रा.स्व. संघ के सरकार्यवाह मोहनराव भागवत ने पूछा-
Wednesday, May 25, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम Archive

रा.स्व. संघ के सरकार्यवाह मोहनराव भागवत ने पूछा-

Archive Manager by Archive Manager
Oct 12, 2000, 12:00 am IST
in Archive
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

दिंनाक: 12 Oct 2000 00:00:00

जान हथेली पर रख जिन स्वयंसेवकों ने सिखों को दंगाई भीड़ से बचाया उन पर झूठा आरोप लगाने वाले किसके हित साध रहे हैं?1984 के सिख विरोधी दंगों के संबंध में रा.स्व. संघ की भूमिका को लेकर कुछ निहित स्वार्थी तत्व गलत बयानी द्वारा भ्रम फैला रहे हैं। इस संदर्भ में रा.स्व. संघ के सरकार्यवाह श्री मोहनराव भागवत ने एक वक्तव्य में कहा है कि “जम्मू से प्रकाशित एक समाचार पत्र की कुछ कतरनों में यह पढ़कर हमें गहरा धक्का लगा है कि रा.स्व. संघ ने श्रीमती गांधी की हत्या के संदर्भ में 1984 में सिखों के नरसंहार को उचित ठहराया था। हम यह कल्पना भी नहीं कर सकते कि इस प्रकार के घृणित झूठ और अफवाहें इस निम्न श्रेणी की गहराई तक गिर सकती हैं। हमें यह देखकर बहुत दुख हुआ है कि जम्मू के एक समाचार पत्र में छपे एक समाचार की सत्यता की जांच किए बिना जम्मू-कश्मीर गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड के पदाधिकारियों और कुछ अन्य सिख संगठनों द्वारा रा.स्व. संघ की निंदा करने में इतनी जल्दबाजी की गई। हम उस समाचार पत्र की एक प्रति भी मंगवा रहे हैं ताकि उसके विरुद्ध मानहानि का मुकदमा किया जा सके। क्या हम यह कहें कि ये पदाधिकारी रा.स्व. संघ द्वारा इतनी निष्ठा और परिश्रम से परिपक्व और मजबूत की गई हिन्दू-सिख एकता के दुश्मनों के हाथों में खेल रहे हैं? चाहे 1947 में देश के विभाजन के समय की दुखद घटनाएं हों या कश्मीर में छत्तीसिंह पुरा हत्याकांड, रा.स्व. संघ हमेशा सिख बन्धुओं की कठिनाइयों और परीक्षा की घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा है।जहां तक राजधानी दिल्ली और अन्य स्थानों पर 1984 के सिख विरोधी दंगों का प्रश्न है तो रा.स्व. संघ ने सिख बन्धुओं की सहायता, रक्षा और राहत पहुंचाने के कार्यों में प्रमुख भूमिका निभाई थी। दिल्ली में सैकड़ों सिख परिवारों को संघ के स्वयंसेवकों के घरों में संरक्षण दिया गया तथा राहत शिविर स्थापित किए गए। स्वयंसेवकों ने अपनी जान पर खेलकर भी सिख परिवारों को अपने घरों में शरण और आवश्यक सहायता दी थी। पटना, भरतपुर, रांची और कोयम्बटूर जैसे अनेक स्थानों पर संघ के स्वयंसेवकों ने भीड़ के उन्माद से गुरुद्वारों और सिख परिवारों को बचाने में निर्णायक भूमिका अदा की थी। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में देवबंद नामक स्थान पर संघ के तहसील संघचालक ने वहां के गुरुद्वारे के प्रवेश द्वार पर चट्टान की तरह खड़े होकर उस भीड़ को रोका था जो गुरुद्वारे को क्षति पहुंचाने के लिए आ रही थी। कानपुर में स्वयंसेवकों को पागल भीड़ से लड़ना पड़ा जो विनाशलीला फैला रही थी। अनेक सिख परिवारों को हमारे प्रांत संघचालक के घर में शरण दी गई। कोयम्बटूर में आर्य वैद्यशाला के मालिक, जो वि·श्व हिन्दू परिषद् के पदाधिकारी हैं, ने उन सिख परिवारों को 15 दिनों तक अपने यहां शरण दी थी जिनके घरों पर हमले किए गए थे और दुकानें जला दी गई थीं। वास्तव में संघ के नेताओं ने सिखों के नरसंहार के संबंध में राजीव गांधी की उस प्रतिक्रिया की भत्र्सना की थी जिसमें उन्होंने उसे इंदिरा गांधी की हत्या की स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में उचित ठहराया था। हमें आश्चर्य है कि ये तथाकथित सेकुलर सिख रा.स्व. संघ के विरुद्ध ऐसे शरारतपूर्ण और झूठे आरोप लगाकर उसे बदनाम करने में किसके हितों को साध रहे हैं?अंत में हम इस प्रकार का बयान देने वाले सिख नेताओं से अपील करते हैं कि वे इन तथ्यों के प्रकाश में अपने बयान के विवेक पर पुनर्विचार करें और सच्चाई, न्याय तथा देश के व्यापक हित, विशेषकर सिखों के हित में अपने बयान को वापस ले लें।

ShareTweetSendShareSend
Previous News

हम अकाली दल के छोटे भाई नहीं हैं

Next News

साहस और धैर्य ऐसे गुण हैं जिनकी कठिन परिस्थितियों में आ पड़ने पर बड़ी आवश्यकता होती है।

संबंधित समाचार

जम्मू-कश्मीर: नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड पर सक्रिय आतंकी, घाटी में अराजकता फैलाने की कोशिश में पाकिस्तान

जम्मू कश्मीर : जैश-ए-मोहम्मद के माड्यूल का भंडाफोड़, आठ मददगार गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जम्मू-कश्मीर: नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड पर सक्रिय आतंकी, घाटी में अराजकता फैलाने की कोशिश में पाकिस्तान

जम्मू कश्मीर : जैश-ए-मोहम्मद के माड्यूल का भंडाफोड़, आठ मददगार गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

जम्मू कश्मीर : पुलिस पदकों से हटेगा शेख अब्दुल्ला का चित्र, अब राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न बनेगा पहचान

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

निकाह में “मैउद्द्दीन” को चहिए थी बुलेट, नहीं मिली तो लड़की के पिता व भाइयों को पीटा

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

भारत के साथ सबसे अच्छी दोस्ती के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध : बाइडेन

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

स्कूलों में राष्ट्रगान की तरह वन्दे मातरम् भी गाया जाए, अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

आतंकियों की कायराना हरकत, पुलिसकर्मी और बेटी पर हमला, जांबाज बलिदान

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

बर्फबारी और बारिश से प्रभावित हुई केदारनाथ धाम यात्रा

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

आंध्र प्रदेश में जिले का नाम बदलने पर हिंसा, मंत्री और विधायक के घरों में लगाई आग

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामला : हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मथुरा न्यायालय में दाखिल, सुनवाई एक जुलाई को

लक्ष्य सेन ने बढ़ाया भारत और उत्तराखंड का मान : सीएम धामी

लक्ष्य सेन ने बढ़ाया भारत और उत्तराखंड का मान : सीएम धामी

  • About Us
  • Contact Us
  • Advertise
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • Vocal4Local
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies