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बिहार में नरसंहार और कश्मीरी
हिन्दुओं की सुध कब लेगा?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ईसाइयों पर हो रहे हमले को लेकर बेहद चिंतित है। होना भी चाहिए, क्योंकि किसी भी समाज में प्रत्येक व्यक्ति को निर्भय होकर जीवन जीने का अधिकार है। लेकिन किसी को यह अधिकार भी नहीं है कि वह भावनाओं का दोहन करते हुए मतान्तरण कराए। महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानन्द ने भी ऐसे मतान्तरण को अपराध माना है। उक्त विचार वि·श्व हिन्दू परिषद् के उपाध्यक्ष आचार्य गिरिराज किशोर ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद् किसी भी प्रकार की हिंसा में वि·श्वास नहीं करता। साथ ही प्रलोभन अथवा छल से मतान्तरण की भी भत्र्सना करता है। मानवाधिकार आयोग जैसे संगठन यदि बिहार में हो रहे नरसंहारों और कश्मीर के विस्थापितों की भी चिंता करे तो श्रेयस्कर होगा। बिहार में प्रतिदिन निरीह लोगों की नृशंस हत्याएं हो रही हैं, पर आज तक किसी मानवाधिकारवादी संगठन ने सुध नहीं ली है। इसी प्रकार कश्मीर से लाखों हिन्दुओं को विस्थापित होना पड़ा, हजारों हिन्दुओं की हत्याएं हुईं, महिलाओं को अपमानित किया गया। इस बारे में भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को चिंता करनी चाहिए।
आचार्य गिरिराज किशोर ने कहा कि ईसाइयों पर हमलों के लिए वि·श्व हिन्दू परिषद् और उससे सम्बद्ध बजरंग दल किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।
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