अरबी, मंगोल, तुर्क और ईरानी आक्रांताओं की देन हैभारतीय मुसलमानों में जात-पात-मुजफ्फर हुसैनमानव के बी
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अरबी, मंगोल, तुर्क और ईरानी आक्रांताओं की देन हैभारतीय मुसलमानों में जात-पात-मुजफ्फर हुसैनमानव के बी

by
Sep 5, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Sep 2004 00:00:00

अरबी, मंगोल, तुर्क और ईरानी आक्रांताओं की देन हैभारतीय मुसलमानों में जात-पात-मुजफ्फर हुसैनमानव के बीच भेदभाव को कभी उचित और न्यायिक नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन हम देखते हैं कि जो आज वंचित समाज के लोगों पर आंसू बहाते हैं, वे ही संगठित और आर्थिक रूप से सक्षम होने पर स्वयं शोषक का रूप ले लेते हैं। ये नए राजा-महाराजा पुरानों को भी मात कर देते हैं। भारत के मुसलमानों में जिस प्रकार की जातीय भेदभाव, ऊंच-नीच है वह उनके आर्थिक विकास में बहुत हद तक बाधक है। लेकिन कोई मुस्लिम नेता इसके लिए उन लोगों को जिम्मेदार नहीं ठहराता है, जिनके कारण वे इस रोग से पीड़ित हैं। हिन्दुओं को जिम्मेदार ठहराकर वे अपने मन की भड़ास को तो शांत कर सकते हैं लेकिन इस रोग का इलाज नहीं कर सकते।पाकिस्तान के बुद्धिजीवी इस मामले में अधिक जागरूक और तटस्थ हैं। उनका कहना है कि यह ऊंच-नीच तो उन देशों में पहले से ही विद्यमान थी, जहां से इस्लाम आया है। इस्लामी आक्रांता अपने साथ इस बुराई को भारत लाए और सारे समाज में यह फैल गई। पाकिस्तान के प्रसिद्ध साप्ताहिक “अखबारे जहां” ने इस सम्बंध में गत 2 जनवरी को एक लेख प्रकाशित कर लोगों की आंखें खोल दी हैं। लेखक हसन निसार का कहना है कि मुस्लिम आक्रांता तो तब भारत में आए थे जब भारत अखंड था। इसलिए सच्चाई तो यह है कि सम्पूर्ण भारतीय उपखंड में इस ऊंच-नीच और भेदभाव के लिए विदेशी मुस्लिम उत्तरदायी हैं।वे लिखते हैं, कुछ तथ्य प्रकाश में आए हैं, जिससे पता चलता है कि मुस्लिम समाज में इस मनहूस ऊंच-नीच और जात-पात की नापाक व्यवस्था की जड़ें कितनी गहरी हैं? लोगों को मतान्तरित कर मुसलमान तो बनाया गया, लेकिन उनको अपने सम्प्रदाय में विदेशी मुस्लिमों ने स्थान नहीं दिया। स्वयं को ऊंचा बताने के लिए न तो उनसे रोटी-बेटी का सम्बंध रखा और न ही उन्हें अपने व्यवसाय से जोड़ा। अपनी विदेशी पहचान और अपनी विदेशी संस्कृति से इन मतान्तरित लोगों को कभी नहीं जोड़ा गया। इन विदेशी आक्रांताओं का यह मानना था कि यदि हम इन नव मतान्तरित मुस्लिमों से अपना सम्बंध जोड़ेंगे तो समाज में हमारा दबदबा नहीं रहेगा। वे मुस्लिम होने के बावजूद उनसे अलग हैं और उनकी संस्कृति भारतीय मुस्लिमों की संस्कृति से मेल नहीं खाती। ये विदेशी आक्रांता अपनी पठान, तुर्क, मंगोल और ईरानी नस्ल को भारतीय मुस्लिमों की नस्ल से अधिक ऊंची और प्रतिष्ठित मानते थे। इस्लाम उनके लिए सत्ता और प्रसिद्धि का माध्यम था इसलिए उसका उपयोग केवल अपनी शान, शौकत और दबदबा कायम करवाने के लिए किया। अपने को जमींदार, जागीरदार और भूमिपतियों के वर्ग से जोड़ा। किसान, दस्तकार और मजदूर वर्ग, जो भारतीय मुसलमानों का था, उससे कभी अपना नाता नहीं जोड़ा।ये विदेशी मुस्लिम आक्रांता जिहाद के समय भारतीय मुसलमानों को सामने कर देते थे। उनमें मजहबी उन्माद भरकर उनको मरने-कटने के लिए जिहाद का नारा बुलंद करते थे। जिहाद भारतीय मुसलमानों के लिए था, विदेशियों के लिए नहीं। अपनी सत्ता कायम रखने के लिए वे इन नव मतान्तरित मुसलमानों का उपयोग करते थे। यानी इन विदेशी आक्रांताओं ने इस्लाम का उपयोग अपना शासन चलाने और शासन कायम करने के उद्देश्य से किया था। भारत मे वे स्वयं को खिलजी, तुगलक, सैयद, लोदी, पठान और मुगल कहा करते थे। उनकी हुकूमत उनके वंश के नाम से जानी जाती थी न कि इस्लाम के नाम से। इन मुस्लिम आक्रांताओं की सीख भी इस प्रकार की रही कि जागीरदार केवल जागीरदार से ही सम्बंध रखेगा। यानी उच्च वर्ग का मुसलमान निम्न वर्ग से कोई सम्बंध नहीं रखेगा। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि मुसलमान और मुसलमान के बीच अंतर बनाने का मुख्य कार्य विदेशी मुसलमानों ने किया है। मध्य एशिया और ईरान से आने वाले विदेशी सफेद चमड़ी के होते थे। स्थानीय मुस्लिमों का रंग काला और सांवला होने के कारण ये उन्हें अपने से नीचा समझते थे। उनके साथ उनका किसी प्रकार का व्यवहार नहीं था। वे स्वयं को शासक वर्ग का मानते थे। पाकिस्तान के प्रसिद्ध इतिहासकार डाक्टर मुबारक अली पूछते हैं कि भारतीय मुस्लिमों में सभी प्रकार की योग्यताएं होने के बावजूद उनमें एक भी साहित्यकार, नामचीन कवि, प्रशासक या बड़ा अधिकारी क्यों नहीं बन सका? विदेशी मुसलमानों ने अपने नामों के साथ समरकंदी, शीराजी और असफहानी जैसे शब्दों का प्रयोग कर एक विशेष प्रकार के मानस का प्रदर्शन किया है। इसलिए मुसलमानों में ऊंच-नीच और जात-पात के लिए कोई अन्य वर्ग जिम्मेदार नहीं है, बल्कि स्वयं विदेशी आक्रांता मुस्लिम हैं, इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए।13

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

Sawan 2025: भगवान शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं ये 7 चीजें

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies