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जार्ज ने कहा-सोनिया के झूठ का मुद्दा उठाएंगे-प्रतिनिधिसंप्रग की अध्यक्ष और कांग्रेस नेता श्रीमती सोनिया गांधी ने चुनाव से पहले शपथ पत्र में अपनी शिक्षा के संबंध में जो विवरण दिया, वह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा गलत और झूठा सिद्ध किया गया है। उल्लेखनीय है कि चुनाव से पहले सभी उम्मीदवारों को अपनी आय तथा शिक्षा के संबंध में एक शपथ पत्र जमा करना होता है। इस शपथ पत्र में जहां श्रीमती सोनिया गांधी ने अपनी चल-अचल सम्पत्ति और आयकर का विवरण दिया है, वहीं अपनी शिक्षा के संबंध में उन्होंने लिखा है कि -1-1964 में इटली के त्यूरिन नगर में इंस्तीत्यूतो सांता तेरेसा से अंग्रेजी और फ्रांसीसी भाषा में तीन वर्षीय विदेशी भाषा कोर्स पाठ्यक्रम पूरा किया, तथा2-लेनॉक्स कुक्स स्कूल, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंग्रेजी का प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम 1965 में पूरा किया।इस बयान के नीचे श्रीमती सोनिया गांधी के हस्ताक्षर हैं और उसके बाद सत्यापन शीर्षक के अन्तर्गत लिखा गया है कि “मैं, ऊपर लिखित बयानकर्ता यह घोषित और सत्यापित करती हूं कि इस शपथ पत्र का विवरण मेरी सर्वोत्तम जानकारी एवं विश्वास के अनुसार सही और सत्य है एवं इसका कोई भी हिस्सा मिथ्या नहीं है और इसमें से कोई भी विवरण छिपाया नहीं गया है।”नई दिल्ली में 3 अप्रैल, 2004 को सत्यापित किया गया।हस्ताक्षर-सोनिया गांधीयह शपथ पत्र यदि झूठा सिद्ध होता है तो चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है एवं झूठा शपथ पत्र देने वाले व्यक्ति की संसद सदस्यता निरस्त की जा सकती है।इस संबंध में एक अमरीकी नागरिक श्री जय कुमार ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र रिकार्ड तथा आंकड़े संबंधी विभाग के प्रमुख श्री डेविड मेकार्थी को 26 नवम्बर, 2001 को पत्र लिखा था। जिसके उत्तर में श्री मेकार्थी ने 28 नवम्बर, 2001 को लिखा, “हमारे पास उक्त नाम (सोनिया मायनो) के किसी भी छात्र के पंजीकरण का कोई रिकार्ड नहीं है। यदि इस संबंध में आप कोई और सूचना दे सकें, जैसे उक्त छात्र का कोई दूसरा नाम या उनको इस विश्वविद्यालय द्वारा दी गई किसी डिग्री का विवरण अथवा कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में रहते हुए यदि वह किसी कालेज में पढ़ी हैं तो उसका नाम इत्यादि, तब हम अपने रिकार्ड फिर से जांचने में प्रसन्नता अनुभव करेंगे।” ऐसा ही उत्तर श्री मेकार्थी ने एक अन्य भारतीय मूल के अमरीकी श्री बी.राठौड़ को 21 नवम्बर, 2001 को दिया था। श्री राठौड़ ने श्री मेकार्थी से सोनिया गांधी के नाम से रिकार्ड जांचने का अनुरोध किया था। इससे पूर्व 14 सितम्बर, 1992 को ह्रूस्टन निवासी श्री ए.घोष ने श्रीमती सोनिया गांधी के संबंध में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूछताछ की थी। उनको कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के अभिलेखागार की तत्कालीन प्रभारी डा.इ.एस. लीधम ग्रीन ने 21 सितम्बर, 1992 को यह उत्तर भेजा था, “प्रिय श्री घोष, आपके द्वारा 14 सितम्बर को रजिस्ट्रार के कार्यालय में भेजे गए पत्र के उत्तर में मैं लिख रही हूं कि सोनिया गांधी (पूर्व नाम मायनो) वास्तव में विश्वविद्यालय की सदस्य नहीं थीं बल्कि उन्होंने शहर में स्थित अनेक भाषा-विद्यालयों में से एक में पढ़ाई की थी। मुझे खेद है कि मैं उस विद्यालय का नाम भूल गई हूं, लेकिन इतना अवश्य याद है कि जब आप ही की तरह एक या दो साल पहले एक पूछताछ हुई थी तो यह पता चला था कि वह स्कूल अपने किसी भी पुरातन छात्र का कोई भी रिकार्ड नहीं रखता है। आपको ऐसा निराशाजनक उत्तर देने के लिए मुझे दु:ख है।”हस्ताक्षर- डा. इ.एस.लीधम ग्रीनउल्लेखनीय है कि 1999 में जब श्रीमती सोनिया गांधी ने पहली बार चुनाव लड़ा था तो लोकसभा सांसदों के परिचय विवरण में भी उनकी शैक्षिक योग्यता के खाने में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का जिक्र किया गया था। तब भी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के पत्रों के हवाले से यह मुद्दा उठाया गया था, लेकिन कांग्रेस की ओर से यह उत्तर आया था कि यह किसी क्लर्क ने टाइपिंग में गलती कर दी है। अब श्रीमती सोनिया गांधी ने वही विवरण शपथ के अन्तर्गत दिया है। इस मामले को जनता पार्टी के अध्यक्ष श्री सुब्राहृण्यम स्वामी ने चुनाव आयोग के समक्ष उठाया तो उन्हें आयोग के सचिव श्री के.एल.विल्फ्रेड की ओर से उत्तर मिला कि किसी भी उम्मीदवार द्वारा दी गई गलत सूचना के बारे में यदि दस्तावेजी प्रमाण सहित इस बारे में निर्वाचन अधिकारी के सामने शिकायत दर्ज कराई जाती है तो उपयुक्त कार्रवाई करेंगे।इस संबंध में राजग के राष्ट्रीय संयोजक श्री जार्ज फर्नाण्डीस ने पाञ्चजन्य से एक बातचीत में कहा कि यह मामला गंभीर है, क्योंकि कांग्रेस झूठे और गलत बयानों को लेकर जनता को आज तक गुमराह करती आ रही है। ताबूत के मामले में भी शत-प्रतिशत झूठ के आधार पर श्रीमती सोनिया गांधी ने लोगों को गुमराह किया और अपने भाषण में कहा कि राजग के नेता जार्ज फर्नाण्डीस शहीद सैनिकों के खून से खिलवाड़ कर रहे हैं और ताबूतों की खरीद में दलाली खाई गई है, जबकि इस बारे में एक भी प्रमाण नहीं दिया गया। श्री फर्नाण्डीस ने कहा कि उन्होंने संप्रग सरकार आने पर प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर इस मामले की पूरी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि जो नेता अपनी शिक्षा के बारे में शपथ पत्र देकर झूठ बोल सकता है वह देश के बड़े मामले में किसी भी हद तक जाकर बड़े से बड़ा झूठ बोलने में भी संकोच नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी द्वारा जानबूझकर दिए गए झूठे विवरण पर चुनाव अधिकारी को निश्चित रूप से कार्रवाई करनी ही होगी और यह मुद्दा राजग के सभी घटक दलों द्वारा उठाए जाने की भी कोशिश की जाएगी।30
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