जो लोग दोनों आंखें खोले हुए देखते हैं, लेकिन वास्तव में देख नहीं पाते, उन्हीं के कारण सारी गड़बड़ी है। वे आप भी ठगे जाते हैं और दूसरों को भी ठगने से बाज नहीं आते।
Friday, March 31, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम Archive

जो लोग दोनों आंखें खोले हुए देखते हैं, लेकिन वास्तव में देख नहीं पाते, उन्हीं के कारण सारी गड़बड़ी है। वे आप भी ठगे जाते हैं और दूसरों को भी ठगने से बाज नहीं आते।

Archive Manager by
Feb 12, 2001, 12:00 am IST
in Archive
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

दिंनाक: 12 Feb 2001 00:00:00

निशाने पर डोडा

जम्मू- कमीर घाटी से अल्पसंख्यक समुदाय का प्राय: सफाया करने के बाद पाक समर्थित आतंकवादियों के निशाने पर अब प्रदेश का डोडा जिला है।

वन संपदा से भरपूर यह पर्वतीय जिला 11,691 कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। मुस्लिम बहुसंख्यक जिला डोडा की कुल जनसंख्या पांच लाख से ऊपर है। कश्मीर घाटी के बाद अब डोडा जिला कट्टरपंथियों व अलगाववादियों की गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र बन गया है।

पिछले दस वर्षों से अधिक समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने लगभग 60 बड़े नरसंहार किए हैं जिनमें हजारों लोगों को अत्यंत पाशविकता से मार डाला गया।

आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को चुन-चुनकर किए गए सामूहिक नरसंहारों में अब तक लगभग 300 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 14 अगस्त, 1993 को डोडा जिले में किश्तवाड़ के समीप सरथल मार्ग से गुजर रही बस को रोककर 17 यात्रियों को नीचे उतारा गया तथा उन्हें दिनदहाड़े सबके सामने गोली मार दी गई।

इसी तरह 14 मई, 1995 को दोहारी क्षेत्र में एक साथ पांच हिन्दुओं की हत्या कर दी गई। 5 जनवरी, 1996 को आतंकवादियों ने किश्तवाड़ क्षेत्र के ठाटरी के निकट गांव बड़शाला से 17 ग्रामीणों का अपहरण करने के बाद गांव से लगभग 2 कि.मी. दूर ले जाकर उनमें से 16 ग्रामीणों की नृशंस हत्या की गई थी।

6 मई, 1996 को डोडा जिले के रामबन क्षेत्र में आतंकवादियों ने एक गांव सम्बर के 16 हिन्दुओं को जिंदा जला दिया। 7-8 जून, 1996 की रात्रि को डोडा के निकट कलमाड़ी गांव के 9 लोगों को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया।

इसी तरह 25 जून, 1996 को स्योधार में 13 व्यक्तियों की तथा 16 अक्तूबर, 1997 को डोडा क्षेत्र के कुण्डधार में 6 व्यक्ति मार दिए गए।

आंकड़े बताते हैं कि, वर्ष 1998 की 6 अप्रैल को डोडा में आतंकवादियों ने 9 लोगों को मार दिया।

6 मई, 1998 को सुरक्षा बल के कुछ जवानों सहित 11 व्यक्ति मारे गए।

19 जून, 1998 को डोडा के निकट चपनारी में एक विवाह-समारोह में भाग ले रहे लगभग 29 सदस्यों को गोली मार दी गई। मृतकों में वर-वधु के तीन जोड़े भी शामिल थे।

27 जुलाई, 1998 को ठकुराई एवं सरूवन गांवों में रात्रि में आतंकवादियों के हमले में 20 व्यक्ति मारे गए।

28 जुलाई, 1998 को डोडा जिले के रामबन क्षेत्र में आठ लोगों की हत्या कर दी गई।

3 अगस्त, 1998 को हिमाचल प्रदेश एवं डोडा की सीमा पर स्थित कालाबन और शतरूंडी क्षेत्र में 35 श्रमिक मार डाले गए।

वर्ष 1999 के दौरान, 19-20 जुलाई की रात्रि डोडा जिले के लिहोटा गांव में ग्राम सुरक्षा समिति के 5 सदस्यों सहित 15 व्यक्तियों को आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया गया। उक्त घटना में 14 वर्षीय एक छात्र ने आतंकवादियों के हमले में मारे गए अपने पिता की बंदूक से सहायता से आतंकवादियों से कड़ा मुकाबला किया तथा न सिर्फ अपनी बल्कि अनेक गांववासियों की जान बचाई। 29 जुलाई को ठाटरी क्षेत्र में एक ही परिवार के 15 सदस्यों की नृशंस हत्या कर दी गई।

आतंकवादियों ने गत वर्ष 2000 में 2 अगस्त के दिन डोडा जिले के बनिहाल क्षेत्र के पोगल में 12 लोगों की सामूहिक हत्या कर दी थी। 2 अगस्त को ही किश्तवाड़ के मारवाह क्षेत्र की ग्राम सुरक्षा समिति के 8 सदस्यों तथा महिगाम क्षेत्र के तीन व्यक्तियों की हत्या कर दी गई। 12 अक्तूबर, 2000 को कयार दक्खन में खाकी वर्दी पहने आतंकवादियों ने हमला किया तथा सुरक्षा बलों की वर्दी की आड़ में ग्राम सुरक्षा समिति के 8 सदस्यों की धोखे से हत्या कर दी।

24 नवम्बर, 2000 में बनिहाल के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग पर अल्पसंख्यक समुदाय के 5 लोगों की हत्या कर दी गई।

8 मार्च, 2001 को बलिहाल क्षेत्र में ही एक ही परिवार के चार सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया गया।

10 मई, 2001 को किश्तवाड़ के पाड्डर क्षेत्र में आठ लोगों को मार दिया गया। . ..और अभी पिछले महीने ही छत्तरू में 5 तथा छेरजी में 8 लोगों को गोली मार दी गई। केवल 15 दिनों के अंतराल में डोडा जिले में घटने वाली यह तीसरी घटना थी।

डोडा में लगातार होने वाले इन नरसंहारों का क्रम आतंकवादियों का लक्ष्य स्पष्ट कर देता है। आतंकवादी अब डोडा जिले से अल्पसंख्यक समुदाय की जबरन रवानगी चाहते हैं ताकि साम्प्रदायिक अलगाववाद को भड़काया जा सके।

लेकिन डोडा तथा निकटवर्ती क्षेत्रों के स्थानीय लोगों ने अब तक दृढ़ता व हिम्मत के साथ आतंकवादियों के हर हमले का सामना किया है। आतंकवादियों के विषपगे इरादों से जूझने में स्थानीय ग्राम सुरक्षा समितियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

किन्तु फिर भी यह हमें ध्यान रखना होगा कि अब आतंकवादियों द्वारा किए जा रहे मजहबी परिमार्जन की तोप का मुंह डोडा की ओर है।

पाकिस्तान प्रायोजित इस षड्यंत्र में संदिग्ध रूप से जम्मू-कमीर राज्य सरकार के कुछ तत्व भी शामिल बताए जा रहे हैं, यह एक चिंताजनक तथ्य है।

— विशेष प्रतिनिधि

सम्पादकीय

चर्चा सत्र

शेनाय

संस्कृति सत्य

कही-अनकही

मंथन

अच्छे काम

आख्यान

बाल जगत

पाञ्चजन्य

50 वर्ष पहले

गहरे पानी पैठ

पाठकीय

हरी-भरी हुई बंजर धरती

पर्यावरण संरक्षण यज्ञ में एक आहुति : वृक्षारोपण करते हुए

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन (मध्य में),

एकदम बाएं खड़े हैं श्री सच्चिदानंद भारती

प्रोमिला माल्हादार और उनका नन्हा बेटा- मुश्किल से

जान बचाकर भारत पहुंचे

अपने बेटों के साथ पार्वती बर्मन तो किसी तरह भारत आ पहुंची, लेकिन पति आततायियों की क्रूरता का शिकार हो गया

बंगलादेश से आए हिन्दू शरणार्थी

पौपी दास-आततायियों के कहर से बाल-बाल बची

बेली रानी- अब भी दहशत में है

वहां हिन्दू होना अपराध है!!

वास्तुहारा सहायता समिति की अपील

बंगलादेश से आए हिन्दू शरणार्थी वहां हिन्दू होना अपराध है!!

(2) वहां हिन्दू होना अपराध है!!…

श्री गुलाब खण्डेलवाल को पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान पं. दीनदयालजी का चिन्तन आज सारे विश्व को आकर्षित कर रहा है-

80 वर्ष के युवा!

ग्वालियर में स्वयंसेवकों ने निकाला भव्य पथ संचलन

नेपाल में हिन्दी साहित्यकारों को डा. कृष्णचन्द्र मिश्र हिन्दी सम्मान

पीड़ित हिन्दुओं की सहायता के लिए अपील

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पैर पसार रहे हैं काबुल से खदेड़े तालिबानी

शिक्षा के बिना विकास की कल्पना बेमानी

सक्षम भारती का अनूठा आयोजन एक सेतुबंध ऐसा भी

ऐसी क्यों है अल्पसंख्यकों की मानसिकता?

बेटियां

…बदला तूफानी हवा का रुख

बौद्ध नेताओं की शिकायत भेदभाव का शिकार है लद्दाख

2

– शरत्चन्द्र (चरित्रहीन, पृ0 237)

मारन के दोहे

ऐसा बहुत कम ही होता है कि जब समाचार पत्र किसी भी मंत्री की प्रशंसा में एक पंक्ति लिखने से भी संकोच कर रहे हों तो अचानक सम्पादकीयों से लेकर समाचार विश्लेषणों तक में एक ऐसे मंत्री को वाहवाही मिलनी शुरू हो जाए जो पहले कभी यदि सुर्खियों में रहे भी तो किन्हीं अन्य कारणों से। दोहा में वि·श्व व्यापार संगठन की महत्वपूर्ण बैठक में भारत के वाणिज्य मंत्री श्री मुरासोली मारन ने भारतीय व्यापार और वाणिज्य की ही नहीं अपितु विकासशील देशों की सम्प्रभुता और निर्णय लेने की स्वतंत्रता की जिस प्रखरता से रक्षा की, वह निश्चय ही अभिनंदनीय है। पहले बैठक में नहीं आना और आना तो बहिष्कार करने के तेवर के साथ पश्चिम के अहंकारी नीति-निर्माताओं को अपनी बात सुनने, समझने और मानने पर विवश करना, यह तो कोई मारन जी से ही सीखे। वास्तव में मारन ने दोहा में भारतीय स्वदेशी आंदोलन की मूल चेतना के दोहे सुनाकर अपना पक्ष मजबूत किया। भारत के ही रुख के कारण अंतत: वि·श्व व्यापार संगठन के मंत्रिगण ने व्यापार अवरोध कम करने और विकास का नया दौर शुरू करने पर सहमति व्यक्त की।अंतिम दिन तक अपने और विकासशील देशों की पुरजोर वकालत करते हुए भारत ने इस बैठक में काफी कुछ हासिल कर लिया। व्यापार सम्बद्ध बौद्धिक सम्पदा अधिकार (ट्रिप्स), प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वि·श्व व्यापार संगठन नियमों के बारे में भारत की चिन्ता पर भी ध्यान दिया गया। घोषणा में कृषि विकास के पहलू को समुचित महत्व देते हुए खाद्य सुरक्षा, रोजगार और ग्रामीण विकास के सवाल पर लचीला रुख अपनाया गया। विकसित देशों द्वारा निर्यात सहायता समाप्त करने के वादे को भी घोषणा में शामिल कर लिया गया है। इससे भारतीय किसान देश की कृषि को वि·श्व स्तर पर प्रतियोगी बनाने के बाद वि·श्व बाजार में प्रवेश कर सकेंगे। भारत कृषि के क्षेत्र में विकासशील देशों के लिए खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के अतिरिक्त लचीलापन चाहता था, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अब भारतीय दवा निर्माता कम्पनियां कानूनी तौर पर पेटेंट हो चुकी दवाओं का भी उत्पादन कर सकेंगी। रियायतों में भारत और विकासशील देश कड़े पेटेन्ट कानून के तहत भी सार्वजनिक स्वास्थ्य की किसी आपात जरूरत से निपटने के लिए सस्ती दवाएं भी हासिल कर सकेंगे। कुल मिलाकर भारत की छवि विकासशील देशों के शक्तिशाली प्रखर प्रवक्ता के रूप में उभरी।

काबुल में संगीत

कुभा नदी के किनारे बसा काबुल गिरा या फतह हुआ या मुक्त हुआ- अलग-अलग लोग अपने-अपने दृष्टिकोण से उत्तरी गठबंधन के काबुल पर कब्जे को अभिव्यक्त करेंगे। पर काबुल में फिर भारतीय संगीत गूंजने लगा है और भारत तथा अन्य देशों में वहां से आए हिन्दू अफगान शरणार्थी भी वापस लौटने की बातें करने लगे हैं। अफगानिस्तान में तालिबानों की जमकर पिटाई हुई है और वे गुफाओं में या पाकिस्तान में जान बचाने के लिए भागते फिर रहे हैं। ये दृश्य हिन्दुस्थान के टेलीविजन चैनलों पर बार-बार और जोरदार ढंग से दिखाए जाने चाहिए। मुल्ला उमर कहीं छुपे हुए बैठे कह रहे हैं- लड़ते रहो, लड़ते रहो। मगर उनकी बात सुनने वाला कौन है? अफगानिस्तान में प्रारंभ से ही भारत के प्रति मैत्री और सद्भाव का वातावरण रहा है। वहां 50 हजार हिन्दू-सिख भी अभी हाल तक रहते थे जो गुरुद्वारों-मंदिरों की एकता और व्यापारिक समृद्धि के प्रतीक थे। वहशी तालिबानों ने पाकिस्तान की मदद से और एक गैर-अफगान ओसामा के उन्मादी तौर-तरीके अपनाकर अफगानिस्तान को ही बर्बाद नहीं किया, वहां की इस्लाम-पूर्व संस्कृति और सामाजिकता के ताने-बाने को ध्वस्त कर दिया। पर काबुल से जो खबरें और वहां से जो छायाचित्र देखने को मिल रहे हैं, उनसे साफ है कि तालिबानों का असर सिर्फ तभी तक दिखता था जब तक वे बच्चों-बूढ़ों और महिलाओं पर बंदूकें तानकर या कायरों की तरह निहत्थों की हत्याएं कर आतंक का माहौल बनाए रखने में कामयाब थे। वे अपने को भले ही इस्लामी विचारधारा का प्रवक्ता कहते रहें या बताते रहें कि वे इस्लाम की शिक्षाओं के अनुसार अफगानी समाज को ढाल रहे हैं, पर वे समाज में वास्तविक परिवर्तन का दिखावा भी ठीक से स्थापित नहीं कर पाए। वाष्प से भरे बर्तन का ढक्कन हटते ही जैसे भीतर दबी भाप बाहर आती है, अफगानिस्तान में वही हो रहा है। ये इस बात का भी प्रतीक है कि कट्टरपंथ कभी भी, किसी भी स्थिति में सफल नहीं होता। कट्टरपंथ किसी भी प्रकार का हो, वह समाज को स्वीकार्य नहीं हो सकता। वह समाज में संकीर्णता, घृणा, असहिष्णुता और बर्बरता को पैदा करता है। इनके सहारे समाज केवल टूट और बिखर सकता है। दुनिया में एक भी इस्लामी समाज ऐसा नहीं है जिसने कट्टर इस्लामी जिहाद के रास्ते पर चलकर ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, कला और संस्कृति का विकास किया हो या सभ्य समाज कहलाने का अधिकारी बना हो। सच यह है कि कुछ समय के लिए भले ही कट्टरवाद का शिकार सभ्य समाज होता हो परंतु अंतत: कट्टरवादी स्वयं को ही खत्म कर डालते हैं।

अब काबुल की चिंता करनी चाहिए। अफगानिस्तान की नई सरकार के संदर्भ में भारत की स्पष्ट भूमिका है और उसे यह भूमिका आग्रहपूर्वक निभानी होगी। अभी आवश्यकता है कि वह तुरंत अफगानी नागरिकों के लिए राहत सामग्री व चिकित्सा दल भेजे। अफगानी नागरिकों को इस अवसर पर भारत की सहायता का अच्छा संदेश जाएगा और उन्हें भी यह सहायता पाकिस्तान और अमरीका की सहायता से ज्यादा आत्मीय लगेगी।

3

ShareTweetSendShareSend
Previous News

भीलवाड़ा

Next News

आख्यान

संबंधित समाचार

वीडियो के बाद अमृतपाल ने जारी किया ऑडियो, अकाल तख्त जत्थेदार से कहा- सरबत खालसा बुलाकर दो जत्थेदार होने का सबूत

वीडियो के बाद अमृतपाल ने जारी किया ऑडियो, अकाल तख्त जत्थेदार से कहा- सरबत खालसा बुलाकर दो जत्थेदार होने का सबूत

रामनवमी शोभायात्रा पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के हमले, बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात में पथराव, लगाई आग

रामनवमी शोभायात्रा पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के हमले, बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात में पथराव, लगाई आग

तीर्थ नगरी में मजहबी गतिविधियों से हिंदू जागरण मंच नाराज

तीर्थ नगरी में मजहबी गतिविधियों से हिंदू जागरण मंच नाराज

बाबा रामदेव के सानिध्य में 100 युवाओं ने ली सन्यास की दीक्षा, समाज सेवा का लिया संकल्प

बाबा रामदेव के सानिध्य में 100 युवाओं ने ली सन्यास की दीक्षा, समाज सेवा का लिया संकल्प

इंदौर बावड़ी हादसा : अब तक 19 को बचाया गया, 11 की मौत

इंदौर बावड़ी हादसा : अब तक 19 को बचाया गया, 11 की मौत

स्वामी श्रद्धानंद, महर्षि दयानंद से प्रेरणा लें युवा : अमित शाह

स्वामी श्रद्धानंद, महर्षि दयानंद से प्रेरणा लें युवा : अमित शाह

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

वीडियो के बाद अमृतपाल ने जारी किया ऑडियो, अकाल तख्त जत्थेदार से कहा- सरबत खालसा बुलाकर दो जत्थेदार होने का सबूत

वीडियो के बाद अमृतपाल ने जारी किया ऑडियो, अकाल तख्त जत्थेदार से कहा- सरबत खालसा बुलाकर दो जत्थेदार होने का सबूत

रामनवमी शोभायात्रा पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के हमले, बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात में पथराव, लगाई आग

रामनवमी शोभायात्रा पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के हमले, बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात में पथराव, लगाई आग

तीर्थ नगरी में मजहबी गतिविधियों से हिंदू जागरण मंच नाराज

तीर्थ नगरी में मजहबी गतिविधियों से हिंदू जागरण मंच नाराज

बाबा रामदेव के सानिध्य में 100 युवाओं ने ली सन्यास की दीक्षा, समाज सेवा का लिया संकल्प

बाबा रामदेव के सानिध्य में 100 युवाओं ने ली सन्यास की दीक्षा, समाज सेवा का लिया संकल्प

इंदौर बावड़ी हादसा : अब तक 19 को बचाया गया, 11 की मौत

इंदौर बावड़ी हादसा : अब तक 19 को बचाया गया, 11 की मौत

स्वामी श्रद्धानंद, महर्षि दयानंद से प्रेरणा लें युवा : अमित शाह

स्वामी श्रद्धानंद, महर्षि दयानंद से प्रेरणा लें युवा : अमित शाह

कन्या पूजन कर सीएम योगी ने की मातृ शक्ति की आराधना

कन्या पूजन कर सीएम योगी ने की मातृ शक्ति की आराधना

मध्य प्रदेश: मतांतरण के मिशन पर मिशनरी स्कूल, बच्चियों की निजता से खिलवाड़, पहाड़ भी काट दिया

मध्य प्रदेश: मतांतरण के मिशन पर मिशनरी स्कूल, बच्चियों की निजता से खिलवाड़, पहाड़ भी काट दिया

रामनवमी : मुस्लिम महिलाओं की भगवान श्रीराम के प्रति आस्था, आरती उतार कर की पूजा

रामनवमी : मुस्लिम महिलाओं की भगवान श्रीराम के प्रति आस्था, आरती उतार कर की पूजा

बढ़ रहा है कोरोना, सरकार का निर्देश- सतर्क रहें सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स, सरकारी व निजी अस्पताल

बढ़ रहा है कोरोना, सरकार का निर्देश- सतर्क रहें सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स, सरकारी व निजी अस्पताल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies