनी सैनिकों द्वारा नेपाल सीमा पर दो ब्रिटिश पर्वतारोहियों तथा एक नेपाली अधिकारी को गिरफ्तार कर लिए जाने का समाचार प्राप्त हुआ है। समाचार में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि उक्त पर्वतारोहियों को बन्दी बनाने के पश्चात् चीनी सैनिक उन्हें तिब्बत की सीमा में ले गए और अब तक उन्हें मुक्त नहीं किया गया है। पर्वतारोहियों के नाम श्री सिडनी विगनल और श्री जॉन हैरप बताए जाते हैं। कहा जाता है, उक्त दोनों पर्वतारोही बेल्स के पर्वतारोही दल के साथ जिस समय अपनिया, सैपाल आदि हिमालय के शिखरों पर चढ़ने के लिए जा रहे थे उसी समय चीनी अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। घटना की सूचना ब्रिटिश अधिकारियों को दे दी गई है। इस प्रकार चीनी सैनिकों द्वारा यात्रियों या पर्वतारोहियों को परेशान किए जाने या बिना सूचना के गोली से उड़ा देने की घटनाएं नेपाल-तिब्बत सीमा पर सामान्य बात हो गई है। जिन स्थानों पर आजकल ये घटनाएं घटित हो रही हैं उसके सम्बंध में नेपाल सरकार का दावा है कि वे उसकी सीमा के अन्तर्गत हैं।यह है उत्तर प्रदेशकांग्रेसियों की मनमानी कांग्रेस भवन का अनुचित निर्माण(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)देहरादून: कांग्रेस तथा कांग्रेसियों के लिए कानून का कोई महत्व नहीं। वे स्वयं को कानून के ऊपर समझते हैं। स्थानीय कांग्रेस कमेटी ने एक ऐसी जमीन पर अपना भवन खड़ा किया है जिस पर उसका अधिकार नहीं है।जिस जमीन के टुकड़े पर कांग्रेस कमेटी ने अपना भवन खड़ा किया है वह भारत विभाजन के पूर्व सेठ मुहम्मद इस्माइल की थी। सेठ इस्माइल विभाजन के पश्चात् पाकिस्तान चले गए और उक्त जमीन कस्टोडियन, निष्क्रमण सम्पत्ति के अधिकार में आ गयी। इस प्रकार की घोषणा कस्टोडियन के द्वारा की गई और उसकी सूचना कांग्रेस कमेटी को भी दे दी गई। किन्तु कस्टोडियन की अनुमति प्राप्त किए बिना और सम्पत्ति का स्थानांतरण कांग्रेस कमेटी के नाम कराए बिना ही उक्त जमीन के टुकड़े पर कांग्रेस भवन खड़ा कर लिया गया।कम्युनिस्ट पार्टी की स्थिति डांवाडोलश्री अजय घोष को रूस सरकार की चेतावनीअभी हाल में कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वेसर्वा श्री अजय घोष प्रादेशिक कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन में भाग लेने के लिए कलकत्ता पहुंचे और लगभग एक सप्ताह वहां रहे। उनकी इस यात्रा का अभिप्राय था पार्टी की उस नीति को स्पष्ट करना जो वे मास्को से लाए हैं तथा आगामी चतुर्थ अखिल भारतीय अधिवेशन की योजना के सम्बंध में बातचीत करना। यह तो सभी जानते हैं कि श्री अजय घोष समय-समय पर बीमारी का बहाना बनाकर मास्को चल देते हैं। प्रत्येक भारतीय को आश्चर्य होता है कि श्री अजय घोष का इलाज मास्को में ही होता है। सामान्य लोग अधिक बीमार होने पर ज्यादा से ज्यादा स्विट्जरलैण्ड चले जाते हैं, किन्तु श्री घोष मास्को ही जाते हैं। क्या मास्को में लंदन, पेरिस या स्विट्जरलैण्ड से अधिक अच्छे अस्पताल हैं? क्या वहां की जलवायु अधिक स्वास्थ्य-प्रद है? नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। वहां केवल एक चीज है और वह है कम्युनिस्ट पार्टी के निमित्त निर्देशन प्राप्त करने का स्थान। श्री घोष इसी उद्देश्य की पूर्ति के निमित्त मास्को जाते हैं। किन्तु भारत सरकार को श्री घोष का बार-बार मास्को जाना अच्छा नहीं लगा और इसलिए उसने रूसी सरकार को इस सम्बंध में कई बार विरोधपत्र दिए। परिणाम यह हुआ कि रूस सरकार ने श्री घोष को चेतावनी दी कि वे बार-बार मास्को न आकर एक बार में ही पार्टी की नीति के सम्बंध में विचार-विमर्श कर जाएं।19
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