एक कथ्य
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

एक कथ्य

by
Jun 6, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Jun 2004 00:00:00

..माया महा ठगिनी हम जानी….बचपन में अगर किसी बात को लेकर भ्रम होता है, तो चिन्ता की कोई बात नहीं, क्योंकि पूरी युवावस्था सामने है। उस समय पग-पग पर टूटते हुए भ्रम का आघात सहने की ताकत भी रहती है। लेकिन यही भ्रम यदि बुढ़ापे में आ धमके तो बड़ा खतरनाक है।और मेरे साथ यही हो रहा है।अब, इस उम्र में मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं मनुवादी रहूं या मायावादी। दरअसल, मुझे इन दोनों वादों का गहन-ज्ञान है भी नहीं। लेकिन कानून कहता है कि अज्ञान को बहाना नहीं बनाया जा सकता। इसलिए मुझे ठीक-ठीक जानकारी ले ही लेनी होगी। समय कम है, संसार से प्रयाण करने से पहले मुझे अपने लिए खेमा निर्धारित कर लेना जरूरी है। इससे भगवान को भी सुविधा होगी।कुलीन कुल की कन्या के रूप में जन्म पाने के लिए मुझे दोषी नहीं ठहराया जा सकता। यह साजिश भगवान की थी। उन्होंने ही मुझे ऐसे झमेले में डाल दिया कि आज मुझ पर मनुवादी होने का आरोप लगाया जा रहा है। अब इस संकट का सामना कैसे करूं!लेकिन इस तरह अगर “विषाद योग” में पड़ कर अपने हाथ से गांडीव जाने दूंगी तो भगवान श्रीकृष्ण को ही कष्ट होगा। अब वे मेरे जैसे दुग्गी-तिग्गी मनुवादियों के लिए कितनी बार गीता बांचेंगे! भगवान को याद कर मुझे स्वयं अपने पुरुषार्थ का प्रयोग करना चाहिए।मैंने तय कर लिया कि अपने माथे से मनुवादी होने का कलंक मिटा कर ही रहूंगी। दूसरा विकल्प जब सामने है ही, तब सोचना क्या! मेरा एकहत्तरवां जन्मदिन आने वाला है। मैंने योजना बना ली। दरअसल, मुझे योजना बनानी नहीं पड़ी। मैंने जो कुछ देखा था, उसी कार्यक्रम को अपने ऊपर लागू करना चाहा। इसके लिए मैंने किसी अभियोजक से बात की। उसे समझा दिया कि मुझे मनुवाद से निकल कर अपना नया संस्कार करना है। और इसके लिए जरूरी है कि नए कुल की रीति के अनुसार सारा आयोजन हो। इसके लिए अगर सारे पांडिचेरी को नीले-पीले रंग से रंग देना पड़े तब भी कोई हर्ज नहीं। अब तक मेरे जन्मदिन पर कभी केक नहीं कटा था, लेकिन वह मनुवादिता भी मुझे छोड़ देनी है। मैंने केक का जो आकार-प्रकार बताया उसे समुद्र तट के सिवा और कहीं नहीं रखा जा सकता था। मैंने उसकी स्वीकृति भी दे दी । मेरे हाव-भाव से अभिकर्ता अभिभूत था। उसे ऐसा असामी आज तक नहीं मिला था जिसके हाथ में सारी कानून-व्यवस्था हो, जो समुद्र तट को भी अपनी निजी बैठक बना सकता हो, जिसके पास इतनी सम्पत्ति हो कि सारे नगर को खिलाने की बात कर रहा हो। वह मुझे कभी माताजी, कभी अम्मा और आंटी कह कर सम्मान जता रहा था। सारी बातें समझने के बाद उसने खर्च का आकलन प्रस्तुत किया। “क्या!””नब्बे लाख?”-मैं आश्चर्य से उसे देखने लगी।”जी मैडम!”-उसके और मेरे बीच दूरी बन गयी।”क्यों?””हमने तो आपको वरिष्ठ नागरिक वाली छूट भी दी है…” “लेकिन बेटे! मेरा बजट तो एक सौ एक रुपए का है!”अब उसे बेहोशी का दौरा पड़ने वाला था, लेकिन उसने अपने को संभाला और ब्राीफकेस बन्द कर बिना दुआ-सलाम के चलता बना।मुझे मनुवादी खेमे से निकलकर मायावादी खेमे में आने का अपना इरादा भी त्याग देना पड़ा, क्योंकि यह नया वाद तो बड़ा खर्चीला है।वहां से सीधे मैं आलम की दुकान पर गयी और अपनी पोशाक का “आर्डर” रद्द किया-“नहीं बनाना उसे।”वह भी खुश नजर आया। उसने दबी जबान में कहा- “वह पोशाक कुछ ज्यादा भड़कीली भी हो जाती… आपके लिए; वह गुलाबी रंग, वह झालर, कसीदे और विदेशी रेशम, अम्माजी! आपके ऊपर अच्छी नहीं लगती….। आप सादा-सा बनवा लेतीं ?””जरूरत नहीं है।”- राहत की सांस निकली; ओह! बच गयी ठगाने से। सुधा27

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Ahmedabad Plane crash FIP

Ahmedabad Plane crash: फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने रॉयटर्स और WSJ को भेजा कानूनी नोटिस

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Ahmedabad Plane crash FIP

Ahmedabad Plane crash: फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने रॉयटर्स और WSJ को भेजा कानूनी नोटिस

Germany deported 81 Afghan

जर्मनी की तालिबान के साथ निर्वासन डील: 81 अफगान काबुल भेजे गए

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies