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आई.एस.आई. और माओवादी गठजोड़
– कर्नल (से.नि.) पी.एन. खेड़ा
पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आई.एस.आई. ने अब भारत में जासूसी के लिए नेपाल के नौजवानों को भर्ती करना शुरू कर दिया है। इसमें सहयोग करने के लिए उसने नेपाल में सक्रिय माओवादी आतंकवादियों से भी सांठ-गांठ कर ली है। यह खुलासा हाल ही में गुजरात में एक नेपाली युवक की गिरफ्तारी के बाद हुआ।
गिरफ्तार किए गए इस नेपाली युवक ने पूछताछ के दौरान बताया कि पहले नेपाल के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान भेजा जाता है। इस पढ़ाई के दौरान ही इन विद्यार्थियों को कुछ महीनों के लिए नेपाल भेजा जाता है और उनसे कहा जाता है कि वे नेपाल से भारत जाएं और वहां से रक्षा सम्बंधी जानकारी प्राप्त करके पाकिस्तान को दें।
गुजरात में गिरफ्तार किया गया हरि नारायण शाह नेपाल के ग्राम राथल का निवासी है। बृज शाह का यह पुत्र पाकिस्तान में चिकित्सा शास्त्र (एम.बी.बी.एस.) के तीसरे वर्ष में अध्ययन करता है। हरि नारायण शाह ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसके जैसे बहुत से नेपाली नौजवान आई.एस.आई. के तंत्र से जुड़ रहे हैं, विशेषकर वे जिनके परिवार वालों की सहानुभूति माओवादियों के साथ है। हरि नारायण का श्वसुर भी माओवादी है।
हरि नारायण ने स्वीकार किया कि आई.एस.आई. ने उसे गुजरात में भारत के रक्षा संस्थानों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए भेजा था। इसके साथ ही पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में भारतीय सेना की तैनाती के बारे में भी सूचनाएं एकत्रित करने के लिए कहा गया था।
इस बात के संकेत पहले से ही मिल रहे थे कि आई.एस.आई. भारत और नेपाल के बीच की खुली सीमा का प्रयोग भारतविरोधी गतिविधियों के लिए कर रही है। उसे पता है कि भारत में नेपाल के नागरिकों को कोई भी शंका की नजर से नहीं देखेगा। अब माओवाद से प्रेरित नेपाली छात्रों को अपना हथियार बनाकर वह भारत और नेपाल में एक-दूसरे के प्रति शंका और अवि·श्वास के बीज बोने का भी प्रयास कर रही है। आई.एस.आई. के सम्बन्धों का नेपाल के राजतंत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। नेपाल में सक्रिय माओवादी भी अपना जाल बिछाने के लिए आई.एस.आई. के तंत्र का प्रयोग ठीक उसी तरह कर रहे हैं जैसे श्रीलंका के लिबरेशन टाइगर आफ तमिल ईलम (एल.टी.टी.ई.) ने किया था। आई.एस.आई. ने नेपाल और बंगलादेश में भारतविरोधी अपने प्रतिनिधियों का तंत्र स्थापित कर लिया है। वह इन प्रतिनिधियों के द्वारा जाली नोट और विस्फोटक पदार्थ भारत में भेज रही है।
नेपाल सरकार को अपने देश में आई.एस.आई. की गतिविधियों का पता उस समय चला जब वहां पाकिस्तानी दूतावास का एक अधिकारी आर.डी.एक्स. के साथ पकड़ा गया। एक अन्य अधिकारी के पास से भारतीय मुद्रा के 500 रुपए के जाली नोट बरामद किए गए थे। इंडियन एयरलाइन्स की उड़ान आई.सी.-814 (जिसे कंधार ले जाया गया था) के अपहरण की योजना में भी नेपाल स्थित पाकिस्तानी दूतावास का हाथ था।
इसके साथ ही भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों में एकाएक मदरसों की संख्या में बढ़ोतरी से दोनों देश चितिंत हैं। आई.एस.आई. पाकिस्तान के नौजवानों को नेपाल की लड़कियों से शादी करके सीमावर्ती क्षेत्रों में बसने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है। वह इस क्षेत्र को पाकिस्तान समर्थक मुस्लिमबहुल क्षेत्र में परिवर्तित करना चाहती है। इससे नेपाल की एकता और अखंडता को भी खतरा पैदा हो गया है। आई.एस.आई. नेपाल के समाज में साम्प्रदायिकता के बीज बोने का भी प्रयास कर रही है। वह भारतीय सेना के सेवारत और सेवानिवृत्त गोरखा सैनिकों में भी भारतविरोधी भावना पैदा करने का प्रयास कर रही है।
सूत्रों के अनुसार आई.एस.आई. नेपाल में सक्रिय माओवादियों को प्रशिक्षण और हथियार देने के साथ-साथ भारत में सक्रिय पीपुल्स वार ग्रुप जैसे वामपंथी आतंकवादी संगठनों को सहायता दे रही है।
नेपाल में आई.एस.आई. और वहां सक्रिय अन्य संगठन भी भारतविरोधी तत्वों, राजनीतिक दलों एवं अन्य भारतविरोधी संगठनों का भरपूर प्रयोग कर रहे हैं। वहां के समाचार जगत को भी भारतविरोधी प्रचार करने के लिए भड़काया जा रहा है।
द (अडनी)
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