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प.बंगालप. बंगाल में करारी हार के बावजूद ममता बनर्जी ने कहा-अवसरवादी माक्र्सवादियों के विरुद्ध संघर्ष जारी रखूंगी-प्रतिनिधिप.बंगाल में सुश्री ममता बनर्जी एक बार फिर सुर्खियों में छा गईं। आम चुनावों में तृणमूल-भाजपा गठबंधन को अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद सुश्री ममता बनर्जी ने संसद की सदस्यता त्यागने का मन लगभग बना ही लिया था। परन्तु तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के दबाव के बाद उन्होंने अपना इरादा बदला। प. बंगाल के चुनाव नतीजों के बाद पाञ्चजन्य से बातचीत करते हुए सुश्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ माकपा द्वारा बड़े पैमाने पर की गई धांधली और माक्र्सवादियों तथा कांग्रेस के बीच चुनाव बाद हुए अनैतिक गठबंधन के विरुद्ध लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने का फैसला किया था। लेकिन उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें सलाह दी कि उनके इस कदम से पार्टी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश जाएगा और उनका मनोबल टूटेगा, अत: वे त्यागपत्र न दें। सुश्री ममता बनर्जी का कहना है कि प. बंगाल में केवल राष्ट्रपति शासन के तले ही निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि माक्र्सवादी लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते और चुनावी धांधलियों के बल पर ही वे 27 वर्षों से प. बंगाल में राज करते आ रहे हैं।सुश्री बनर्जी ने माक्र्सवादियों को अवसरवादी की संज्ञा देते हुए कहा कि उन्होंने मतदाताओं के सामने कभी भी यह उजागर नहीं किया था कि वे बाद में कांग्रेस से हाथ मिला लेंगे। उन्होंने रोषपूर्ण स्वर में कहा, “माक्र्सवादी कांग्रेसनीत गठबंधन में इस कारण शामिल नहीं हुए क्योंकि उनके अनुसार कांग्रेस के साथ उनके कई मुद्दों पर मतभेद हैं। लेकिन विडम्बना देखिए, वही माक्र्सवादी कांग्रेस के समर्थन से लोकसभा अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लेते हैं! यह घोर अवसरवादिता नहीं तो और क्या है?”पिछली बार की 8 में से कुल एक सीट पर जीत के कारण सुश्री ममता बनर्जी निराश जरूर दिखीं पर हतोत्साहित नहीं। न ही उन्होंने माक्र्सवादियों के विरुद्ध संघर्ष में हार मानी है। इस बीच भविष्य की रणनीति पर ममता बनर्जी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तथागत राय के बीच विचार-विमर्श भी हुआ है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्रियों-प्रियरंजन दासमुंशी और प्रणव मुखर्जी की ओर से उन पर फिर से कांग्रेस में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है, पर वे राजग के साथ ही रहेंगी। सुश्री बनर्जी के अनुसार कांग्रेस गठबंधन सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी। वामपंथी ही मौका देखकर इसे गिरा देंगे।फिलहाल सुश्री ममता बनर्जी 21 जुलाई को कोलकाता में एक बड़ी रैली और इससे पहले 27 जून को कुछ जिलों के निकाय चुनावों की तैयारियों में जुटी हैं। उन्होंने सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूचियों की सही जांच-पड़ताल के लिए हर क्षेत्र में दो पूर्णकालिक कार्यकर्ता तैनात करने का निर्णय लिया है। क्योंकि माकपा ने मतदाता सूचियों से बड़ी संख्या में वैध मतदाताओं के नाम कटवाकर फर्जी नाम जुड़वाए हैं। सुश्री ममता बनर्जी माकपा की इस षडंत्र की सच्चाई सामने लाना चाहती हैं। वे कहती हैं कि माक्र्सवादियों के विरुद्ध हमारा संघर्ष जारी रहेगा।31
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