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पाकिस्तान की सिंध विधानसभा में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के सदस्य मुकेश कुमार ने हिन्दुओं के पूजा स्थलों पर बढ़ते हमलों पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ये हमले भारत एवं पाकिस्तान के बीच संबंधों को सामान्य बनाने के विरोधी तत्वों द्वारा प्रायोजित हैं। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो बड़ी संख्या में हिन्दुओं का भारत की ओर पलायन शुरू हो सकता है।पाकिस्तानी समाचारपत्र “द न्यूज” के अनुसार पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य श्री कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्षों से सिंध के हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे के साथ रहते आए हैं। लेकिन अब कुछ लोग इस भाईचारे को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले महीने ही हिन्दू धर्मस्थलों पर हमले की दो घटनाएं हुईं। पहली घटना में सिनझोरो में एक हिन्दू पुजारी मोहन भगत की निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी गयी थी। इसी प्रकार एक अन्य घटना में कराची के एक मंदिर में अराजक तत्वों ने घुसकर मूर्तियों को तोड़-फोड़ दिया। उन्होंने इस प्रकार के संवेदनशील मसले की सरकार द्वारा उपेक्षा की निन्दा करते हुए सरकार से मांग की कि दोषियों को तत्काल सजा दी जाए। श्री कुमार ने कहा कि संयुक्त मतदान प्रणाली के अंतर्गत हिन्दू एवं मुसलमान समान नागरिक हैं और संविधान में भी हिन्दुओं को समान अधिकार दिया गया है। लेकिन हिन्दुओं के साथ द्वितीय श्रेणी के नागरिक जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिन्दू धर्मस्थलों पर हो रहे हमलों के विरोध में सिनझोरो, खिप्रो और उसके आसपास के क्षेत्रों के हिन्दुओं ने अपनी दूकानें बंद रखकर हड़ताल की लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस संबंध में हिन्दू पंचायतों ने प्रशासन को पत्र भी लिखा लेकिन प्रशासन ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि सिंध विधानसभा के बजट सत्र के बाद गैर मुस्लिमों के लिए एक सुरक्षा विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। (हिन्दुस्थान समाचार)14
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