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गुजरात के कुछ हिस्सों में इन दिनों एक अभिनव प्रयोग हो रहा है। बरसाती जल को संग्रहित करने का यह प्रयोग आणंद के डा. के.सी. दलाल कर रहे हैं। उत्तर गुजरात के सौराष्ट्र, कच्छ आदि स्थानों पर अभूतपूर्व जल-संकट को देखते हुए डा. दलाल ने यह प्रयोग कुछ वर्ष पहले शुरू किया था। बरसाती जल को रोकने के लिए उन्होंने अपने घर में अपने घर में जमीन के नीचे जल-संचय का स्थान बनाया। घर की छत को साफ कर ऐसी व्यवस्था की कि पहली ही वर्षा में 3000 लीटर क्षमता वाला उनका भूगर्भ जल संग्रह केन्द्र भर गया। डा. दलाल इस पानी को निथारने के बाद पेयजल के रूप में प्रयोग करते हैं। छोटा परिवार होने के कारण एक वर्ष तक यह जल उनके लिए पर्याप्त है, इसलिए वे नगरपालिका का पेयजल प्रयोग नहीं करते।डा. दलाल कहते हैं कि बरसाती पानी स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम होता है। साथ ही इस पानी से बर्तनों में क्षार नहीं जमता, कपड़े भी आसानी से साफ होते हैं। इस तरह गुणकारी बरसाती जल को संग्रहित किया जाए तो पानी की समस्या से हमें जूझना नहीं पड़ेगा। वे आणंद और मध्य गुजरात के अनेक स्थानों पर लोगों को जल संग्रहित करने के उपाय बता रहे हैं।द वि.सं.के., गुजरात11
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